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योजनाओं की सौगात लेकर जम्मू-कश्मीर जाएंगे केंद्र सरकार के 36 मंत्री

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पीयूष गोयल, स्मृति इरानी, महेंद्र नाथ पांडे, रविशंक प्रसाद
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Published : Jan 15, 2020, 8:43 PM IST

Updated : Jan 16, 2020, 8:20 AM IST

20:40 January 15

केंद्रीय मंत्रियों की कश्मीर यात्रा

नई दिल्ली : आर्टिकल 370 हटने के बाद 36 केंद्रीय मंत्री पहली बार जम्मू कश्मीर का दौरा करेंगे. गृह मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, 18 से 24 जनवरी के बीच ये 36 केंद्रीय मंत्री जम्मू में 51 स्थानों के अलावा कश्मीर के आठ स्थानों पर जाएंगे.

नाम जाहिर न करने की शर्त पर केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'मंत्रियों का मुख्य काम सरकार द्वारा की गई विकास पहल को साझा करना होगा. यह लोग जम्मू-कश्मीर के लोगों तक पहुंचेंगे और सरकार की परियोजनाओं और अन्य पहल के बारे में उन्हें बताएंगे.'

इन लोगों में केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, रेल मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति इरानी, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी, संस्कृति मंत्री महेंद्र नाथ पांडे समेत पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह के नाम भी शामिल हैं.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने विगत पांच अगस्त, 2019 को अचानक जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का एलान कर दिया था. इसके अलावा लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है.

ये भी पढ़ें-  जम्मू -कश्मीर पाबंदी : SC के फैसले पर प्रतिक्रियाएं

केंद्र के फैसले के बाद भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 से जम्मू-कश्मीर को मिलने वाले विशेष दर्जा भी खत्म हो गया है. इन बदलावों के बाद 36 केंद्रीय मंत्रियों की ये पहली जम्मू-कश्मीर यात्रा होगी.

अमित शाह ने 370 हटाने की सिफारिश और राज्य पुनर्गठन बिल पेश किया था

5 अगस्त को राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने मोर्चा संभाला और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370  हटाने की सिफारिश और राज्य के पुनर्गठन का बिल पेश कर दिया. 

शाह के इस ऐलान के साथ ही पहले से ही तैयार बैठी सरकार ने कश्मीर घाटी के राजनीतिक नेताओं को नजरबंद किया गया, इंटरनेट सहित अन्य संचार सेवाएं रोक दी गईं और पूरे राज्य में धारा 144 लागू कर दी गई. 

उस दौरान कई अलगाववादी नेताओं को नजरबंद किया गया.

राज्य पुनर्गठन बिल के मुताबिक जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया था, जिसमें एक लद्दाख का अलग और जम्मू-कश्मीर एक अलग राज्य बनाया गया. 

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दोनों को ही दर्जा केंद्र शासित प्रदेश का दिया गया. इस प्रस्ताव को लेकर विपक्ष ने हंगामा खड़ा कर दिया था. हालांकि राज्यसभा में इसके पक्ष में 125 वोट पड़े जबकि विपक्ष में 61. बहुजन समाज पार्टी ने सरकार के समर्थन में वोट किया था.
 

20:40 January 15

केंद्रीय मंत्रियों की कश्मीर यात्रा

नई दिल्ली : आर्टिकल 370 हटने के बाद 36 केंद्रीय मंत्री पहली बार जम्मू कश्मीर का दौरा करेंगे. गृह मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, 18 से 24 जनवरी के बीच ये 36 केंद्रीय मंत्री जम्मू में 51 स्थानों के अलावा कश्मीर के आठ स्थानों पर जाएंगे.

नाम जाहिर न करने की शर्त पर केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'मंत्रियों का मुख्य काम सरकार द्वारा की गई विकास पहल को साझा करना होगा. यह लोग जम्मू-कश्मीर के लोगों तक पहुंचेंगे और सरकार की परियोजनाओं और अन्य पहल के बारे में उन्हें बताएंगे.'

