बेंगलुरु : कर्नाटक के मैसुरु जिले में स्थित हालारे के ग्रामीणों ने एक नाई के परिवार का सामाजिक बहिष्कार किया है. उनका गुनाह बस इतना है कि परिवार का सदस्य परिवार का पेट पालने के लिए अपनी दुकान में एक अनुसूचित जाति के लोगों के बाल काटता था.
मल्लिकार्जुन शेट्टी नाम के शख्य ने आरोप लगाया कि उनके परिवार पर एक अनुसूचित जाति के व्यक्ति के बाल काटने को लेकर ग्रामीणों ने उसके परिवार का बहिष्कार कर दिया है. साथ ही उस पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
गांव के नेताओं ने अनुसूचित जाति के लोगों के बाल कटवाने पर प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि, मल्लिकार्जुन शेट्टी सरकार के आदेश के अनुसार गांव में हर किसी के बाल काट रहे हैं.
शेट्टी का कहना है कि गांव के नेता चेन्नायका और उनके सहयोगियों ने अनुसूचित जाति के लोगों के बाल कटवाने के बाद मेरे परिवार के साथ भेदभाव किया और मुझ पर जुर्माना भी लगाया.
ग्रामीणों के इस सामाजिक बहिष्कार के कारण मल्लिकार्जुन शेट्टी का परिवार मुश्किल में है. उन्होंने इस बारे में तहसीलदार कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई है.
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शेट्टी का कहना है कि अगर उनके साथ हो रहा सामाजिक बहिष्कार खत्म नहीं किया गया, तो वह आत्महत्या कर लेंगे.
इस संबंध में नंजनगुडू तहसीलदार महेश कुमार ने पुलिस को पत्र लिखा है और ग्रामीणों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है.