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पश्चिम बंगाल को गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत शामिल करें मोदी : अधीर रंजन चौधरी - congress leader adhir ranjan choudhary

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल को गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत शामिल करने का अनुरोध किया हैं.

अधीर रंजन चौधरी, कांग्रेस नेता
अधीर रंजन चौधरी, कांग्रेस नेता
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Published : Jun 22, 2020, 11:46 AM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा. उन्होंने पत्र में पश्चिम बंगाल को 'गरीब कल्याण रोजगार अभियान' के तहत शामिल करने का अनुरोध किया.

चौधरी ने कहा कि आपने गरीब कल्याण रोजगार अभियान की घोषणा की है जिसमें छह राज्यों के 116 जिले शामिल हैं और यह कार्यक्रम 125 दिनों तक जारी रहेगा जिससे घर वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों को रोजगार मिलेगा.

उन्होंने कहा इस अभियान का मापदंड उन जिलों को शामिल करने के लिए निर्धारित किया गया है जहां प्रवासी श्रमिकों की आबादी न्यूनतम 25 हजार है. पश्चिम बंगाल में लाखों प्रवासी श्रमिक लॉकडाउन के कारण अपने गांव वापस आ गए हैं. वह अब बेरोजगार और निराश हो गए हैं.

पढ़ें- कांग्रेस की प्रताड़नाओं के कारण मैं स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को झेल रही हूं : प्रज्ञा ठाकुर

उन्होंने पत्र में आगे लिखा कि पश्चिम बंगाल भारत के प्रमुख राज्यों में से एक है, जो प्रवासी श्रमिकों का एक बड़ा हिस्सा है, लेकिन मुझे यह देखकर आश्चर्य होता है कि पश्चिम बंगाल राज्य के एक भी जिले को गरीब कल्याण रोजगार अभियान में शामिल नहीं किया गया है.

उन्होंने उन जिलों की संख्या का पुनर्मूल्यांकन करने का प्रस्ताव दिया है जो कार्यक्रम में शामिल होने के हकदार हैं.

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा. उन्होंने पत्र में पश्चिम बंगाल को 'गरीब कल्याण रोजगार अभियान' के तहत शामिल करने का अनुरोध किया.

चौधरी ने कहा कि आपने गरीब कल्याण रोजगार अभियान की घोषणा की है जिसमें छह राज्यों के 116 जिले शामिल हैं और यह कार्यक्रम 125 दिनों तक जारी रहेगा जिससे घर वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों को रोजगार मिलेगा.

उन्होंने कहा इस अभियान का मापदंड उन जिलों को शामिल करने के लिए निर्धारित किया गया है जहां प्रवासी श्रमिकों की आबादी न्यूनतम 25 हजार है. पश्चिम बंगाल में लाखों प्रवासी श्रमिक लॉकडाउन के कारण अपने गांव वापस आ गए हैं. वह अब बेरोजगार और निराश हो गए हैं.

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उन्होंने पत्र में आगे लिखा कि पश्चिम बंगाल भारत के प्रमुख राज्यों में से एक है, जो प्रवासी श्रमिकों का एक बड़ा हिस्सा है, लेकिन मुझे यह देखकर आश्चर्य होता है कि पश्चिम बंगाल राज्य के एक भी जिले को गरीब कल्याण रोजगार अभियान में शामिल नहीं किया गया है.

उन्होंने उन जिलों की संख्या का पुनर्मूल्यांकन करने का प्रस्ताव दिया है जो कार्यक्रम में शामिल होने के हकदार हैं.

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