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भारत बॉयोटेक को चौथी तिमाही में कोवैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण डाटा समीक्षा की उम्मीद

भारत बॉयोटेक ने कोविड-19 टीके कोवैक्सीन फेज-3 के डाटा को वैज्ञानिक पत्रिकाओं के पास भेज दिया है. इस पर विशेषज्ञों दो से चार महीने में समीक्षा कर सकते हैं.

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Published : Jun 9, 2021, 10:55 PM IST

हैदराबाद : भारत बॉयोटेक को अपने कोविड-19 टीके कोवैक्सीन फेज-3 के डाटा को वैज्ञानिक पत्रिकाओं को दिए जाने के बाद दो से चार महीने में टीके के विशेषज्ञों द्वारा समीक्षा (पीयर रीव्यू) की उम्मीद है. भारत बॉयोटेक में कोविड-19 टीकों के परियोजना प्रमुख रेचेस इल्ला ने बुधवार को यह जानकारी दी.

कंपनी ने इस टीके का डाटा अब तक सार्वजनिक नहीं किया है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि अब तक कोवैक्सीन के नौ प्रकाशन हुए हैं और फेज-3 ट्रायल की प्रभावित के बारे में 10वां प्रकाशन होगा.

इल्ला ने कहा कि निष्पक्ष बने रहने के लिए, भारत बायोटेक/आईसीएमआर कोई डाटा हासिल नहीं कर सकते. हमारे सेवा प्रदाता आईक्यूवीआईए ने अंतिम सांख्यिकीय विश्लेषण शुरू कर दिया है. सीडीएससीओ (जुलाई) को प्रभावशीलता और दो महीने की सेफ्टी सौंपने के बाद तुरंत प्री-प्रिंट सर्वर तक पहुंचने की उम्मीद है. पीयर रीव्यू में दो-चार महीने लगते हैं.

पढ़ें :- भारत बायोटेक की सुरक्षा सीआईएसएफ के हवाले

उनके ट्वीट के मुताबिक तीसरे चरण के परीक्षण में करीब 25,800 लोगों ने हिस्सा लिया.

इसी बीच, भारत बॉयोटेक की संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा इल्ला ने ट्विटर पर लिखा कि कोवैक्सीन करीब 28 शहरों के निजी अस्पतालों में पहुंच चुका है.

हैदराबाद : भारत बॉयोटेक को अपने कोविड-19 टीके कोवैक्सीन फेज-3 के डाटा को वैज्ञानिक पत्रिकाओं को दिए जाने के बाद दो से चार महीने में टीके के विशेषज्ञों द्वारा समीक्षा (पीयर रीव्यू) की उम्मीद है. भारत बॉयोटेक में कोविड-19 टीकों के परियोजना प्रमुख रेचेस इल्ला ने बुधवार को यह जानकारी दी.

कंपनी ने इस टीके का डाटा अब तक सार्वजनिक नहीं किया है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि अब तक कोवैक्सीन के नौ प्रकाशन हुए हैं और फेज-3 ट्रायल की प्रभावित के बारे में 10वां प्रकाशन होगा.

इल्ला ने कहा कि निष्पक्ष बने रहने के लिए, भारत बायोटेक/आईसीएमआर कोई डाटा हासिल नहीं कर सकते. हमारे सेवा प्रदाता आईक्यूवीआईए ने अंतिम सांख्यिकीय विश्लेषण शुरू कर दिया है. सीडीएससीओ (जुलाई) को प्रभावशीलता और दो महीने की सेफ्टी सौंपने के बाद तुरंत प्री-प्रिंट सर्वर तक पहुंचने की उम्मीद है. पीयर रीव्यू में दो-चार महीने लगते हैं.

पढ़ें :- भारत बायोटेक की सुरक्षा सीआईएसएफ के हवाले

उनके ट्वीट के मुताबिक तीसरे चरण के परीक्षण में करीब 25,800 लोगों ने हिस्सा लिया.

इसी बीच, भारत बॉयोटेक की संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा इल्ला ने ट्विटर पर लिखा कि कोवैक्सीन करीब 28 शहरों के निजी अस्पतालों में पहुंच चुका है.

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