नई दिल्ली : देशभर में आज 71वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है. इस अवसर पर देश के प्रथम नागरिक द्वारा तिरंगा फहराया जाएगा. राष्ट्रगान गाया जाएगा और 21 तोपों की सलामी दी जाती है. इसके साथ ही सैन्य बलों द्वारा परेड की जाएगी. इस बार का गणतंत्र दिवस समारोह पिछले वर्षों से कुछ अलग है. राजपथ पर आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह की परम्परागत परेड में इस बार के खास मेहमान ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो हैं.
भारत के 71 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर रविवार को आयोजित होने वाले समारोह में देश की बढ़ती हुई सैन्य शक्ति, बहुमूल्य सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक-आर्थिक प्रगति का भव्य प्रदर्शन होगा.
वहीं गणतंत्र दिवस के बीटिंग रिट्रीट कार्यक्रम के आखिर में एक खास अंग्रेजी धुन 'अबाइड विथ मी' बजाई जाती है, लेकिन इस बार इसमें वंदे मातरम धुन को भी जोड़ा गया है.
आकर्षक होगा परेड
राजपथ पर आयोजित परेड में देश की तीनों सेनाओं की टुकड़ियां बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगी. भिन्न राज्यों और कुछ संस्थानों की आकर्षक झांकियां भी परेड की शोभा बढ़ाएंगी. परेड देखने के लिए भोर से ही इंडिया गेट के पास लोगों का हूजुम उमड़ने लगेगा.
राजपथ पर राष्ट्र की बहुमूल्य सांस्कृतिक धरोहर और आर्थिक प्रगति को दर्शाने वाली 22 झांकियों में से 16 झांकियां राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की होंगी और छह विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की होंगी.
परेड में शामिल होगी सेना की कई अहम टुकड़ी
परेड में पहला दस्ता सेना की 61वीं घुड़सवार टुकड़ी का होगा. छह टुकड़ियों को मिलाकर एक अगस्त 1953 को स्थापित यह टुकड़ी विश्व की एकमात्र सक्रिय सैन्य घुड़सवार टुकड़ी है.
भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व 61वीं घुड़सवार टुकड़ी का दस्ता, आठ मैकेनाइज्ड दस्ते, छह पैदल दस्ते तथा रूद्र और फ्लाई पास्ट करते ध्रुव उन्नत हल्के हेलीकाप्टर करेंगे.
पैदल मार्च करने वाले दस्तों में भारतीय सेना की पैराशूट रेजिमेंट, ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट, सिख लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट, कुमाऊँ रेजिमेंट और सिग्नल कोर के दस्ते सम्मिलित होंगे.
इसके बाद नौसेना की झांकी प्रदर्शित होगी जिसका शीर्षक होगा 'भारतीय नौसेना- शांत, शक्तिशाली और तीव्र'.
इस साल परेड में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का महिला मोटरसाइकिल चालक दस्ता चुनौतीपूर्ण करतब दिखाएगा. दस्ते की कमान निरीक्षक सीमा नाग के हाथ में होगी जो चलती हुई मोटरसाइकिल के ऊपर खड़ी होकर सलामी देंगी.
स्वदेश निर्मित युद्धक वाहन और टैंक होंगे आकर्षण का केंद्र
भारतीय सेना के स्वदेश में निर्मित मुख्य युद्धक टैंक टी-90 भीष्म, इन्फैंट्री युद्धक वाहन 'बॉलवे मशीन पिकाटे', के-9 वज्र और धनुष तोपें, चलित उपग्रह टर्मिनल और आकाश मिसाइल प्रणाली मैकेनाइज्ड दस्ते का मुख्य आकर्षण होंगे.
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वायुसेना दिखाएगी अपना हुनर
ऐसा पहली बार होगा जब गणतंत्र दिवस परेड में सशस्त्र सेनाओं के तीनों अंग एक साथ 'ट्राई सर्विस' फार्मेशन में दिखेंगे.
