हैदराबाद : आंध्र प्रदेश के पूर्व गोदावरी के राजमहादेवराम के 27 वर्षीय भगत राघव एक ऐसे कोरोना वॉरियर्स हैं, जो कोरोना पीड़ितों की मौत हो जाने पर अस्पताल व घरों से उनके शवों को अपने करुणा शांति वैन में ले जाते हैं. सबसे खास बात यह है कि इसके बदले में वह पैसे भी नहीं लेते हैं. राघव अभी तक 100 से अधिक शवों को अपने वाहन से अंतिम संस्कार के लिए ले जा चुके हैं.
बोम्मुरू के रहने वाले एमबीए के छात्र राघव की मां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं, जबकि पिता वाहन चालक थे. चार साल पहले पिता के गंभीर रूप से बीमार होने पर विशाखापट्टनम के अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां उनकी उपचार के दौरान मौत हो गई थी. पिता के शव को घर ले जाने के लिए उनको एंबुलेंस नहीं मिली. इससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था.
इसी के बाद से राघव ने तय कर लिया कि वह गरीब और जरूरतमंद मरीजों व उनके परिवार की मदद करेंगे. इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत करके एक नई वैन खरीदी और अपने सपनों को आकार दिया.
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राघव पिछले साल के मार्च माह से लेकर अब तक 100 से अधिक शवों को अंतिम संस्कार के लिए पहुंचाया है. बिना किसी आमदनी के वह पिछले साल से सेवा में लगे हुए हैं. इतना ही नहीं उन्होंने जिन लोगों की मदद की वो लोग भी बाद में कभी सामने नहीं आए और न ही कभी मदद की. हालांकि, उन्होंने लोगों की मदद के लिए 9 युवाओं की टीम बनाई है. राघव ने बताया कि इस दौरान वह पीपीई किट के साथ अन्य जरूरी मानकों व उपकरणों का घ्यान रखते हैं.
हालांकि, उसके काम में परिवार के लोगों ने कभी अपना सहयोग देने की अपनी आवश्यकता नहीं समझी. कुछ मामलों में परिवार के सदस्यों ने राशि देकर सहायता की. राघव ने बताया कि उसने राशि का उपयोग कोविड मरीजों के खाने व अन्य जरूरी आवश्यकता को पूरी करने में किया.