पुणे: महाराष्ट्र के पुणे से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. पुणे के कोंढवा इलाके में रहने वाले एक 11 साल के लड़के को उसके माता-पिता ने 22 से ज्यादा कुत्तों वाले कमरे में रखा था. अब माता-पिता के खिलाफ कोंढवा थाने में मामला दर्ज किया गया है.
आरोपी माता-पिता संजय लोधरिया और शीतल लोढरिया कोंढवा के कृष्णा बिल्डिंग में रहते हैं. जिस घर में वे रहते हैं उसमें 20 से 22 कुत्ते हैं. करीब दो साल से एक 11 साल के लड़के को कुत्ते के साथ एक कमरे में बंद कर दिया गया था. वह लड़का जब खिड़की पर बैठता है तो कुत्ते की तरह व्यवहार करता है. चाइल्ड लाइन की समन्वयक अपर्णा मोदक को किसी ने फोन पर यह सूचना दी.
इस सूचना के आधार पर उन्होंने वहां जाकर निरीक्षण किया तो पाया कि 11 साल का लड़का उस वक्त एक कमरे में था और उसके आसपास अलग-अलग उम्र के 20 से 22 कुत्ते पाए गए. लड़का पलंग पर लेटा हुआ था. उसके बाद अपर्णा मोदक ने पुलिस अधिकारियों को यह बात बताई. इसी आधार पर कोंढवा थाने में शिकायत दर्ज कराई गई. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अपर्णा मोदक की शिकायत के बाद कोंढवा पुलिस ने मौके पर जाकर जांच की. इस बार भी वह लड़का कुत्तों के साथ कमरे में मिला.
तदनुसार आरोपी पिता संजय लोधरिया और आरोपी मां शीतल लोधरिया के खिलाफ किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया. इस मामले में आरोपी पिता और मां दोनों की जांच चल रही है. कोंढवा पुलिस ने बताया कि लड़के की काउंसलिंग की जा रही है. दो साल से अधिक समय से वह कुत्तों के साथ रह रहा है तो लड़का कुत्ते की तरह व्यवहार करने लगा.
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वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सरदार पाटिल ने लड़के को बचाने के दौरान का अपना अनुभव साझा किया है. कहा कि पीड़ित बच्चे को उस घर से बाहर निकालना वाकई मुश्किल काम था क्योंकि वे सभी कुत्ते आवारा थे. उनकी नसबंदी नहीं की गई थी. इसके अलावा वह कभी भी हिंसक हो सकता था. एक 11 साल का बच्चा 22 कुत्तों के पास इतनी गंदी जगह में फंसा हुआ था. पुलिस ने कहा कि बच्चों को जानवरों के करीब रखना और इस तरह बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालना अपराध है. उन्हें कानून के अनुसार गिरफ्तार किया जाएगा.