पालक्कड़: केरल की अट्टापडी वन्य श्रृंखला में करीब दो सप्ताह पहले अपनी मां समेत झुंड से अलग हुए हाथी के बच्चे की मंगलवार रात मौत हो गई. वन विभाग के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि हाथी के एक वर्षीय बच्चे की मृत्यु का सही कारण उसकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगा. अधिकारी ने बताया कि दो सप्ताह से उसकी देखभाल कर रहे पशु चिकित्सकों को लगता है कि उसे किसी तरह का संक्रमण था जो बाद में गंभीर हो गया.
उन्होंने कहा, 'हाथी का बच्चा हमारी देखरेख में था. वह सोमवार तक ठीक था. इसके बाद उसमें कमजोरी के लक्षण दिखे और हम उसे उपचार के लिए ले गए. इलाज के बाद लगा कि वह ठीक हो गया लेकिन मंगलवार से फिर उसमें कमजोरी के लक्षण दिखे. उसका हर संभव इलाज किया गया लेकिन वह नहीं बच पाया.' अधिकारी ने कहा, 'ऐसा लगता है कि बच्चे को जन्म से ही परेशानी थी। शायद इसीलिए झुंड ने उसे अलग कर दिया होगा.'
हाथी का यह नर बच्चा पुडुर वन विभाग थाने के कृष्णावनम इलाके में 15 जून को मिला था। उसे झुंड में शामिल होने के लिए उसी दिन पड़ोस में मौजूद हाथियों के पास भेज दिया गया लेकिन अगली सुबह वह फिर झुंड से अलग मिला. वन विभाग के अधिकारी ने कहा कि कृष्णावनम जंगल में हाथी के बच्चे को झुंड से मिलाने के लिए तमाम प्रयास किए गए. यहां तक कि एक अस्थायी आश्रय का भी निर्माण किया गया लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ.
यह भी पढ़ें: