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कोरोना संकट : 12 साल का बच्चा 450 किमी पैदल चलकर पहुंचा घर - vishakhapattanam to hasan

लॉकडाउन में कई लोग फंस गए हैं. खासकर मजदूरों और कम कमाने वाले लोगों के लिए यह लॉकडाउन किसी मुसीबत से कम नहीं है. इस मुसीबत से छुटकारा पाने के लिए हजारों लोग पैदल ही घरों को निकल चुके हैं. उनमें से कुछ ऐसे हैं जो लंबी दूरी तय करके घर पहुंच चुके हैं. ऐसा ही एक वाकया हम आपको बताने जा रहे हैं.... पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Apr 18, 2020, 2:12 PM IST

बेंगलुरु : कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण देश लॉकडाउन मोड पर है. इस लॉकडाउन ने लोगों को एक स्थान पर स्थिर कर दिया है. लेकिन इन सबके बीच एक युवा और एक छोटा लड़का आंध्र प्रदेश से कर्नाटक के हासन जिले तक का लंबा और कठीन सफर पैदल चलकर तय किया.

हासन जिले के बेलूर तालुक के अलुरु गांव के रहने वाले गणेश आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में एक बेकरी में कार्यरत हैं. उनका मालिक बेलूर के निवासी हैं जो कोरोना महामारी के कारण कर्नाटक लौट आए हैं. वह इन दोनों को बिना बताए गांव आ गए थे.

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लॉकडाउन में गणेश को पैसे, भोजन आदि के बिना जीवन जीना मुश्किल लग रहा था. अंतरराज्यीय परिवहन के बंद होने के कारण गणेश और दूसरे लड़के ने 450 किलोमीटर तक का कठिन सफर पैदल ही तय करने का फैसला किया.

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विशाखापत्तनम पहुंचने पर वे दोनो गाड़ी में लिफ्ट लेकर दूरी तय की. गाड़ी नहीं मिलने की स्थिति में ये दोनों पैदल ही दूरी तय कर लेते थे. अंततः 4 दिनों की थकान के बाद वे बेंगलुरु से चलकर हासन अपने घर पहुंच गए. हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने इन दोनों से कोरोना टेस्ट और 14 दिनों के क्वारंटाइन पर जाने को कहा है.

बेंगलुरु : कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण देश लॉकडाउन मोड पर है. इस लॉकडाउन ने लोगों को एक स्थान पर स्थिर कर दिया है. लेकिन इन सबके बीच एक युवा और एक छोटा लड़का आंध्र प्रदेश से कर्नाटक के हासन जिले तक का लंबा और कठीन सफर पैदल चलकर तय किया.

हासन जिले के बेलूर तालुक के अलुरु गांव के रहने वाले गणेश आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में एक बेकरी में कार्यरत हैं. उनका मालिक बेलूर के निवासी हैं जो कोरोना महामारी के कारण कर्नाटक लौट आए हैं. वह इन दोनों को बिना बताए गांव आ गए थे.

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लॉकडाउन में गणेश को पैसे, भोजन आदि के बिना जीवन जीना मुश्किल लग रहा था. अंतरराज्यीय परिवहन के बंद होने के कारण गणेश और दूसरे लड़के ने 450 किलोमीटर तक का कठिन सफर पैदल ही तय करने का फैसला किया.

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विशाखापत्तनम पहुंचने पर वे दोनो गाड़ी में लिफ्ट लेकर दूरी तय की. गाड़ी नहीं मिलने की स्थिति में ये दोनों पैदल ही दूरी तय कर लेते थे. अंततः 4 दिनों की थकान के बाद वे बेंगलुरु से चलकर हासन अपने घर पहुंच गए. हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने इन दोनों से कोरोना टेस्ट और 14 दिनों के क्वारंटाइन पर जाने को कहा है.

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