नई दिल्लीः बीजेपी की गोवा इकाई के प्रमुख ने दावा किया है कि गोवा में कांग्रेस के 10 विधायकों ने भाजपा में शामिल होने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन भाजपा ने इसे अस्वीकार कर दिया. ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी का अंदरूनी संकट अभी खत्म नहीं हुआ है.
इस संबंध में तेंदुलकर ने ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने दावा किया कि 10 कांग्रेस विधायक 23 मई को आम चुनाव परिणामों के बाद भाजपा में शामिल होना चाहते थे, लेकिन जैसा कि हमने अपने सहयोगियों से वादा किया था कि हम शेष कार्यकाल के लिए उनके साथ सरकार चलाएंगे. पार्टी हाईकमान ने उन्हें शामिल नहीं करने का फैसला किया.
ईटीवी भारत संवाददाता ने विनय तेन्दुलकर से राज्य में चल रहे खनन संकट के बारे में सवाल किया. इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'पर्यटन और खनन राज्य के लिए आय का दो मुख्य स्रोत थे.'
गोवा भाजपा अध्यक्ष ने कहा, सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने सरकारी खजाने के साथ साथ नौकरी गंवाने वाले लोगों को भी प्रभावित किया है.
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हमारे मुख्यमंत्री समस्या का समाधान खोजने के लिए लगातार काम कर रहे हैं, और हमें विश्वास है कि बहुत जल्द राज्य में कानूनी तौर पर खनन फिर से शुरू हो जाएगा.
गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनावों में भाजपा के पास गोवा में केवल 14 सीटें थीं, जबकि कांग्रेस 17 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी थी.
आपको बता दें, गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 17 और कांग्रेस के 15 विधायक हैं. जीएफपी विधायक और निर्दलीय विधायक भाजपा नीत सरकार का समर्थन कर रहे हैं.
2019 में, भाजपा न केवल दोनों लोकसभा सीटें हासिल करने में सफल रही, बल्कि उसने विधानसभा की चार में से तीन सीटें भी जीतीं. ये विधानसभा उपचुनाव लोकसभा चुनाव के साथ-साथ हुए थे.