श्रीनगर : नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जम्मू कश्मीर में 4जी इंटरनेट सेवा बहाल करने का अनुरोध किया और कहा कि इस सेवा के अभाव में लोगों को कई दिक्कतें हो रही हैं. अब्दुल्ला ने कोविड-19 रोधी टीके की सफलता के लिए दुआ की और कहा कि लोगों को समृद्धि एवं विकास के लिए हर कीमत पर सांप्रदायिक सौहार्द तथा भाईचारा बनाए रखना चाहिए.
उन्होंने यहां एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि भारत में 5जी आ रहा है, जबकि हम 4जी (मोबाइल इंटरनेट सेवा) से भी वंचित हैं. वह कुर्सी छोड़ने के बाद यहां आएं और रहकर देखें कि हम 2जी (सेवा) के साथ कैसे जी रहे हैं. पिछले साल अगस्त में समूचे जम्मू कश्मीर में 4जी सेवाएं बंद कर दी गई थीं. जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद यह कदम उठाया गया था.
हालांकि, दो जिलों में, जम्मू के उधमपुर और कश्मीर के गंदेरबल में सालभर से अधिक समय बाद यह सेवाएं बहाल कर दी गई थी, लेकिन शेष 18 जिलों में यह अब भी निलंबित है. अब्दुल्ला ने कहा कि छात्र अपने घर पर हैं और वे इंटरनेट के जरिए पढ़ाई कर रहे हैं तथा व्यावसायी भी इंटरनेट सेवा पर निर्भर हैं. मेरा प्रधानमंत्री से अनुरोध है कि यदि आप कहते हैं कि यह स्थान विकास के पथ पर है तो हमें अल्लाह की खातिर 4जी दीजिए ताकि हम भी और हमारे बच्चे भी आगे बढ़ सकें.
उन्होंने कहा कि इस पर ध्यान देने की जरूरत है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 28,000 करोड़ रूपये के पैकेज के बात की जा रही है. पहले हमें यह बताइए कि 80,000 रुपये के पिछले पैकेज क्या हुआ और पैसा कहां चला गया? हमारी हालत देखिए और सेना नहीं होती तो श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग साल भर बंद रहता. नेकां नेता ने राजमार्ग पर सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा यातायात बहाल करने का जिक्र करते हुए यह कहा. बीआरओ ने 10 जनवरी को सड़क का एक हिस्सा धंस जाने के बाद यातायात बहाल करने के लिए केला मोड़ के नजदीक एक बेली ब्रिज बनाया था
अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोग शून्य डिग्री सेल्सियस के आसपास तापमान रहने के कारण कई सारी समस्याओं का सामना कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कश्मीर में हम किन समस्याओं का सामना कर रहे हैं उस बारे में क्या बताऊं. बिजली, पेट्रोल, डीजल, केरोसीन तेल नहीं है. खाद्य वस्तुओं का अभाव है. कश्मीर का द्वार जम्मू है और यह दुखद है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा 2007 तक जिस रेल लिंक (कश्मीर और शेष देश के बीच) की योजना को पूरा करने का वादा किया गया था उसे इस शासन ने संशोधित कर 2022 तक के लिए कर दिया है.
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अब्दुल्ला ने कहा कि वह अपने भाई मुस्तफा कमाल को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग से सफर नहीं करने की सलाह दे रहे हैं क्योंकि वहां भूस्खलन के कारण सड़क पर चट्टानें गिरने का खतरा है. उन्होंने कहा कि कोई भी धर्म नफरत करने की शिक्षा नहीं देता है. उन्होने यह भी कहा कि हम मर जाएंगे लेकिन उर्दू बनी रहेगी. यह भारत की पहचान है.