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भीमा कोरेगांव मामला : नवलखा-तेलतुम्बडे ने किया आत्मसमर्पण

गौतम नवलखा और आनंद तेलतुम्बडे ने भीमा कोरेगांव मामले में एनआईए के समक्ष आत्मसमर्पण किया. इन दोनों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने कहा कि वह प्रतिबंधित माओवादी समूहों के सक्रिय सदस्य हैं.

भीमा कोरेगांव मामला
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Published : Apr 14, 2020, 3:44 PM IST

Updated : Apr 14, 2020, 4:21 PM IST

नई दिल्ली : एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में नागरिक अधिकार कार्यकर्ता एवं बुद्धिजीवी आनंद तेलतुम्बडे और गौतम नवलखा आत्मसमर्पण करने के लिए यहां राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के कार्यालय पहुंचे.

तेलतुम्बडे के वकील मिहिर देसाई ने बताया कि तेलतुम्बडे आत्मसमर्पण करने के लिए एनआईए के दक्षिण मुंबई के कम्बाला हिल स्थित कार्यालय पहुंचे.

माओवादियों से संबंध के आरोप में तेलतुम्बडे, गौतम नवलखा और कई अन्य नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामले दर्ज किए गए हैं.

इन कार्यकर्ताओं को शुरूआत में कोरेगांव-भीमा में भड़की हिंसा के बाद पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया था.

पुलिस के अनुसार इन लोगों ने 31 दिसम्बर, 2017 को पुणे में आयोजित एल्गार परिषद की बैठक में भड़काऊ भाषण और बयान दिए थे, जिसके अगले दिन हिंसा भड़क गई थी.

पुलिस ने कहा कि वह प्रतिबंधित माओवादी समूहों के सक्रिय सदस्य हैं. इसके बाद यह मामला एनआईए को सौंप दिया गया था.

बम्बई उच्च न्यायालय ने अग्रिम जमानत याचिकाओं की सुनवाई करते हुए तेलतुम्बडे और सह-आरोपी गौतम नवलखा को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की थी.

उच्च न्यायालय द्वारा उनकी याचिकाओं को खारिज किए जाने के बाद इन दोनों ने उच्चतम न्यायालय का रूख किया था. 17 मार्च, 2020 को शीर्ष अदालत ने इनकी याचिकाओं को खारिज कर दिया था और तीन सप्ताह के भीतर उन्हें आत्मसमर्पण करने को कहा था. उच्चतम न्यायालय ने नौ अप्रैल को इन दोनों को आत्मसमर्पण करने के लिए एक और सप्ताह का समय दिया था.

पढ़ें-भीमा-कोरेगांव हिंसा : सुप्रीम कोर्ट- एक हफ्ते में समर्पण करें नवलखा और तेल्तुम्बडे

नई दिल्ली : एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में नागरिक अधिकार कार्यकर्ता एवं बुद्धिजीवी आनंद तेलतुम्बडे और गौतम नवलखा आत्मसमर्पण करने के लिए यहां राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के कार्यालय पहुंचे.

तेलतुम्बडे के वकील मिहिर देसाई ने बताया कि तेलतुम्बडे आत्मसमर्पण करने के लिए एनआईए के दक्षिण मुंबई के कम्बाला हिल स्थित कार्यालय पहुंचे.

माओवादियों से संबंध के आरोप में तेलतुम्बडे, गौतम नवलखा और कई अन्य नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामले दर्ज किए गए हैं.

इन कार्यकर्ताओं को शुरूआत में कोरेगांव-भीमा में भड़की हिंसा के बाद पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया था.

पुलिस के अनुसार इन लोगों ने 31 दिसम्बर, 2017 को पुणे में आयोजित एल्गार परिषद की बैठक में भड़काऊ भाषण और बयान दिए थे, जिसके अगले दिन हिंसा भड़क गई थी.

पुलिस ने कहा कि वह प्रतिबंधित माओवादी समूहों के सक्रिय सदस्य हैं. इसके बाद यह मामला एनआईए को सौंप दिया गया था.

बम्बई उच्च न्यायालय ने अग्रिम जमानत याचिकाओं की सुनवाई करते हुए तेलतुम्बडे और सह-आरोपी गौतम नवलखा को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की थी.

उच्च न्यायालय द्वारा उनकी याचिकाओं को खारिज किए जाने के बाद इन दोनों ने उच्चतम न्यायालय का रूख किया था. 17 मार्च, 2020 को शीर्ष अदालत ने इनकी याचिकाओं को खारिज कर दिया था और तीन सप्ताह के भीतर उन्हें आत्मसमर्पण करने को कहा था. उच्चतम न्यायालय ने नौ अप्रैल को इन दोनों को आत्मसमर्पण करने के लिए एक और सप्ताह का समय दिया था.

पढ़ें-भीमा-कोरेगांव हिंसा : सुप्रीम कोर्ट- एक हफ्ते में समर्पण करें नवलखा और तेल्तुम्बडे

Last Updated : Apr 14, 2020, 4:21 PM IST
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