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पंजाब : मलेशिया से लौटे युवक क्वारंटाइन अवधि के बाद गांव पहुंचे

मलेशिया में फंसे 300 युवकों की वापसी के बाद क्वारंटाइन किए गए दो युवक- सुखना ग्राम के जगप्रीत और रामगढ़ के दिलजोत अपने घर पहुंच गए. युवकों को सही सलामत देखकर उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई. पढ़ें पूरी खबर...

300 youths trapped in Malaysia return to Punjab
मलेशिया में फंसे 300 युवकों की वापसी
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Published : Jul 18, 2020, 2:39 PM IST

Updated : Jul 18, 2020, 7:45 PM IST

लुधियाना : केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के प्रयासों से मलेशिया में फंसे 300 युवकों को पंजाब वापस लाया गया था, जिन्हें क्वारंटाइन करने के बाद अब घर वापस भेज दिया गया है. क्वारंटाइन में रहे सुखना के जगप्रीत और रामगढ़ के दिलजोत भी अपने गांव लौट आए हैं. उनके लौटने के बाद परिवार में खुशी की लहर आ गई है.

मलेशिया से लौटे युवक क्वारंटाइन अवधि के बाद गांव पहुंचे

अक्सर देखा जाता है कि जो युवा विदेश जाना चाहते हैं, उन्हें नकली एजेंट द्वारा गलत तरीके से विदेश पहुंचाया जाता है. इस कारण वे अनजान देश में फंस जाते हैं. मलेशिया से घर लौटे जगप्रीत बताते हैं कि उन्हें मलेशिया पुलिस द्वारा काफी प्रताड़ित किया गया. उन्हें बीमार पड़ने पर कोई दवा नहीं दी गई. न ही उनके पास वहां खाने की कोई व्यवस्था की गई थी. वह वहां नारकीय जीवन जी रहे थे.

जगप्रीत ने बताया कि शासन की मदद से उन्हें मुफ्त में भारत लाया गया. वे बीती 11 जुलाई को वहां से लौटे थे. उसके बाद लोगों ने उनका समर्थन किया. क्वारंटाइन में रहने के बाद वह अपने घर लौट आए हैं.

पढे़ं- पनवेल के क्वारंटाइन सेंटर में रेप, आरोपी कोरोना पॉजिटिव पाया गया

लुधियाना जिला ग्रामीण अकाली दल के अध्यक्ष प्रभजोत सिंह धालीवाल ने बताया कि कैसे इन युवओं को वहां की पुलिस ने प्रताड़ित किया. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के प्रयासों के कारण ऐसे युवा घर लौट आए हैं, लेकिन बाकी दलों को इस मुद्दे का राजनीतिकरण किए बिना इन युवाओं की मदद करने की जरूरत है.

लुधियाना : केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के प्रयासों से मलेशिया में फंसे 300 युवकों को पंजाब वापस लाया गया था, जिन्हें क्वारंटाइन करने के बाद अब घर वापस भेज दिया गया है. क्वारंटाइन में रहे सुखना के जगप्रीत और रामगढ़ के दिलजोत भी अपने गांव लौट आए हैं. उनके लौटने के बाद परिवार में खुशी की लहर आ गई है.

मलेशिया से लौटे युवक क्वारंटाइन अवधि के बाद गांव पहुंचे

अक्सर देखा जाता है कि जो युवा विदेश जाना चाहते हैं, उन्हें नकली एजेंट द्वारा गलत तरीके से विदेश पहुंचाया जाता है. इस कारण वे अनजान देश में फंस जाते हैं. मलेशिया से घर लौटे जगप्रीत बताते हैं कि उन्हें मलेशिया पुलिस द्वारा काफी प्रताड़ित किया गया. उन्हें बीमार पड़ने पर कोई दवा नहीं दी गई. न ही उनके पास वहां खाने की कोई व्यवस्था की गई थी. वह वहां नारकीय जीवन जी रहे थे.

जगप्रीत ने बताया कि शासन की मदद से उन्हें मुफ्त में भारत लाया गया. वे बीती 11 जुलाई को वहां से लौटे थे. उसके बाद लोगों ने उनका समर्थन किया. क्वारंटाइन में रहने के बाद वह अपने घर लौट आए हैं.

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लुधियाना जिला ग्रामीण अकाली दल के अध्यक्ष प्रभजोत सिंह धालीवाल ने बताया कि कैसे इन युवओं को वहां की पुलिस ने प्रताड़ित किया. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के प्रयासों के कारण ऐसे युवा घर लौट आए हैं, लेकिन बाकी दलों को इस मुद्दे का राजनीतिकरण किए बिना इन युवाओं की मदद करने की जरूरत है.

Last Updated : Jul 18, 2020, 7:45 PM IST
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