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सुप्रीम कोर्ट : मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ अवमानना याचिका दायर - contempt of court pil

सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर कर आपराधिक इतिहास की जानकारी नहीं देने वाले नेताओं कर कार्रवाई की मांग की गई है. याचिका दिल्ली के वकील ब्रजेश सिंह ने दायर की है.

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Published : Nov 9, 2020, 3:52 PM IST

Updated : Nov 9, 2020, 10:14 PM IST

नई दिल्ली : चुनाव से पहले अपने आपराधिक इतिहास की जानकारी नहीं देने व कोर्ट के आदेश का अनुपालन न करा पाने पर राजनेताओं समेत चुनाव अधिकारियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई है. दिल्ली के वकील ब्रजेश सिंह ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा, कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला, बीजेपी नेता बीएल संतोष, मुख्य चुनाव अधिकारी एचआर श्रीनिवास, जेडीयू के केसी त्यागी समेत अन्य के खिलाफ याचिका दायर की है.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं करा पाने के कारण चुनाव अधिकारियों के नाम याचिका में शामिल किए गए हैं. 13 फरवरी 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि सभी राजनैतिक दलों को अपने नेताओं का आपराधिक इतिहास कारण समेत बताना होगा.

न्यायालय ने आदेश दिया था कि इसे स्थानीय और राष्ट्रीय समाचार पत्रों में चयन के 48 घंटे के भीतर या नामांकन दाखिल करने की पहली तारीख से 2 सप्ताह पहले प्रकाशित किया जाना चाहिए. यह फैसला वकील और भाजपा सदस्य अश्विनी उपाध्याय की जनहित याचिका के जवाब में आया था.

164 उम्मीदवार का आपराधिक इतिहास

ब्रजेश सिंह की याचिका में कहा गया है कि बिहार चुनाव में आरजेडी के बाद सबसे ज्यादा दागी उम्मीदवार बीजेपी के हैं. 353 उम्मीदवारों में से कुल 164 को आपराधिक इतिहास के बावजूद चुनाव लड़ने की अनुमति दी गई है.

नई दिल्ली : चुनाव से पहले अपने आपराधिक इतिहास की जानकारी नहीं देने व कोर्ट के आदेश का अनुपालन न करा पाने पर राजनेताओं समेत चुनाव अधिकारियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई है. दिल्ली के वकील ब्रजेश सिंह ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा, कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला, बीजेपी नेता बीएल संतोष, मुख्य चुनाव अधिकारी एचआर श्रीनिवास, जेडीयू के केसी त्यागी समेत अन्य के खिलाफ याचिका दायर की है.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं करा पाने के कारण चुनाव अधिकारियों के नाम याचिका में शामिल किए गए हैं. 13 फरवरी 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि सभी राजनैतिक दलों को अपने नेताओं का आपराधिक इतिहास कारण समेत बताना होगा.

न्यायालय ने आदेश दिया था कि इसे स्थानीय और राष्ट्रीय समाचार पत्रों में चयन के 48 घंटे के भीतर या नामांकन दाखिल करने की पहली तारीख से 2 सप्ताह पहले प्रकाशित किया जाना चाहिए. यह फैसला वकील और भाजपा सदस्य अश्विनी उपाध्याय की जनहित याचिका के जवाब में आया था.

164 उम्मीदवार का आपराधिक इतिहास

ब्रजेश सिंह की याचिका में कहा गया है कि बिहार चुनाव में आरजेडी के बाद सबसे ज्यादा दागी उम्मीदवार बीजेपी के हैं. 353 उम्मीदवारों में से कुल 164 को आपराधिक इतिहास के बावजूद चुनाव लड़ने की अनुमति दी गई है.

Last Updated : Nov 9, 2020, 10:14 PM IST
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