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रामदेव के ठेंगे पर कोरोना कर्फ्यू के नियम, रोज जुटा रहे हजारों की भीड़, प्रशासन बेखबर

बाबा रामदेव विवादित बयानों के साथ कोविड नियमों को भी ठेंगा दिखा रहे हैं. आलम तो ये है कि बाबा रोजाना सौ से ज्यादा लोगों को इकठ्ठा कर योग करवा रहे हैं. इसके बाद भी बाबा के खिलाफ कार्रवाई करने की कोई भी जहमत नहीं उठा पा रहा है.

ठेंगे पर कोरोना कर्फ्यू
ठेंगे पर कोरोना कर्फ्यू
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Published : May 26, 2021, 11:22 PM IST

देहरादून : योगगुरु बाबा रामदेव इन दिनों अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं, तो कोरोना कर्फ्यू की भी जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं. जी हां, इस वैश्विक महामारी में देशभर के सभी स्कूल, जिम, योगशालाएं बंद हैं. शादी-विवाहों को सरकार ने रद्द करने का फरमान भी सुना दिया है. इतना ही नहीं श्मशान घाटों पर भी केवल 20 लोग ही शामिल हो सकते हैं. कोरोना गाइडलाइन का पालन न करने पर तमाम जगहों पर चालान की प्रक्रिया बदस्तूर जारी है. वहीं, दूसरी ओर बाबा रामदेव रोजाना 100 से ज्यादा लोगों को इकट्ठा कर योग करवाते नजर आ रहे हैं. जिसे लेकर प्रशासन बेखबर है.

दरअसल, योग गुरु बाबा रामदेव कोविड-19 की गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाते हुए योग ग्राम में 100 से ज्यादा लोगों को इकट्ठा कर योग करवा रहे हैं. हालांकि, योग करवाना कोई बुरी बात नहीं है, लेकिन जब सरकार और देशभर के डॉक्टरों ने यह कह दिया है कि एक जगह पर इतनी गैदरिंग नहीं होगी तो भला बाबा इस बात को क्यों अनसुना कर रहे हैं. सवाल तो यह भी उठ रहा है कि जिलाधिकारी और एसएसपी के कार्यालय के नजदीक बना योग ग्राम कैसे सरकारी नजरों से अब तक दूर है? क्या बाबा ने इन सब लोगों को जुटाने की कोई परमिशन ली है या नहीं?

बाबा रामदेव ने दिखाया कोविड नियमों को भी ठेंगा

नियमों की उड़ रही हैं जमकर धज्जियां

बाबा रामदेव रोज सुबह 5 बजे से 8 बजे तक अपने निजी चैनल पर योग का लाइव प्रसारण करते हैं. वो योग ग्राम में लोगों को इकट्ठा कर योग करवाते नजर आ रहे हैं. यहां पर देश के अलग-अलग राज्यों से लोग आए हुए हैं. कल सुबह के कार्यक्रम में जब बाबा योग करवा रहे थे, उस समय भी करीब 100 से ज्यादा लोगों की भीड़ योग ग्राम में बाबा के इस योग कार्यक्रम में मौजूद थी. इस कार्यक्रम में मास्क की बात करना तो बेईमानी सा लगता है. क्योंकि, कोई यहां मास्क पहने नजर नहीं आता है.

पढ़ें - डॉक्टर बोले- जब मुश्किल में थे तब हम ही थे, बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की एलोपैथ से बची थी जान

पूरे देश में लॉकडाउन लेकिन हमारे यहां नहींः रामदेव

बाबा रामदेव अपने भक्तों से यह कहते हुए भी सुनाई दिए कि पूरे देश में भले ही लॉकडाउन हो, लेकिन देश का एकमात्र ऐसा गांव हैं जहां पर किसी तरह का कोई लॉकडाउन नहीं है. यहां रोज योग चल रहा है. बाबा अपने समर्थकों से यह भी कह रहे हैं कि वह दावे के साथ कहते हैं कि अगले 100 सालों तक बाबा रामदेव को कोविड-19 क्या कोई भी बीमारी नहीं छू सकती.

हमें नहीं मालूम इतनी भीड़ जुट रहीः प्रशासन

इस पूरे मामले पर जब हमने प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों से बातचीत की तो हैरानी की बात ये थी कि प्रशासन को भी इस बात की जानकारी नहीं है. यूं कह सकते हैं कि जानकारी है, लेकिन कोई कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है. हरिद्वार एसडीएम गोपाल सिंह चौहान कहते हैं कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि योग ग्राम में लोगों की भीड़ जुटी हुई है. ऐसे में प्रशासन पूरी तरह से बेखबर नजर आ रहा है.

पढ़ें - IMA ने PM काे लिखा पत्र, बाबा रामदेव के खिलाफ हो देशद्रोह के तहत कार्रवाई

ऐसे में सवाल उठना भी लाजमी है कि बाबा सभी नियम कायदे-कानून ताक पर रख दें और भीड़ जुटाकर कार्यक्रम भी करें तो भला उन्हें यह अधिकार किसने दिया है? उधर, सरकार और प्रशासन पर भी सवाल खड़ा होता है कि जब छोटे व्यापारियों को दुकान खोलने, सामान बेचने के लिए प्रतिबंधित किया गया है तो भला बाबा को किसने छूट दी है? जो सरकार के नियमों को ठेंगा दिखा रहे हैं.

