दमोह : नोहटा थाना क्षेत्र के आदिवासी बहुल ग्राम शीशपुर में रहने वाली 60 वर्षीय लक्ष्मी बाई का खोया हुआ बेटा साढ़े 4 साल बाद पाकिस्तान से लौट कर आया है. शीशपुर ग्राम में रहने वाला 30 वर्षीय बारेलाल फरवरी 2017 में अचानक घर से लापता हो गया था. जिसकी खोजबीन के लिए परिजनों ने काफी प्रयास किए, लेकिन उसका कहीं कोई सुराग नहीं लगा. 2019 में अचानक उन्हें पता चला कि उनका मानसिक रूप से कमजोर बेटा अटारी बॉर्डर पार करके पाकिस्तान पहुंच गया है. खबर मिलने के बाद लोगों ने उम्मीद छोड़ दी थी कि वह कभी भारत वापस आ पाएगा, लेकिन साढ़े चार साल बाद बारेलाल अपने घर लौट आया.
- पाकिस्तान जाने की बात करता था बारेलाल
शीशपुर ग्राम में रहने वाला बारेलाल आदिवासी शुरू से मानसिक कमजोर नहीं था. वह पढ़ाई लिखाई में बहुत होशियार था. नोहटा के सरकारी स्कूल से उसने 10वीं तक पढ़ाई भी की थी. उसके बाद वह मजदूरी के लिए जब 2006 में दिल्ली गया, तो वहां से वह मानसिक रोगी होकर वापस लौटा. उसी के बाद से उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं थी. वह अक्सर घर से पाकिस्तान जाने की बातें करने लगा था. घर में बारेलाल के माता-पिता की अलावा उसकी एक बहन कुसुम है जिसकी हिनौती में शादी हुई है. एक बड़ा भाई पदम सिंह भी है जिसकी दो बेटियां है.
- 2017 में घर से हुआ था लापता
बारेलाल के भाई पदम सिंह ने बताया कि उसका भाई फरवरी 2017 में एकाएक गायब हो गया था. महीने भर खोजने की बाद जब सुराग नहीं लगा तो नोहटा थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. 2 साल बाद 2019 में पुलिस और टीवी समाचारों से पता चला कि वह पाकिस्तान में है. उसके बाद वह कई दफा पुलिस और अधिकारियों के पास गया, जो दस्तावेज मांगे वह उपलब्ध कराएं. पाकिस्तान जाने के लिए पासपोर्ट बनवाने की कवायद भी शुरू हुई, लेकिन उसमें वह सफल नहीं हो सका. पदम सिंह कहते हैं कि भाई आ गया है उन्हें उसकी बेहद प्रसन्नता है. वह भारत सरकार के आभारी हैं कि जिनकी बदौलत उनका भाई घर लौट आया है.
- मां ने सरकार से लगाई बेटे का इलाज करवाने की गुहार
बारेलाल की मां लक्ष्मी बाई कहती हैं कि उनका बेटा लौट आया है. वह जब घर से गया था, तो मानसिक रूप से कमजोर था. पुलिस से उन्हें पता चला कि वह पाकिस्तान पहुंच गया है. अब वह चाहती हैं कि सरकार उसके बेटे का इलाज कराए. ताकि वह भविष्य में कहीं और न जा सके. वह कहती हैं कि जैसे और लोगों की बच्चे ठीक हैं वैसे ही उनका बेटा ठीक रहे. 4 साल बाद अपने बेटे को देखकर वह कहती हैं कि पहले जब वह घर से गया था तो दुबला पतला था, लेकिन अब हुष्ट पुष्ट हो गया है.
- कैसे गया कैसे आया याद नहीं
पाकिस्तान से लौटे बारेलाल की मानसिक हालत अभी भी ठीक नहीं है. वह ठीक से नहीं बता पा रहा है कि कैसे पाकिस्तान पहुंच गया था. वह कहां रहा और उसके साथ क्या-क्या हुआ यह भी याद नहीं. उसे केवल इतना याद है कि वह ट्रेन में बैठकर पाकिस्तान पहुंच गया था. वह करीब 5 महीने तक वहां की जेल में रहा. बारेलाल बताता है कि वह किसी कंपनी में काम करता था. वहां उससे ईट भट्टे पर काम कराया जाता था. भारत कैसे लौटकर आया इसके बारे में वह सिर्फ जानता है कि ट्रेन में बैठकर वह अपने घर वापस आ गया. उसे वहां पर किस तरह की परेशानियां और शारीरिक यातनाओं से गुजरना पड़ा इसके बारे में भी वह कोई जवाब नहीं दे पा रहा है. वह अपने साथ पाकिस्तान के कुछ प्रोडक्ट और खाने पीने का सामान जरूर लाया है.
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- भाई और पिता ने की पहचान
इस मामले में नोहटा थाना प्रभारी विकास सिंह चौहान कहते हैं कि 2017 में बारेलाल लापता हो गया था. लेकिन 2019 को यह जानकारी मिली कि वह पाकिस्तान में है. उसके बाद हाल ही में यह सूचना आई कि उसे पाकिस्तान से वापस भारत भेज दिया गया है. जिसके बाद नोहटा थाना से सिपाही अवधेश भारद्वाज, बारेलाल के भाई और पिता को उसकी शिनाख्त कर वापस लाने के लिए अमृतसर भेजा.