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20 से 26 हवाई अड्डों को होगा निजीकरण : AAI

सरकार ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के माध्यम से छह हवाई अड्डों का निजीकरण करने का फैसला किया था, जिनमें से पांच को फरवरी 2019 में अडानी समूह को दे दिया गया है.

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Published : Jul 26, 2019, 10:00 PM IST

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि इस साल की शुरुआत में निजी कंपनियों द्वारा समर्थित छह हवाई अड्डों के अलावा अगले चरण में 20-25 हवाई अड्डों का निजीकरण किया जाएगा.

गुरु प्रसाद महापात्रा

एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन गुरुप्रसाद महापात्र ने कहा, 'हमने यह समझने के लिए दो सलाहकार नियुक्त किए हैं कि कौन से हवाई अड्डे निजी निवेश के लिए आकर्षक हैं.'

उन्होंने कहा, 'एक सलाहकार की रिपोर्ट तैयार है और एक और विचार करने के लिए सबसे अच्छा संयोजन के बारे में सोचा जा सकता है.'

बता दें कि पिछले साल, सरकार ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के माध्यम से छह हवाई अड्डों का निजीकरण करने का फैसला किया था, जिनमें से पांच को फरवरी 2019 में अडानी समूह को दे दिया गया है.

जिन हवाई अड्डों का निजीकरण करने का फैसला किया गया है उनमें लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मांगुरुरु, तिरुवनंतपुरम हैं और गुवाहाटी के हवाई अड्डे शामिल हैं.

एक शहर में दूसरे हवाई अड्डों के लिए सरकारी योजनाओं पर बोलते हुए, महापात्र ने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्री ने पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों को कोलकाता और चेन्नई में परियोजनाओं के लिए भूमि खोजने के लिए एक पत्र लिखा था.

उन्होंने आगे कहा कि अहमदाबाद में दूसरा हवाई अड्डा बनेगा और भुवनेश्वर में हवाई अड्डे के लिए भूमि लगभग फाइनल हो गई है.

महापात्रा ने कहा कि हम राज्य सरकारों से अनुरोध कर रहे हैं कि वे ज़मीन का अधिग्रहण न करें, बस ज़मीन की पहचान करें, इसे तकनीकी रूप से व्यवहार्य घोषित करें और फिर उसके चारों ओर इमारत प्रतिबंध लगा दें.ताकि भविष्य में जब भी हमें ज़मीन की ज़रूरत हो, हम इसे हासिल कर सकें.

पढ़ें- मॉब लिचिंग पर कोर्ट के निर्देश की लागू न करने पर केंद्र और राज्य सरकारों को SC का नोटिस

AAI के अध्यक्ष ने बताया कि दिल्ली, हैदराबाद और बेंगलुरु को छोड़कर, देश के किसी भी हवाई अड्डे के पास 4,000 एकड़ जमीन नहीं है. 'हमने कभी नहीं सोचा था आम आदमी भी हवाई यात्रा कर सकेगा. हमने हमेशा सोचा था कि विमानन का उपयोग उच्च वर्ग ही करेगा और इसलिए हमने रेलवे की तरह किसी भी भूमि का अधिग्रहण नहीं किया.

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि इस साल की शुरुआत में निजी कंपनियों द्वारा समर्थित छह हवाई अड्डों के अलावा अगले चरण में 20-25 हवाई अड्डों का निजीकरण किया जाएगा.

गुरु प्रसाद महापात्रा

एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन गुरुप्रसाद महापात्र ने कहा, 'हमने यह समझने के लिए दो सलाहकार नियुक्त किए हैं कि कौन से हवाई अड्डे निजी निवेश के लिए आकर्षक हैं.'

उन्होंने कहा, 'एक सलाहकार की रिपोर्ट तैयार है और एक और विचार करने के लिए सबसे अच्छा संयोजन के बारे में सोचा जा सकता है.'

बता दें कि पिछले साल, सरकार ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के माध्यम से छह हवाई अड्डों का निजीकरण करने का फैसला किया था, जिनमें से पांच को फरवरी 2019 में अडानी समूह को दे दिया गया है.

जिन हवाई अड्डों का निजीकरण करने का फैसला किया गया है उनमें लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मांगुरुरु, तिरुवनंतपुरम हैं और गुवाहाटी के हवाई अड्डे शामिल हैं.

एक शहर में दूसरे हवाई अड्डों के लिए सरकारी योजनाओं पर बोलते हुए, महापात्र ने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्री ने पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों को कोलकाता और चेन्नई में परियोजनाओं के लिए भूमि खोजने के लिए एक पत्र लिखा था.

उन्होंने आगे कहा कि अहमदाबाद में दूसरा हवाई अड्डा बनेगा और भुवनेश्वर में हवाई अड्डे के लिए भूमि लगभग फाइनल हो गई है.

महापात्रा ने कहा कि हम राज्य सरकारों से अनुरोध कर रहे हैं कि वे ज़मीन का अधिग्रहण न करें, बस ज़मीन की पहचान करें, इसे तकनीकी रूप से व्यवहार्य घोषित करें और फिर उसके चारों ओर इमारत प्रतिबंध लगा दें.ताकि भविष्य में जब भी हमें ज़मीन की ज़रूरत हो, हम इसे हासिल कर सकें.

पढ़ें- मॉब लिचिंग पर कोर्ट के निर्देश की लागू न करने पर केंद्र और राज्य सरकारों को SC का नोटिस

AAI के अध्यक्ष ने बताया कि दिल्ली, हैदराबाद और बेंगलुरु को छोड़कर, देश के किसी भी हवाई अड्डे के पास 4,000 एकड़ जमीन नहीं है. 'हमने कभी नहीं सोचा था आम आदमी भी हवाई यात्रा कर सकेगा. हमने हमेशा सोचा था कि विमानन का उपयोग उच्च वर्ग ही करेगा और इसलिए हमने रेलवे की तरह किसी भी भूमि का अधिग्रहण नहीं किया.

Intro:New Delhi: The centre today said that 20-25 airports would be privatised in the next phase in addition to the six airports that have been backed by private companies early this year.

"We have appointed two consultants to understand which airports are attractive for the private investments," Airport Authority of India chairman Guruprasad Mohapatra said. "One consultant report is ready and another one is under consideration to see what best combination can be thought of."


Body:Last year, the government had decided to privatise six airports through a public-private partnership (PPP) model, five of which was bagged by the Adani group in February 2019. The six airports are Lucknow, Ahmedabad, Jaipur, Mangaluru, Thiruvananthapuram and Guwahati.

Speaking on government plans for second airports in a city, Mohapatra said the civil aviation minister had written a letter to the chief ministers of West Bengal and Tamil Nadu about finding the land for projects in Kolkata and Chennai, respectively.

He added that Ahmedabad will have a second airport and land is almost finalised in Bhubaneswar, adding that a visit to the sites is remaining before a final nod.




Conclusion:"We are requesting state governments to not acquire the land, just identify the land, declare it technically feasible and then impose the building restrictions around that. So that in future whenever we need the land we can acquire it," Mohapatra said.

The AAI chairman said except Delhi, Hyderabad and Bengaluru, no airport in the country has 4,000 acres of land. "We never thought aviation would be a common man's activity, " he quipped. "We always thought aviation would be of elitist activity and so we didn't acquire any land like railways have."
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