वायुसेना की झांकी में राफेल और तेजस युद्धक विमान, हल्के लड़ाकू हेलीकाप्टर, आकाश मिसाइल प्रणाली और अस्त्र मिसाइल के मॉडल प्रदर्शित किए जाएंगे.
इसके बाद चिनूक हेलीकाप्टर 'विक' फार्मेशन में उड़ते दिखाई देंगे. परेड में अपाचे हेलीकाप्टर, डोर्नियर विमान और सी-130 जे सुपर हरक्यूलीज विमान भी दिखाई देंगे.
पांच जगुआर विमान और पांच मिग-29 विमान 'एरोहेड' फार्मेशन में वायुसेना के पराक्रम का प्रदर्शन करेंगे.
परेड का समापन सुखोई-30 एमकेआई जेट विमानों के हवाई करतब से होगा.
परेड के अंतिम चरण में बहुप्रतीक्षित फ्लाई पास्ट होगा जिसमें तीन उन्नत हल्के हेलीकाप्टर 'त्रिशूल' फार्मेशन में उड़ते दिखाई देंगे.
इनके हाथों में सैन्य टुकड़ियों का नेतृत्व
परेड की कमान परेड कमांडर दिल्ली क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल असित मिस्त्री के हाथों में होगी. दिल्ली क्षेत्र के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल आलोक कक्कड़ परेड के सेकंड-इन-कमांड होंगे.
गणतंत्र दिवस परेड में महिला सशक्तिकरण भी देखने को मिलेगा. कैप्टन तान्या शेरगिल परेड के दौरान सेना की टुकड़ी का नेतृत्व करेंगी. वह परेड का नेतृत्व करने वाली पहली महिला परेड एडजुटेंट (सैन्य अधिकारी) होंगी.
भारतीय वायुसेना के दस्ते में वायुसेना के 144 जवान होंगे जिसकी कमान फ्लाइट लेफ्टिनेंट श्रीकांत शर्मा के हाथ में होगी.
गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति द्वारा वीरता पुरस्कार भी दिए जाते हैं.
रिटायर कर्नल जीवन इस बार भी परेड की कमेंट्री करते नजर आएंगे. वह 2010 से लगातार परेड के दौरान कमेंट्री करते आ रहे हैं.
प्रधानमंत्री इस बार अब तक की परम्परा से हटकर नेशनल वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के साथ सेना के तीनों अंगों के प्रमुख भी उपस्थित रहेंगे. अब तक की परम्परा यह थी कि गणतंत्र दिवस परेड से पहले प्रधानमंत्री इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धाजंलि अर्पित करते थे.
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इसी दिन 1950 को दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान लागू किया गया था.
26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है गणतंत्र दिवस
26 जनवरी को इसलिए गणतंत्र दिवस मनाया जाता है, कि इसी दिन 1950 में भारतीय संविधान को लागू किया गया था. इसी दिन 1929 में अंग्रेजी शासन के विरुद्ध कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज का नारा दिया था.
पूरे देश में रहती है धूम
गणतंत्र दिवस के अवसर पर देशभर में राष्ट्रीय गीत और राष्ट्रगान की धुन गूंजती है. स्कूलों, कॉलेजों सरकारी दफ्तरों और अन्य जगहों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है और कई जगहों पर देशभक्ति के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. वहीं नई दिल्ली स्थित राजपथ पर देश की तीनों सेनाओं के जवान राष्ट्राध्यक्ष और तिरंगे को सलामी देते हैं. परेड के दौरान सैन्य जवान हैरतंगेज कारनामे प्रदर्शित करते हैं.
पहले गणतंत्र दिवस पर कहां फहराया गया था तिरंगा
देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने दिल्ली स्थित इरविन स्टेडियम (वर्तमान में मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम) में राष्ट्रीय ध्वज फहराया था. इस खास मौके पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो खास मेहमान थे.
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आज ही के दिन डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने ली थी राष्ट्रपति पद की शपथ
26 जनवरी 1950 को गणतंत्र दिवस का उत्सव मनाने से पहले भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने शपथ ली थी और इस दौरान पहली बार सेना द्वारा राष्ट्राध्यक्ष को सलामी दी गई थी.