इन लोगों में केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, रेल मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति इरानी, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी, संस्कृति मंत्री महेंद्र नाथ पांडे समेत पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह के नाम भी शामिल हैं.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने विगत पांच अगस्त, 2019 को अचानक जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का एलान कर दिया था. इसके अलावा लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है.

ये भी पढ़ें-  जम्मू -कश्मीर पाबंदी : SC के फैसले पर प्रतिक्रियाएं

केंद्र के फैसले के बाद भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 से जम्मू-कश्मीर को मिलने वाले विशेष दर्जा भी खत्म हो गया है. इन बदलावों के बाद 36 केंद्रीय मंत्रियों की ये पहली जम्मू-कश्मीर यात्रा होगी.

अमित शाह ने 370 हटाने की सिफारिश और राज्य पुनर्गठन बिल पेश किया था

5 अगस्त को राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने मोर्चा संभाला और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370  हटाने की सिफारिश और राज्य के पुनर्गठन का बिल पेश कर दिया. 

शाह के इस ऐलान के साथ ही पहले से ही तैयार बैठी सरकार ने कश्मीर घाटी के राजनीतिक नेताओं को नजरबंद किया गया, इंटरनेट सहित अन्य संचार सेवाएं रोक दी गईं और पूरे राज्य में धारा 144 लागू कर दी गई. 

उस दौरान कई अलगाववादी नेताओं को नजरबंद किया गया.

राज्य पुनर्गठन बिल के मुताबिक जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया था, जिसमें एक लद्दाख का अलग और जम्मू-कश्मीर एक अलग राज्य बनाया गया. 

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दोनों को ही दर्जा केंद्र शासित प्रदेश का दिया गया. इस प्रस्ताव को लेकर विपक्ष ने हंगामा खड़ा कर दिया था. हालांकि राज्यसभा में इसके पक्ष में 125 वोट पड़े जबकि विपक्ष में 61. बहुजन समाज पार्टी ने सरकार के समर्थन में वोट किया था.
 

Intro:New Delhi: In a massive reach out to explain to people of Jammu and Kashmir about the policies that Centre has made for the benefit of people after the abrogation of Article 370 and bifurcation of the state, as many as 36 union ministers will visit the newly crafted union territories.


According to home ministry officials, these 36 union ministers will visit 51 places in Jammu and 8 places in Kashmir from January18 to 24.




Body:This is the first such visit by the ministers to Jammu and Kashmir since the abrogation of Article 370 of the Constitution that accorded special status to the region.


"The main task of the ministers will be to share development initiatives taken by government and reach out to the people of Jammu and Kashmir and inform them about the projects and other initiatives which will be rolled out in the region," said a senior central government official, seeking anonymity.


According to a note accessed by ETV Bharat, MoS (Home) G. Kishan Reddy will be travelling to the Ganderbal town on January 22 and Manigam on January 23. Union minister for Law and Justice Ravi Shankar Prasad will visit Sopore in Baramulla district on January 24. Minister for Women and Child Development Smriti Irani is slated to visit Katra and Panthal areas of the Reasi district on January 19. Gen VK Singh (retd) is scheduled to visit Tikri in Udhampur of January 20 while Kiren Rijiju will visit Suchetgarh in Jammu the next day. Minister RK Singh will visit Khellani in Doda district and Shripad Nayak will hold a meeting at SKICC in Srinagar.


Notably, National Security Advisor Ajit Doval has paid several visits to Jammu and Kashmir. Prime Minister Narendra Modi and Union home minister Amit Shah have been continuously speaking about the merits of the move in several public events following the scrapping of Article 370.
Conclusion:Previously, a delegation of foreign diplomats mostly from Latin American and African countries visited the newly created Union Territory of Jammu and Kashmir in a guided tour and were briefed by the army on the security situation.
Last Updated : Jan 16, 2020, 8:20 AM IST
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