देहरादून : योगगुरु बाबा रामदेव इन दिनों अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं, तो कोरोना कर्फ्यू की भी जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं. जी हां, इस वैश्विक महामारी में देशभर के सभी स्कूल, जिम, योगशालाएं बंद हैं. शादी-विवाहों को सरकार ने रद्द करने का फरमान भी सुना दिया है. इतना ही नहीं श्मशान घाटों पर भी केवल 20 लोग ही शामिल हो सकते हैं. कोरोना गाइडलाइन का पालन न करने पर तमाम जगहों पर चालान की प्रक्रिया बदस्तूर जारी है. वहीं, दूसरी ओर बाबा रामदेव रोजाना 100 से ज्यादा लोगों को इकट्ठा कर योग करवाते नजर आ रहे हैं. जिसे लेकर प्रशासन बेखबर है.

दरअसल, योग गुरु बाबा रामदेव कोविड-19 की गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाते हुए योग ग्राम में 100 से ज्यादा लोगों को इकट्ठा कर योग करवा रहे हैं. हालांकि, योग करवाना कोई बुरी बात नहीं है, लेकिन जब सरकार और देशभर के डॉक्टरों ने यह कह दिया है कि एक जगह पर इतनी गैदरिंग नहीं होगी तो भला बाबा इस बात को क्यों अनसुना कर रहे हैं. सवाल तो यह भी उठ रहा है कि जिलाधिकारी और एसएसपी के कार्यालय के नजदीक बना योग ग्राम कैसे सरकारी नजरों से अब तक दूर है? क्या बाबा ने इन सब लोगों को जुटाने की कोई परमिशन ली है या नहीं?

बाबा रामदेव ने दिखाया कोविड नियमों को भी ठेंगा

नियमों की उड़ रही हैं जमकर धज्जियां

बाबा रामदेव रोज सुबह 5 बजे से 8 बजे तक अपने निजी चैनल पर योग का लाइव प्रसारण करते हैं. वो योग ग्राम में लोगों को इकट्ठा कर योग करवाते नजर आ रहे हैं. यहां पर देश के अलग-अलग राज्यों से लोग आए हुए हैं. कल सुबह के कार्यक्रम में जब बाबा योग करवा रहे थे, उस समय भी करीब 100 से ज्यादा लोगों की भीड़ योग ग्राम में बाबा के इस योग कार्यक्रम में मौजूद थी. इस कार्यक्रम में मास्क की बात करना तो बेईमानी सा लगता है. क्योंकि, कोई यहां मास्क पहने नजर नहीं आता है.

पढ़ें - डॉक्टर बोले- जब मुश्किल में थे तब हम ही थे, बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की एलोपैथ से बची थी जान

पूरे देश में लॉकडाउन लेकिन हमारे यहां नहींः रामदेव

बाबा रामदेव अपने भक्तों से यह कहते हुए भी सुनाई दिए कि पूरे देश में भले ही लॉकडाउन हो, लेकिन देश का एकमात्र ऐसा गांव हैं जहां पर किसी तरह का कोई लॉकडाउन नहीं है. यहां रोज योग चल रहा है. बाबा अपने समर्थकों से यह भी कह रहे हैं कि वह दावे के साथ कहते हैं कि अगले 100 सालों तक बाबा रामदेव को कोविड-19 क्या कोई भी बीमारी नहीं छू सकती.

हमें नहीं मालूम इतनी भीड़ जुट रहीः प्रशासन

इस पूरे मामले पर जब हमने प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों से बातचीत की तो हैरानी की बात ये थी कि प्रशासन को भी इस बात की जानकारी नहीं है. यूं कह सकते हैं कि जानकारी है, लेकिन कोई कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है. हरिद्वार एसडीएम गोपाल सिंह चौहान कहते हैं कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि योग ग्राम में लोगों की भीड़ जुटी हुई है. ऐसे में प्रशासन पूरी तरह से बेखबर नजर आ रहा है.

पढ़ें - IMA ने PM काे लिखा पत्र, बाबा रामदेव के खिलाफ हो देशद्रोह के तहत कार्रवाई

ऐसे में सवाल उठना भी लाजमी है कि बाबा सभी नियम कायदे-कानून ताक पर रख दें और भीड़ जुटाकर कार्यक्रम भी करें तो भला उन्हें यह अधिकार किसने दिया है? उधर, सरकार और प्रशासन पर भी सवाल खड़ा होता है कि जब छोटे व्यापारियों को दुकान खोलने, सामान बेचने के लिए प्रतिबंधित किया गया है तो भला बाबा को किसने छूट दी है? जो सरकार के नियमों को ठेंगा दिखा रहे हैं.

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