ETV Bharat / bharat

बदल जाएगी 17वीं लोकसभा की तस्वीर, नजर नहीं आएंगे यह प्रमुख चेहरे

इस बार लोकसभा के 542 सांसदों में से 300 पहली बार चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं. जिसके कारण 17 वीं लोकसभा की तस्वीर बदली हुई नजर आएगी. इस बार पिछले तीन दशकों से भारतीय चुनावी इतिहास के कुछ प्रमुख चेहरे संसद में नजर नहीं आएंगे.

संसद भवन ( फाइल फोटो )
author img

By

Published : May 30, 2019, 8:01 AM IST

नई दिल्ली: पिछले तीन दशकों से भारतीय चुनावी इतिहास में अपनी पार्टी, राज्य और संसदीय क्षेत्र की आवाज बनने वाले कुछ प्रमुख चेहरे इस बार संसद में नजर नहीं आएंगे.

etv bharat
ज्योतिरादित्य सिंधिया

इनमें भाजपा के लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सुमित्रा महाजन, सुषमा स्वराज, हुकुमदेव नारायण यादव, पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा, कांग्रेस के सदन में नेता रहे मल्लिकार्जुन खड़गे और उपनेता ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रमुख हैं.

etv bharat
सुमित्रा महाजन

जहां एक तरफ भाजपा ने कई दिग्गजों को इस बार टिकट नहीं दिया , वहीं मोदी के आलोचक रहे आलोचक देवेगौड़ा, खड़गे और सिंधिया को हार का सामनै करना पड़ा.

etv bharat
एच डी देवेगौड़ा

भाजपा से आडवाणी के अलावा जोशी, महाजन, शांता कुमार, कलराज मिश्र, भगत सिंह कोश्यारी इस बार चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला.

etv bharat
मुरली मनोहर जोशी

16 वीं लोकसभा में लोकसभा अध्यक्ष रहीं सुमित्रा महाजन भी इस बार चुनाव नहीं लड़ीं. पांच बार रहे सोशलिस्ट नेता हुकुमदेव नारायण भी इस बार वह चुनाव नहीं लड़े.

etv bharat
एल के आडवाणी

पढ़े- मोदी का मंत्रिमंडल... अटकलों का दौर जारी

कांग्रेस नेता तारिक अनवर अपनी परंपरागत सीट बिहार की कटिहार से, शिवसेना नेता अनंत गीते और माकपा नेता मोहम्मद सलीम भी चुनाव हार गए.

etv bharat
तारिक अनवर

इस बार लोकसभा की तस्वीर बदली बदली नजर आएगी. इस बार लोकसभा के 542 सांसदों में से 300 पहली बार चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं.

नई दिल्ली: पिछले तीन दशकों से भारतीय चुनावी इतिहास में अपनी पार्टी, राज्य और संसदीय क्षेत्र की आवाज बनने वाले कुछ प्रमुख चेहरे इस बार संसद में नजर नहीं आएंगे.

etv bharat
ज्योतिरादित्य सिंधिया

इनमें भाजपा के लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सुमित्रा महाजन, सुषमा स्वराज, हुकुमदेव नारायण यादव, पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा, कांग्रेस के सदन में नेता रहे मल्लिकार्जुन खड़गे और उपनेता ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रमुख हैं.

etv bharat
सुमित्रा महाजन

जहां एक तरफ भाजपा ने कई दिग्गजों को इस बार टिकट नहीं दिया , वहीं मोदी के आलोचक रहे आलोचक देवेगौड़ा, खड़गे और सिंधिया को हार का सामनै करना पड़ा.

etv bharat
एच डी देवेगौड़ा

भाजपा से आडवाणी के अलावा जोशी, महाजन, शांता कुमार, कलराज मिश्र, भगत सिंह कोश्यारी इस बार चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला.

etv bharat
मुरली मनोहर जोशी

16 वीं लोकसभा में लोकसभा अध्यक्ष रहीं सुमित्रा महाजन भी इस बार चुनाव नहीं लड़ीं. पांच बार रहे सोशलिस्ट नेता हुकुमदेव नारायण भी इस बार वह चुनाव नहीं लड़े.

etv bharat
एल के आडवाणी

पढ़े- मोदी का मंत्रिमंडल... अटकलों का दौर जारी

कांग्रेस नेता तारिक अनवर अपनी परंपरागत सीट बिहार की कटिहार से, शिवसेना नेता अनंत गीते और माकपा नेता मोहम्मद सलीम भी चुनाव हार गए.

etv bharat
तारिक अनवर

इस बार लोकसभा की तस्वीर बदली बदली नजर आएगी. इस बार लोकसभा के 542 सांसदों में से 300 पहली बार चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं.

