हैदराबाद : भारत बायोटेक के प्रबंध महानिदेशक (एमडी) कृष्णा एला ने कहा है कि कोवैक्सीन को आपातकालीन उपयोग के लिए स्वीकृति मिलने के बाद भारत में नवाचार को गति मिलेगी. उन्होंने कहा कि इससे भारत में नए उत्पाद विकसित करने की दिशा में भी यह अप्रूवल एक बड़ी छलांग है, जितनी जल्दी हो सके वैक्सीन को बाजार में लाएंगे. इस संबंध में हुई प्रगति को लेकर उन्होंने बताया कि पहले ही कई बैच को कसौली स्थित सरकार की परीक्षण प्रयोगशाला में भेजा जा चुका है.
कृष्णा एला ने कहा कि यह देश के लिए गर्व का क्षण है और भारत की वैज्ञानिक क्षमता में एक बड़ा मील का पत्थर है. उन्होंने कहा कि इससे भारत में नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को गति मिलेगी.
कोवैक्सीन के ट्रायल के संबंध में भारत बायोटेक के एमडी ने कहा कि यह वैक्सीन इस महामारी के दौरान ऐसी चिकित्सा जरूरतों के पूरा करेगा, जो अभी तक इस महामारी के दौरान सामने नहीं आए हैं. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य टीके को ऐसी आबादी तक पहुंचाना है, जिसे इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि शरीर में पहले से मौजूद कई वायरल प्रोटींस के संदर्भ में कोवैक्सीन का डेटा उत्कृष्ट रहा है. उन्होंने कहा कि इन प्रोटीन्स को कोवैक्सीन से मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाएं (robust immune responses) मिलती है.
भारत बायोटेक के एमडी कृष्ण एला ने कहा कि अब टीके का राजनीतिकरण किया जा रहा है. उन्होंने कहा, 'मैं यह स्पष्ट रूप से बताना चाहता हूं कि मेरे परिवार का कोई भी सदस्य किसी भी राजनीतिक दल से नहीं जुड़ा है.'
उन्होंने कहा, 'हम भारत में सिर्फ क्लीनिकल परीक्षण नहीं कर रहे हैं. हमने ब्रिटेन सहित 12 से अधिक देशों में क्लीनिकल ट्रायल किए हैं. हम पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश और अन्य देशों में क्लीनिकल परीक्षण कर रहे हैं. हम सिर्फ एक भारतीय कंपनी नहीं हैं, हम वास्तव में एक वैश्विक कंपनी हैं.'
भारत बायोटेक की पृष्ठभूमि के बारे में एमडी कृष्णा एला ने कहा कि हमारी कंपनी टीका बनाने के क्षेत्र अनुभवी है. उन्होंने कहा कि हमारे पास टीकों का जबरदस्त अनुभव है. हम 123 देशों में काम कर रहे हैं.
बकौल भारत बायोटेक एमडी, 'हम एकमात्र कंपनी हैं, जिसे समीक्षा पत्रिकाओं में इतना व्यापक अनुभव और व्यापक प्रकाशन मिला है.' उन्होंने कहा कि कई लोग डेटा के पारदर्शी होने को लेकर सवाल करते हैं. मुझे लगता है कि इन लोगों को इंटरनेट पर पढ़ने का धैर्य होना चाहिए और देखाना चाहिए कि हमने कितने लेख प्रकाशित किए हैं. उन्होंने कहा कि 70 से अधिक लेख विभिन्न अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं.
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बता दें कि रविवार को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने भारत बायोटेक और आईसीएमआर द्वारा विकसित कोरोना टीका - कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन - कोविशील्ड के आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी. शुरुआती दौर में हेल्थ वॉरियर्स, बीमार और बुजुर्ग व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाएगी. भारत के इस महत्वपूर्ण कदम पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने देश की सराहना की है.