अयोध्याः भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा समुदाय विशेष को लेकर की गई टिप्पणी पर विवाद अभी थमा भी नहीं था कि इंडियन फिल्ममेकर लीना मणिमेकलई ने एक विवादास्पद पोस्टर जारी कर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है. फिल्म निर्माता लीना ने 2 जुलाई को अपनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म काली का पोस्टर शेयर किया था. फिल्म के पोस्टर में 'मां काली' के हाथ में सिगरेट और LGBT का झंडा दिखाया गया है. इस पोस्टर को देखकर विश्व हिंदू परिषद और अयोध्या के साधु-संत भड़क गए हैं. संतों ने तत्काल इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म पर बैन लगाने के साथ फिल्म निर्माता को गिरफ्तार करने की मांग की है.
डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'काली' के पोस्टर में मां काली के होठों पर जलती हुई सिगरेट दिखाई गई है. वहीं, उनके एक हाथ में त्रिशूल तो दूसरे हाथ में एलजीबीटी समुदाय का सतरंगा झंडा दिखाया गया है. इन्हीं दो चीजों पर विवाद हो रहा है. हनुमानगढ़ी के वरिष्ठ संत राजू दास ने सोमवार को एक बयान जारी करते हुए कहा है कि 'जिस तरह से इस फिल्म के जरिए हमारे हिंदू धर्म और उसके देवी-देवताओं पर आघात करने का प्रयास किया गया है, यह अक्षम है. धमकी भरे अंदाज में राजू दास ने कहा कि क्या फिल्म निर्माता चाहते हैं कि उनका भी सिर तन से जुदा हो. हम गृहमंत्री अमित शाह से मांग करते हैं कि तत्काल इस फिल्म निर्माता को गिरफ्तार किया जाए और इस फिल्म पर बैन लगाया जाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो कुछ ऐसा माहौल बन जाएगा जिसे संभाल पाना मुश्किल होगा.'वहीं, विश्व हिंदू परिषद ने भी इस मामले में कड़ी नाराजगी जाहिर की है. विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा ने विवादित पोस्टर को एक सोची समझी साजिश करार दिया है. शरद शर्मा ने कहा है कि 'फिल्म निर्माताओं द्वारा हिंदू देवी देवताओं का अपमान एक आदत में शुमार हो गया है. इस तरह के कृत्य करवा अपनी फिल्मों को हिट कराने का प्रयास करते हैं. इस तरह की तस्वीरों से विवाद उत्पन्न होता है और विवादास्पद मामले को लेकर लोग सिनेमाघरों में फिल्में देखने जाते हैं. यह एक सोची समझी साजिश है. इसे कतई स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए. तत्काल फिल्म निर्माता को गिरफ्तार किया जाना चाहिए और फिल्म पर बैन लगाना चाहिए.'