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चव्हाण के बयान पर कांग्रेस नेताओं की बैलेंस बनाने की कोशिश - अशोक चव्हाण

कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता राजीव सातव ने कहा कि यह सच है कि अभी तक हम महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन में हैं. इसलिए चव्हाण ने जो कहा वह सही है और सामना में ऐसा कुछ नहीं लिखा है कि शिवसेना ने पवार से यूपीए अध्यक्ष बनने को कहा हो.

राजीव सातव
राजीव सातव
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Published : Dec 28, 2020, 10:51 PM IST

मुंबई : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने रविवार को कहा कि शिवसेना संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) का हिस्सा नहीं है और दोनों दलों के बीच गठबंधन महाराष्ट्र तक ही सीमित है. उनके इस बयान पर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता राजीव सातव ने कहा कि मुझे इसमें कोई दम नहीं दिख रहा है. सामना में देखा है और वहां ऐसा कुछ नहीं लिखा है कि वे पवार से यूपीए अध्यक्ष बनने को कह रहे हैं. वे (शिवसेना) राहुल और सोनिया गांधी का तहे दिल से समर्थन करते हैं.

सातव ने कहा कि हां यह सच है कि अभी तक हम महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन में हैं. इसलिए चव्हाण ने जो कहा वह सही है. वहीं दिग्गज कांग्रेसी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने भी शरद पवार के यूपीए अध्यक्ष का पद संभालने की अटकलों पर प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने ट्वीट करके कहा था कि यह पद प्रधानमंत्री का नहीं है और यहां तक कि पवार भी नहीं चाहेंगे कि ऐसा कुछ हो.

राजीव सातव का बयान

ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'यह कांग्रेस का स्थापना दिवस है. हम इस अवसर का जश्न मना रहे हैं. फिर भाजपा को क्या समस्या है? सही सवाल यह होगा कि प्रधानमंत्री कब एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे? पिछले 6 वर्षों में? प्रधानमंत्री ने एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की. हमसे सवाल करने वाली भाजपा कौन है?

उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि राहुल गांधी एकमात्र व्यक्ति हैं जो मोदी सरकार की जनविरोधी नीति के खिलाफ खड़े हुए हैं. अगर गिरिराज को इतनी दिलचस्पी है, तो उन्हें हमें पीएम की प्रेस कॉन्फ्रेंस की तारीख के बारे में बताना चाहिए.

इससे पहले शनिवार को शिवसेना सांसद संजय राउत ने कांग्रेस नीत संप्रग के विस्तार की बात कही थी.

महाराष्ट्र के लोक निर्माण विभाग मंत्री चव्हाण ने संवाददाताओं से कहा कि ऐसे में शिवसेना को संप्रग के नेतृत्व को लेकर कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए.

राज्य की महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार का नेतृत्व शिवसेना कर रही है, जिसमें कांग्रेस और राकांपा भी शामिल है.

उन्होंने कहा, 'शिवसेना को अभी संप्रग का हिस्सा बनना बाकी है. महाराष्ट्र में सेना के साथ हमारा गठबंधन न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर आधारित है और महाराष्ट्र तक सीमित है.'

राउत ने कहा था कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार को संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत सभी दलों का समर्थन प्राप्त है, इस पर चव्हाण ने कहा कि संप्रग नेतृत्व के बारे में उद्धव ठाकरे नीत पार्टी को टिप्पणी नहीं करनी चाहिए.

उन्होंने कहा, 'शरद पवार ने स्वयं उन अटकलों को खारिज किया है कि वह संप्रग के अगले अध्यक्ष होंगे. संप्रग के सहयोगी दलों को सोनिया गांधी के नेतृत्व में पूरा भरोसा है. ऐसे में इस विषय पर चर्चा करने की कोई आवश्यकता नहीं है.'

पढ़ें - ईडी के नोटिस पर भड़के संजय राउत, कहा- महिलाओं को निशाना बनाना कायरता

उल्लेखनीय है कि शिवसेना सांसद संजय राउत ने शनिवार को संप्रग का दायरा बढ़ाने का आह्वान किया था और कहा कि विपक्ष को केंद्र के 'तानाशाही रवैये' के खिलाफ एकजुट होना चाहिए और केंद्र सरकार के खिलाफ 'मजूबत विकल्प' देना चाहिए.

