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निजामाबाद लोकसभा सीट पर हल्दी और ज्वार के किसान तय करेंगे हवा का रूख

किसान हल्दी बोर्ड की स्थापना न करने और ज्वार-हल्दी का एमएसपी सुनिश्चित न करने का विरोध कर रहे हैं. इसी विरोध स्वरूप 170 किसान निजामाबाद सीट से चुनाव मैदान में उतरे हैं और वे आमचुनाव में यहां हवा का रूख तय करेंगे.

निजामाबाद से किसानों ने नामांकन भरा
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Published : Mar 29, 2019, 4:35 PM IST

निजामाबाद : तेलंगाना की निजामाबाद लोकसभा सीट इस समय खासी चर्चा में है. मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव की बेटी और यहां की मौजूदा सांसद के. कविता इस सीट से उम्मीदवार है. इस क्षेत्र में बड़े स्तर पर हल्दी और ज्वार की खेती करने वाले किसान हैं, जिन्होंने सांसद के विरोध में नामांकन दाखिल किया है. किसानों की उम्मीदवारी से इस सीट पर चुनाव रोमांचक हो गया है.

इस निर्वाचन क्षेत्र में हल्दी और ज्वार के फसल की पैदावार बड़े पैमाने पर होती है. यह क्षेत्र उस वक्त सुर्खियों में आया, जब 11 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव में अपना विरोध जताने के लिये करीब 170 किसानों ने नामांकन पत्र दाखिल किया. किसानों ने के. कविता के इस सीट से फिर से चुनाव जीतने के प्रचार अभियान को एक नया मोड़ दे दिया है.

निजामाबाद के किसानों से बातचीत.

गौरतलब है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में टीआरएस ने निजामाबाद लोकसभा क्षेत्र में पड़ने वाले नौ विधानसभा क्षेत्रों में से आठ पर जीत दर्ज की थी.

हालांकि, मौजूदा सांसद ने कहा कि केंद्र की राजग सरकार निजामाबाद में (हल्दी) बोर्ड का गठन करने में नाकाम रही है.

कविता ने यहां एक जनसभा में कहा, क्या मैं हल्दी बोर्ड के लिये मंजूरी दूंगी, या राजग सरकार देगी ? मैं किसानों से अनुरोध करती हूं कि वे भाजपा नेताओं से इस मुद्दे पर सवाल करें. बोर्ड के गठन को लेकर केंद्र को मनाने के लिये मैंने अपनी ओर से पूरी कोशिश की.

इस सीट से नामांकन दाखिल करने वाले एक किसान गंगाधर बडाम ने कहा कि टीआरएस सरकार हल्दी और लाल ज्वार के लिये एमएसपी जैसे अपने चुनावी वादों को पूरा करने में नाकाम रही है.

उन्होंने कहा, हमलोग विरोध जताने के लिये चुनाव लड़ रहे हैं.

निजामाबाद : तेलंगाना की निजामाबाद लोकसभा सीट इस समय खासी चर्चा में है. मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव की बेटी और यहां की मौजूदा सांसद के. कविता इस सीट से उम्मीदवार है. इस क्षेत्र में बड़े स्तर पर हल्दी और ज्वार की खेती करने वाले किसान हैं, जिन्होंने सांसद के विरोध में नामांकन दाखिल किया है. किसानों की उम्मीदवारी से इस सीट पर चुनाव रोमांचक हो गया है.

इस निर्वाचन क्षेत्र में हल्दी और ज्वार के फसल की पैदावार बड़े पैमाने पर होती है. यह क्षेत्र उस वक्त सुर्खियों में आया, जब 11 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव में अपना विरोध जताने के लिये करीब 170 किसानों ने नामांकन पत्र दाखिल किया. किसानों ने के. कविता के इस सीट से फिर से चुनाव जीतने के प्रचार अभियान को एक नया मोड़ दे दिया है.

निजामाबाद के किसानों से बातचीत.

गौरतलब है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में टीआरएस ने निजामाबाद लोकसभा क्षेत्र में पड़ने वाले नौ विधानसभा क्षेत्रों में से आठ पर जीत दर्ज की थी.

हालांकि, मौजूदा सांसद ने कहा कि केंद्र की राजग सरकार निजामाबाद में (हल्दी) बोर्ड का गठन करने में नाकाम रही है.

कविता ने यहां एक जनसभा में कहा, क्या मैं हल्दी बोर्ड के लिये मंजूरी दूंगी, या राजग सरकार देगी ? मैं किसानों से अनुरोध करती हूं कि वे भाजपा नेताओं से इस मुद्दे पर सवाल करें. बोर्ड के गठन को लेकर केंद्र को मनाने के लिये मैंने अपनी ओर से पूरी कोशिश की.

इस सीट से नामांकन दाखिल करने वाले एक किसान गंगाधर बडाम ने कहा कि टीआरएस सरकार हल्दी और लाल ज्वार के लिये एमएसपी जैसे अपने चुनावी वादों को पूरा करने में नाकाम रही है.

उन्होंने कहा, हमलोग विरोध जताने के लिये चुनाव लड़ रहे हैं.

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किसान हल्दी बोर्ड की स्थापना न करने और ज्वार-हल्दी का एमएसपी सुनिश्चित न करने का विरोध कर रहे हैं. इसी विरोध स्वरूप 170 किसान निजामाबाद सीट से चुनाव मैदान में उतरे हैं और वे आमचुनाव में यहां हवा का रूख तय करेंगे. 

 


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