ETV Bharat / bharat

वन्य जीवों को प्रदूषण से बचाने के लिए विशेष तैयारी, दीपावली पर दून चिड़ियाघर के आसपास आतिशबाजी पर रोक

Effort to save zoo animals from pollution राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण देश के लिए भी एक अलार्मिंग सिचुएशन के रूप में देखा जा रहा है. उधर उत्तराखंड में भी प्रदूषण के हालातों पर विशेषज्ञ चिंता जाहिर कर रहे हैं. खास बात ये है कि वायु प्रदूषण न केवल इंसानों बल्कि वन्यजीवों के लिए भी एक बड़ा खतरा बन सकता है. शायद यही कारण है कि देहरादून शहर क्षेत्र में मौजूद चिड़ियाघर में वन्यजीवों को प्रदूषण से बचाने के लिए एहतियात बरती जा रही है. क्या हैं ये प्रयास और प्रदूषण के क्या हैं खतरे, इस रिपोर्ट में पढ़िए.

Effort to save zoo animals from pollution
देहरादून दीपावली समाचार
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 10, 2023, 8:55 AM IST

Updated : Nov 10, 2023, 8:14 PM IST

वन्य जीवों को प्रदूषण से बचाने के लिए विशेष तैयारी

देहरादून: देश के महानगरों समेत तमाम दूसरे शहरों में प्रदूषण एक बड़ी समस्या बनकर सामने आया है. यह समस्या दुनिया भर के लिए बेहद गंभीर चिंता का विषय है. लेकिन इन दिनों राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के इंडेक्स में हुई बढ़ोत्तरी के कारण सबकी नजर दिल्ली और तमाम दूसरे शहरों पर बनी हुई है. खास बात यह है कि वायु प्रदूषण के खतरे को लेकर इंसानी जागरूकता के बीच वन्यजीवों को भी इससे बचाने के प्रयास हो रहे हैं. खासकर दीपावली के दौरान आतिशबाजी से होने वाले प्रदूषण पर कुछ कमी लाने के प्रयास हो रहे हैं.

देहरादून जू के जानवरों को प्रदूषण से बचाने की कवायद: देहरादून चिड़ियाघर में भी कुछ ऐसी ही एहतियातन कोशिश की जा रही है. दरअसल देहरादून का चिड़ियाघर कई वन्यजीवों का आशियाना है. शहरी क्षेत्र में होने के कारण इन पर भी वायु प्रदूषण बढ़ने की स्थिति में प्रभाव पड़ सकता है. लिहाजा चिड़ियाघर प्रशासन ने स्थितियों के बिगड़ने से पहले ही एहतियातन ऐसे कदम उठाने शुरू किए हैं, जो काबिल-ए-तारीफ हैं.

Effort to save zoo animals from pollution
देहरादून चिड़ियाघर के पशुओं को प्रदूषण से बचाने का प्रयास

दून चिड़ियाघर के आसपास आतिशबाजी पर रोक: चिड़ियाघर प्रशासन ने चिड़ियाघर क्षेत्र में पानी के छिड़काव से लेकर दीपावली आने से पहले ही लोगों को जागरूक करना शुरू कर दिया है. इतना ही नहीं चिड़ियाघर के आसपास आतिशबाजी करने पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है. दीपावली के कारण न केवल चिड़ियाघर के आसपास होने वाली आतिशबाजी से ध्वनि प्रदूषण के कारण चिड़ियाघर में मौजूद वन्यजीवों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है, बल्कि इससे होने वाले प्रदूषण के भी विपरीत असर हो सकते हैं. इन्हीं सभी स्थितियों को भांपते हुए चिड़ियाघर प्रबंधन ने आसपास में रहने वाले लोगों को भी जागरूक करने की कोशिश से शुरू कर दी है. दीपावली पर आतिशबाजी ना करते हुए इस त्यौहार को ग्रीन फ्रेंडली करने के लिए लोगों को आगे आने के लिए कहा जा रहा है.

