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मोदी सरकार में सिक्खों को मिला इंसाफ: कुलदीप सिंह भोगल - पीएम मोदी

अखिल भारतीय दंगा पीड़ित राहत कमेटी 1984 के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलदीप भोगल ने बीजेपी को सिक्खों के हित की, जबकि कांग्रेस को सिक्ख विरोधी सरकार बताया. अधिक जानकारी के लिये पढ़ें पूरी खबर......

प्रेस वार्ता के दौरान कुलदीप सिंह भोगल.
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Published : Apr 26, 2019, 9:26 PM IST

नई दिल्ली: अखिल भारतीय दंगा पीड़ित राहत कमेटी 1984 के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलदीप सिंह भोगल ने बीजेपी को सिक्खों के हित की सरकार बताया. उनका कहना है कि 34 सालों में जब भी भाजपा की सरकार केंद्र में आई तभी सिक्खों को इंसाफ मिला है.

कुलदीप सिंह भोगल ने कहा कि 1984 के नरसंहार के लिये अब दिल्ली के बाद कानपुर में भी एसआईटी का गठन कर दिया गया है और 127 लोगों की हत्या के कुल 34 गुनाहगारों को जल्द ही जेल की सलाखों में भेजा जाएगा.

प्रेस वार्ता को संबोधित करते कुलदीप भोगल.
भोगल ने कहा, 'जब नरेंद्र मोदी की सरकार 2014 में आई तो उन्होंने सबसे पहले मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख रुपए दिए, बाद में एसआईटी का भी गठन किया. उसी एसआईटी के गठन के बाद सज्जन कुमार जैसे मगरमच्छ जेल की सलाखों में गए, महिपालपुर के दोषियों में से एक को उम्र कैद तो दूसरे को फांसी की सजा सुनाई गई.'

यह तर्क देते हुए कुलदीप सिंह भोगल ने सिख समुदाय और दंगा पीड़ित परिवारों से अपील करते हुए कहा कि भाजपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो सिक्खों का भला कर सकती है. इसलिए हमें मोदी की ही पार्टी को वोट देना चाहिए.

उन्होंने कहा, 'नवंबर 1984 का नरसंहार देश के इतिहास में सबसे बड़ा नरसंहार था. ये दंगे नहीं थे, क्योंकि दंगे वे होते हैं जो आमने-सामने लड़े जाते हैं. इसमें तो एक ही समुदाय (सिक्ख) को निशाना बनाया गया था, उनके धार्मिक ग्रंथों को जलाया गया जान-माल की क्षति की गई थी.'

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए भोगल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से सिक्खों की दुश्मनी है. कांग्रेस की सरकार ने आतंकवाद को बढ़ावा दिया, नौजवानों को गुमराह करके उनको मरवाया है.

नई दिल्ली: अखिल भारतीय दंगा पीड़ित राहत कमेटी 1984 के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलदीप सिंह भोगल ने बीजेपी को सिक्खों के हित की सरकार बताया. उनका कहना है कि 34 सालों में जब भी भाजपा की सरकार केंद्र में आई तभी सिक्खों को इंसाफ मिला है.

कुलदीप सिंह भोगल ने कहा कि 1984 के नरसंहार के लिये अब दिल्ली के बाद कानपुर में भी एसआईटी का गठन कर दिया गया है और 127 लोगों की हत्या के कुल 34 गुनाहगारों को जल्द ही जेल की सलाखों में भेजा जाएगा.

प्रेस वार्ता को संबोधित करते कुलदीप भोगल.
भोगल ने कहा, 'जब नरेंद्र मोदी की सरकार 2014 में आई तो उन्होंने सबसे पहले मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख रुपए दिए, बाद में एसआईटी का भी गठन किया. उसी एसआईटी के गठन के बाद सज्जन कुमार जैसे मगरमच्छ जेल की सलाखों में गए, महिपालपुर के दोषियों में से एक को उम्र कैद तो दूसरे को फांसी की सजा सुनाई गई.'

यह तर्क देते हुए कुलदीप सिंह भोगल ने सिख समुदाय और दंगा पीड़ित परिवारों से अपील करते हुए कहा कि भाजपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो सिक्खों का भला कर सकती है. इसलिए हमें मोदी की ही पार्टी को वोट देना चाहिए.

उन्होंने कहा, 'नवंबर 1984 का नरसंहार देश के इतिहास में सबसे बड़ा नरसंहार था. ये दंगे नहीं थे, क्योंकि दंगे वे होते हैं जो आमने-सामने लड़े जाते हैं. इसमें तो एक ही समुदाय (सिक्ख) को निशाना बनाया गया था, उनके धार्मिक ग्रंथों को जलाया गया जान-माल की क्षति की गई थी.'

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए भोगल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से सिक्खों की दुश्मनी है. कांग्रेस की सरकार ने आतंकवाद को बढ़ावा दिया, नौजवानों को गुमराह करके उनको मरवाया है.

Intro:नई दिल्ली अखिल भारतीय दंगा पीड़ित राहत कमेटी 1984 के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलदीप सिंह भोगल ने आज कहा कि पिछले 34 सालों में जब भी भाजपा की सरकार केंद्र में आई तभी सिखों को इंसाफ मिला। उन्होंने कहा कि अब दिल्ली के बाद कानपुर में भी एसआईटी का गठन कर दिया गया है और 127 लोगों की हत्या के कुल 34 गुनाहगारों को जल्द ही जेल की सलाखों में भेजा जाएगा।

भोगल ने कहा कि जब नरेंद्र मोदी की सरकार 2014 में आई तो उन्होंने सबसे पहले मृतक के परिवारों को 5-5 लाख रुपए दिए, बाद में एसआईटी का भी गठन कर दिया और उसी एसआईटी के गठन के बाद सज्जन कुमार जैसे मगरमच्छ जेल की सलाखों में गए, महिपाल पुर के दोषियों में से एक को उम्र कैद तो दूसरे को फांसी की सजा सुनाई गई।


Body:यह तर्क देते हुए कुलदीप सिंह भोगल ने सिख समुदाय और दंगा पीड़ित परिवारों से अपील करते हुए कहा कि भाजपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो सिखों का भला कर सकती है इसलिए हमें मोदी की ही पार्टी को वोट देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि नवंबर 1984 का नरसंहार देश के इतिहास में सबसे बड़ा नरसंहार था, ये दंगे नहीं थी क्योंकि दंगे वह होते हैं जो आमने-सामने लड़े जाते हैं इसमें तो एक ही समुदाय (सिख) को निशाना बनाया गया था, उनके धार्मिक ग्रंथों को जलाया गया जान-माल की क्षति की गई थी।


Conclusion:कांग्रेस पर निशाना साधते हुए भोगल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा से सिखों की दुश्मनी रही है, जून 1984 में उसने सिखों के धार्मिक स्थल दरबार साहिब, अमृतसर और अकाल तख्त पर टैंको और गोलियों से हमला किया गया, वहां आए श्रद्धालुओं पर अंधाधुंध गोलियां चलवाई गई, हजारों बेगुनाहों को अपनी जान गवानी पड़ी। इतना ही नहीं पंजाब को निशाना बनाते हुए कांग्रेस की सरकारों ने वहां आतंकवाद को बढ़ावा दिया, नौजवानों को गुमराह करके उनको मरवाया।
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