कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा (West Bengal Assembly) के बजट सत्र के पहले दिन सोमवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Bengal Governor Jagdeep Dhankhar) विधानसभा को संबोधित नहीं कर सके. हाल ही में संपन्न निकाय चुनावों में कथित हिंसा को लेकर सदन में विरोध प्रदर्शन कर रहे भाजपा विधायकों की वजह से उद्घाटन भाषण संभव नहीं हो पाया.
उद्घाटन भाषण देने के लिए वे अपराह्न दो बजे विधानसभा पहुंचे लेकिन भाजपा विधायक नगर निकाय चुनाव की हिंसा के कथित पीड़ितों के पोस्टर और तस्वीरें लेकर वेल में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. राज्यपाल को दो बार भाजपा विधायकों से कार्यवाही शुरू करने की गुहार लगाते हुए देखा गया लेकिन भाजपा विधायक अड़े रहे. उन्होंने जय श्री राम और भारत माता की जय के नारे भी लगाए.
जब राज्यपाल सदन छोड़कर जाने लगे तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित सत्ताधारी पार्टी के विधायकों ने उनसे रुकने का अनुरोध किया, जिसके बाद धनखड़ ने फिर से भाजपा सांसदों से शांत होने का आग्रह किया लेकिन सब व्यर्थ रहा. टीएमसी सदस्यों ने दोपहर 2.26 बजे से भाजपा विरोधी नारे भी लगाए. रिपोर्ट दाखिल होने तक गतिरोध चल रहा था क्योंकि धनखड़ और अध्यक्ष बिमान बनर्जी विधायकों से सदन में व्यवस्था बनाने का आग्रह करते रहे.
प्रदर्शन से नाराज धनखड़ ने तीन बार सदन से जाने की कोशिश की लेकिन टीएमसी विधायकों ने उन्हें रोक लिया. सदन में यह हंगामा दोपहर तीन बजे तक चलता रहा. वित्तीय पीठ के बार-बार अनुरोध करने के बाद धनखड़ ने अपना अभिभाषण सदन के पटल पर रखा और वहां से चले गए.
बाद में मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के प्रदर्शन का मकसद संवैधानिक अशांति पैदा करना था लेकिन ऐसा हुआ नहीं क्योंकि राज्यपाल ने अपना अभिभाषण सदन के पटल पर रखने का उनका अनुरोध स्वीकार कर लिया. उन्होंने पत्रकारों से कहा कि भाजपा ने विधानसभा में आज जो किया है वह लोकतंत्र के लिए शर्मिंदगी की बात है. यह अभूतपूर्व है. भगवा पार्टी संवैधानिक संकट पैदा करना चाहती है. हमने राज्यपाल से अपने अभिभाषण की कम से कम एक पंक्ति पढ़ने और उसे सदन में पेश करने का अनुरोध किया. उन्होंने हमारा आग्रह स्वीकार कर लिया. हम उनके आभारी हैं.
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विपक्ष के नेता और भाजपा के नंदीग्राम से विधायक शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि विपक्षी सदस्य निकाय चुनावों के दौरान हिंसा और छेड़छाड़ की कथित घटनाओं के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराना चाहते थे. पिछले साल जुलाई में धनखड़ को विपक्षी भाजपा के प्रदर्शन के बीच नव गठित विधानसभा में अपने उद्घाटन अभिभाषण की अवधि कम करनी पड़ी थी.