दीवाली पर देहरादून में बढ़ जाता है वायु प्रदूषण: राजधानी देहरादून में भी दीपावली के दौरान AQI 300 के पार पहुंच जाता है. इस दौरान आसपास के क्षेत्र में भी वायु प्रदूषण अपने चरम पर होता है. देहरादून में हाईवे से सटा होने के कारण देहरादून चिड़ियाघर भी हैवी ट्रैफिक के करीब रहता है. लिहाजा वायु प्रदूषण का खतरा यहां पर बना रहता है. इसके अलावा आसपास बड़े संस्थान और रिहायशी इलाके दीपावली के दौरान वायु प्रदूषण को बढ़ाने की आशंका को बनाए रखते हैं. हालांकि इन स्थितियों को पहले ही समझते हुए वाइल्ड लाइफ को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि वायु प्रदूषण का कोई भी असर देहरादून चिड़ियाघर में मौजूद सैकड़ों वन्य जीवों पर ना पड़े.

Effort to save zoo animals from pollution
चिड़ियाघर के आसपास आतिशबाजी पर रोक

वायु और ध्वनि प्रदूषण जानवरों के लिए होता है घातक: देहरादून चिड़ियाघर में लेपर्ड से लेकर डियर और इसकी कई प्रजातियां मौजूद हैं. इसी तरह कई तरह के पक्षियों के साथ ही 15 से ज्यादा प्रकार के सांप भी यहां मौजूद हैं. इतना ही नहीं मगरमच्छ और घड़ियाल भी देहरादून चिड़ियाघर में मौजूद हैं. खास बात यह है कि वन्य जीव वायु प्रदूषण को लेकर बेहद संवेदनशील होते हैं. इसके अलावा ध्वनि प्रदूषण भी इनके लिए एक बड़ी परेशानी बन सकता है.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड चारधाम यात्रा में पहुंच रहे रिकॉर्ड वाहन, कहीं 'जहरीली' तो नहीं हुई फिजा? एयर क्वालिटी की होगी मॉनिटरिंग

चिकित्सक की निगरानी में चिड़ियाघर के वन्यजीव: वैसे तो चिड़ियाघर में पशु चिकित्सक की तैनाती रहती है और चिड़ियाघर में किसी भी वन्य जीव के बीमार होने पर पशु चिकित्सक उसका उपचार करते हैं. लेकिन अब प्रदूषण को लेकर भी पशु चिकित्सक की वन्यजीवों को लेकर विशेष निगरानी रहती है. इस दौरान पशु चिकित्सक चिड़ियाघर में दो बार राउंड पर जाकर सभी वन्यजीवों के स्वास्थ्य का चेकअप भी करते हैं, ताकि यदि किसी तरह का प्रतिकूल असर दिखाई दे रहा हो तो फौरन ऐसे वन्य जीव का इलाज करते हुए उसे इसके लिए सप्लीमेंट दिया जाए.
ये भी पढ़ें: 'सांस' लेने के लिए 'गैस चेंबर' राज्यों से उत्तराखंड पहुंच रहे लोग, लेकिन क्या पहाड़ों पर सब ठीक है?

वन्य जीवों को प्रदूषण से बचाने के लिए विशेष तैयारी

देहरादून: देश के महानगरों समेत तमाम दूसरे शहरों में प्रदूषण एक बड़ी समस्या बनकर सामने आया है. यह समस्या दुनिया भर के लिए बेहद गंभीर चिंता का विषय है. लेकिन इन दिनों राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के इंडेक्स में हुई बढ़ोत्तरी के कारण सबकी नजर दिल्ली और तमाम दूसरे शहरों पर बनी हुई है. खास बात यह है कि वायु प्रदूषण के खतरे को लेकर इंसानी जागरूकता के बीच वन्यजीवों को भी इससे बचाने के प्रयास हो रहे हैं. खासकर दीपावली के दौरान आतिशबाजी से होने वाले प्रदूषण पर कुछ कमी लाने के प्रयास हो रहे हैं.

देहरादून जू के जानवरों को प्रदूषण से बचाने की कवायद: देहरादून चिड़ियाघर में भी कुछ ऐसी ही एहतियातन कोशिश की जा रही है. दरअसल देहरादून का चिड़ियाघर कई वन्यजीवों का आशियाना है. शहरी क्षेत्र में होने के कारण इन पर भी वायु प्रदूषण बढ़ने की स्थिति में प्रभाव पड़ सकता है. लिहाजा चिड़ियाघर प्रशासन ने स्थितियों के बिगड़ने से पहले ही एहतियातन ऐसे कदम उठाने शुरू किए हैं, जो काबिल-ए-तारीफ हैं.

