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अफगानिस्तान से सुरक्षित घर लौटे बबलू ने सुनाया आंखों देखा खौफ का मंजर

मैंने तालिबान को देखा है... छलछलाती आंखों और भर्राए गले से ये बोल बोकारो के बबलू के हैं, जो अफगानिस्तान से अपने वतन लौटे हैं. बबलू रविवार देर शाम रांची एयरपोर्ट पहुंचे, जहां उन्होंने अपना दर्द साझा किया.

आंखों देखा खौफ का मंजर
आंखों देखा खौफ का मंजर
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Published : Aug 22, 2021, 10:49 PM IST

रांची : तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में क्या कुछ हो रहा है ये वही बता सकते हैं जिन्होंने इसका दंश झेला है. बड़ी ही मुश्किल से अपने वतन लौटे बोकारो (झारखंड) के बबलू जब रांची एयरपोर्ट पर पहुंचे तो अपनी जन्मभूमि को चूम लिया. देश की धरती पर कदम रखते ही बबलू के चेहरे से खुशी के आंसू छलक पड़े.

रांची एयरपोर्ट पर उतरने के बाद उसने अपनी धरती को चूमा, फिर 'भारत माता की जय' के नारे लगाए. अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के हालात का जिक्र करते हुए बबलू ने बताया कि उसने अपनी आंखों से वहां डर का माहौल देखा है, जो उसके दिल-ओ-दिमाग में अब तक कौंध रहा है. लेकिन अब वतन वापसी के बाद उसे राहत मिली है.

बबलू ने सुनाया आंखों देखा खौफ का मंजर

बबलू ने पिछले चार-पांच दिन के बारे में बताते हुए कहा कि पिछले 16 अगस्त से वह संकट के दौर में रहा, वहां हर कोई अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहा था. बबलू ने आगे बताया कि 16 अगस्त को ही उसकी वासपी का टिकट था, पर वो उस दिन अफरा-तफरी में हवाई जहाज पर नहीं चढ़ पाया. उसके बाद वो अपने कमरे में आ गया. किसी तरह उसने खुद को सुरक्षित किया और दोबारा वासपी का इंतजार करने लगा. उसके बाद वह कुछ और भारतीयों के साथ महफूज जगह पर रहा.

इस बीच भारत सरकार के प्रयास से 21 अगस्त को बबलू के साथ और अन्य भारतीयों को काबुल हवाई अड्डे पर सुरक्षित लाया गया. जहां से रविवार को सभी 168 भारतीयों की वतन वापसी कराई गई.

इसे भी पढ़ें- अफगानिस्तान में फंसा है बेरमो का बबलू, वतन वापसी के लिए परिजनों ने केंद्र सरकार से लगाई गुहार

रांची : तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में क्या कुछ हो रहा है ये वही बता सकते हैं जिन्होंने इसका दंश झेला है. बड़ी ही मुश्किल से अपने वतन लौटे बोकारो (झारखंड) के बबलू जब रांची एयरपोर्ट पर पहुंचे तो अपनी जन्मभूमि को चूम लिया. देश की धरती पर कदम रखते ही बबलू के चेहरे से खुशी के आंसू छलक पड़े.

रांची एयरपोर्ट पर उतरने के बाद उसने अपनी धरती को चूमा, फिर 'भारत माता की जय' के नारे लगाए. अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के हालात का जिक्र करते हुए बबलू ने बताया कि उसने अपनी आंखों से वहां डर का माहौल देखा है, जो उसके दिल-ओ-दिमाग में अब तक कौंध रहा है. लेकिन अब वतन वापसी के बाद उसे राहत मिली है.

बबलू ने सुनाया आंखों देखा खौफ का मंजर

बबलू ने पिछले चार-पांच दिन के बारे में बताते हुए कहा कि पिछले 16 अगस्त से वह संकट के दौर में रहा, वहां हर कोई अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहा था. बबलू ने आगे बताया कि 16 अगस्त को ही उसकी वासपी का टिकट था, पर वो उस दिन अफरा-तफरी में हवाई जहाज पर नहीं चढ़ पाया. उसके बाद वो अपने कमरे में आ गया. किसी तरह उसने खुद को सुरक्षित किया और दोबारा वासपी का इंतजार करने लगा. उसके बाद वह कुछ और भारतीयों के साथ महफूज जगह पर रहा.

इस बीच भारत सरकार के प्रयास से 21 अगस्त को बबलू के साथ और अन्य भारतीयों को काबुल हवाई अड्डे पर सुरक्षित लाया गया. जहां से रविवार को सभी 168 भारतीयों की वतन वापसी कराई गई.

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