उन्होंने कहा था, 'सभी विपक्षी पार्टियों को केंद्र सरकार के तानाशाही रवैये के खिलाफ एकसाथ आना चाहिए. कमजोर विपक्ष लोकतंत्र के लिए खराब है.'

मुंबई : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने रविवार को कहा कि शिवसेना संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) का हिस्सा नहीं है और दोनों दलों के बीच गठबंधन महाराष्ट्र तक ही सीमित है. उनके इस बयान पर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता राजीव सातव ने कहा कि मुझे इसमें कोई दम नहीं दिख रहा है. सामना में देखा है और वहां ऐसा कुछ नहीं लिखा है कि वे पवार से यूपीए अध्यक्ष बनने को कह रहे हैं. वे (शिवसेना) राहुल और सोनिया गांधी का तहे दिल से समर्थन करते हैं.

सातव ने कहा कि हां यह सच है कि अभी तक हम महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन में हैं. इसलिए चव्हाण ने जो कहा वह सही है. वहीं दिग्गज कांग्रेसी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने भी शरद पवार के यूपीए अध्यक्ष का पद संभालने की अटकलों पर प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने ट्वीट करके कहा था कि यह पद प्रधानमंत्री का नहीं है और यहां तक कि पवार भी नहीं चाहेंगे कि ऐसा कुछ हो.

राजीव सातव का बयान

ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'यह कांग्रेस का स्थापना दिवस है. हम इस अवसर का जश्न मना रहे हैं. फिर भाजपा को क्या समस्या है? सही सवाल यह होगा कि प्रधानमंत्री कब एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे? पिछले 6 वर्षों में? प्रधानमंत्री ने एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की. हमसे सवाल करने वाली भाजपा कौन है?

उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि राहुल गांधी एकमात्र व्यक्ति हैं जो मोदी सरकार की जनविरोधी नीति के खिलाफ खड़े हुए हैं. अगर गिरिराज को इतनी दिलचस्पी है, तो उन्हें हमें पीएम की प्रेस कॉन्फ्रेंस की तारीख के बारे में बताना चाहिए.

इससे पहले शनिवार को शिवसेना सांसद संजय राउत ने कांग्रेस नीत संप्रग के विस्तार की बात कही थी.

महाराष्ट्र के लोक निर्माण विभाग मंत्री चव्हाण ने संवाददाताओं से कहा कि ऐसे में शिवसेना को संप्रग के नेतृत्व को लेकर कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए.

राज्य की महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार का नेतृत्व शिवसेना कर रही है, जिसमें कांग्रेस और राकांपा भी शामिल है.

उन्होंने कहा, 'शिवसेना को अभी संप्रग का हिस्सा बनना बाकी है. महाराष्ट्र में सेना के साथ हमारा गठबंधन न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर आधारित है और महाराष्ट्र तक सीमित है.'

राउत ने कहा था कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार को संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत सभी दलों का समर्थन प्राप्त है, इस पर चव्हाण ने कहा कि संप्रग नेतृत्व के बारे में उद्धव ठाकरे नीत पार्टी को टिप्पणी नहीं करनी चाहिए.

उन्होंने कहा, 'शरद पवार ने स्वयं उन अटकलों को खारिज किया है कि वह संप्रग के अगले अध्यक्ष होंगे. संप्रग के सहयोगी दलों को सोनिया गांधी के नेतृत्व में पूरा भरोसा है. ऐसे में इस विषय पर चर्चा करने की कोई आवश्यकता नहीं है.'

पढ़ें - ईडी के नोटिस पर भड़के संजय राउत, कहा- महिलाओं को निशाना बनाना कायरता

उल्लेखनीय है कि शिवसेना सांसद संजय राउत ने शनिवार को संप्रग का दायरा बढ़ाने का आह्वान किया था और कहा कि विपक्ष को केंद्र के 'तानाशाही रवैये' के खिलाफ एकजुट होना चाहिए और केंद्र सरकार के खिलाफ 'मजूबत विकल्प' देना चाहिए.

उन्होंने कहा था, 'सभी विपक्षी पार्टियों को केंद्र सरकार के तानाशाही रवैये के खिलाफ एकसाथ आना चाहिए. कमजोर विपक्ष लोकतंत्र के लिए खराब है.'

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