Effort to save zoo animals from pollution
देहरादून चिड़ियाघर के पशुओं को प्रदूषण से बचाने का प्रयास

दून चिड़ियाघर के आसपास आतिशबाजी पर रोक: चिड़ियाघर प्रशासन ने चिड़ियाघर क्षेत्र में पानी के छिड़काव से लेकर दीपावली आने से पहले ही लोगों को जागरूक करना शुरू कर दिया है. इतना ही नहीं चिड़ियाघर के आसपास आतिशबाजी करने पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है. दीपावली के कारण न केवल चिड़ियाघर के आसपास होने वाली आतिशबाजी से ध्वनि प्रदूषण के कारण चिड़ियाघर में मौजूद वन्यजीवों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है, बल्कि इससे होने वाले प्रदूषण के भी विपरीत असर हो सकते हैं. इन्हीं सभी स्थितियों को भांपते हुए चिड़ियाघर प्रबंधन ने आसपास में रहने वाले लोगों को भी जागरूक करने की कोशिश से शुरू कर दी है. दीपावली पर आतिशबाजी ना करते हुए इस त्यौहार को ग्रीन फ्रेंडली करने के लिए लोगों को आगे आने के लिए कहा जा रहा है.

दीवाली पर देहरादून में बढ़ जाता है वायु प्रदूषण: राजधानी देहरादून में भी दीपावली के दौरान AQI 300 के पार पहुंच जाता है. इस दौरान आसपास के क्षेत्र में भी वायु प्रदूषण अपने चरम पर होता है. देहरादून में हाईवे से सटा होने के कारण देहरादून चिड़ियाघर भी हैवी ट्रैफिक के करीब रहता है. लिहाजा वायु प्रदूषण का खतरा यहां पर बना रहता है. इसके अलावा आसपास बड़े संस्थान और रिहायशी इलाके दीपावली के दौरान वायु प्रदूषण को बढ़ाने की आशंका को बनाए रखते हैं. हालांकि इन स्थितियों को पहले ही समझते हुए वाइल्ड लाइफ को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि वायु प्रदूषण का कोई भी असर देहरादून चिड़ियाघर में मौजूद सैकड़ों वन्य जीवों पर ना पड़े.

Effort to save zoo animals from pollution
चिड़ियाघर के आसपास आतिशबाजी पर रोक

वायु और ध्वनि प्रदूषण जानवरों के लिए होता है घातक: देहरादून चिड़ियाघर में लेपर्ड से लेकर डियर और इसकी कई प्रजातियां मौजूद हैं. इसी तरह कई तरह के पक्षियों के साथ ही 15 से ज्यादा प्रकार के सांप भी यहां मौजूद हैं. इतना ही नहीं मगरमच्छ और घड़ियाल भी देहरादून चिड़ियाघर में मौजूद हैं. खास बात यह है कि वन्य जीव वायु प्रदूषण को लेकर बेहद संवेदनशील होते हैं. इसके अलावा ध्वनि प्रदूषण भी इनके लिए एक बड़ी परेशानी बन सकता है.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड चारधाम यात्रा में पहुंच रहे रिकॉर्ड वाहन, कहीं 'जहरीली' तो नहीं हुई फिजा? एयर क्वालिटी की होगी मॉनिटरिंग

चिकित्सक की निगरानी में चिड़ियाघर के वन्यजीव: वैसे तो चिड़ियाघर में पशु चिकित्सक की तैनाती रहती है और चिड़ियाघर में किसी भी वन्य जीव के बीमार होने पर पशु चिकित्सक उसका उपचार करते हैं. लेकिन अब प्रदूषण को लेकर भी पशु चिकित्सक की वन्यजीवों को लेकर विशेष निगरानी रहती है. इस दौरान पशु चिकित्सक चिड़ियाघर में दो बार राउंड पर जाकर सभी वन्यजीवों के स्वास्थ्य का चेकअप भी करते हैं, ताकि यदि किसी तरह का प्रतिकूल असर दिखाई दे रहा हो तो फौरन ऐसे वन्य जीव का इलाज करते हुए उसे इसके लिए सप्लीमेंट दिया जाए.
ये भी पढ़ें: 'सांस' लेने के लिए 'गैस चेंबर' राज्यों से उत्तराखंड पहुंच रहे लोग, लेकिन क्या पहाड़ों पर सब ठीक है?

Last Updated : Nov 10, 2023, 8:14 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.