Intro:Body:

17वीं लोकसभा में नहीं दिखेंगे ये प्रमुख चेहरे

 (22:54) 



नई दिल्ली, 29 मई (आईएएनएस)| पिछले तीन दशकों से भारतीय चुनावी इतिहास में अपनी पार्टी, राज्य और संसदीय क्षेत्र की आवाज बनने वाले कुछ प्रमुख चेहरे इस बार संसद में नजर नहीं आएंगे।



इनमें प्रमुख हैं भाजपा के लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सुमित्रा महाजन, सुषमा स्वराज, हुकुमदेव नारायण यादव, पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा, कांग्रेस के सदन में नेता रहे मल्लिकार्जुन खड़गे और उपनेता ज्योतिरादित्य सिंधिया।



भाजपा के दिग्गजों को जहां इस बार टिकट नहीं दिया गया था, वहीं मोदी के मुखर आलोचक देवेगौड़ा, खड़गे और सिंधिया चुनाव हार गए।



91 वर्षीय आडवाणी 1991 से गांधीनगर सीट से चुनाव जीतते आ रहे थे। उन्होंने यहां से लगातार पांच बार जीत दर्ज की।



अगर आडवाणी इस बार चुनाव लड़ते तो वह सबसे बुजुर्ग सांसद हो सकते थे। जद(यू) के रामसुंदर दास ने हाजीपुर से 2009 में 88 साल की उम्र में चुनाव जीता था और वह 93 की उम्र तक सांसद रहे।



आडवाणी को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 1990 में रथयात्रा निकालने के लिए याद किया जाता है। उन्होंने उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री पद भी संभाला था।



आडवाणी के अलावा जोशी, महाजन, शांता कुमार, कलराज मिश्र, भगत सिंह कोश्यारी इस बार चुनाव नहीं लड़े।



जोशी 2014 में कानपुर से चुनाव जीते थे। वह 1991 से 1993 के बीच भाजपा के अध्यक्ष रहे। उन्होंने लोकसभा में इलाहाबाद और वाराणसी का भी प्रतिनिधित्व किया। 2014 में उन्हें कानपुर से टिकट दिया गया, ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से चुनाव लड़ सकें। उन्होंने केंद्र में कई मंत्रालयों का कामकाज संभाला था।



सुमित्रा महाजन 16वीं लोकसभा में लोकसभा अध्यक्ष थीं और इस बार वह चुनाव नहीं लड़ीं।



वर्ष 2014 में वह लोकसभा के लिए आठवीं बार चुनी गईं। वह मध्यप्रदेश की इंदौर सीट से 1989 से जीतती रही हैं।



केंद्रीय मंत्री के रूप में उन्होंने मानव संसाधन, संचार और पेट्रोलियम मंत्रालय का कामकाज संभाला था।



हुकुमदेव नारायण यादव पांच बार सांसद बने। सोशलिस्ट नेता के साथ ही उन्हें अच्छे वक्ता के रूप में जाना जाता है। वह लोकसभा में पहली बार 1977 में पहुंचे थे। वह बिहार के मधुबनी का प्रतिनिधित्व करते थे। इस बार वह चुनाव नहीं लड़े।



देवेगौड़ा पिछले तीन दशक से कर्नाटक की मुखर आवाज के रूप में संसद में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते रहे। लेकिन इस बार वह तुमकुर से चुनाव हार गए। वह 1991 में हासन सीट से संसद पहुंचे थे।



16वीं लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के सदन के नेता खड़गे ने मनमोहन सिंह सरकार में कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली। वह गुलबर्ग सीट भाजपा उम्मीदवार उमेश जी. जाधव से 95 हजार से अधिक वोटों से चुनाव हार गए।



कांग्रेस के युवा चेहरा सिंधिया पहली बार चुनाव हारे हैं। उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का करीबी माना जाता है। वह मध्य प्रदेश की गुना सीट पर भाजपा के कृष्णपाल यादव से चुनाव हार गए।



कांग्रेस नेता तारिक अनवर अपनी परंपरागत सीट बिहार की कटिहार से, शिवसेना नेता अनंत गीते और माकपा नेता मोहम्मद सलीम भी चुनाव हार गए।



इस तरह इस बार लोकसभा की तस्वीर बदली हुई नजर आएगी। 542 सांसदों में से 300 पहली बार चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं। 


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.