अयोध्याः राम जन्मभूमि पर फिदायीन हमले (Ram Janmbhoomi Terrorist Attack) की आज 16वीं बरसी है. आज ही के दिन, 5 जुलाई 2005 को आतंकियों ने रामलला परिसर में हमला किया था. हमले में 5 आतंकी मारे गए थे, साथ ही दो नागरिकों की भी मौत हो गई थी और कई सुरक्षा कर्मी घायल भी हुए थे. फिदायीन आतंकी हमले (Fidayeen Terrorist Attack) की साजिश रचने वाले 4 आतंकियों को प्रयागराज की एक विशेष अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई है.
राम की नगरी अयोध्या बरसों से गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल रही है. विवादित ढांचे के विध्वंस के बाद अपने इस जख्म को भरकर अयोध्या शहर वापस अपनी रवानी में था, लेकिन साल 2005 की 5 जुलाई की वो खौफनाक तारीख जिसने बेहद शांत रहने वाले शहर को अशांत कर दिया. गोलियों की तड़तड़ाहट और बम के धमाके ने पूरे शरह में दहशत पैदा कर दी थी.
तारीख 5 जुलाई, दिन था मंगलवार और समय सुबह का था. सब कुछ सामान्य चल रहा था. इसी दौरान एक गाड़ी से पांच आतंकी भक्त के वेष में अयोध्या में घुसे. पूरे इलाके की रेकी की और विवादित परिसर के पिछले हिस्से में स्थित उनवल मंदिर के बैरिकेड की चहारदीवारी के पास गाड़ी रोकी और आतंकियों के उतरने के बाद गाड़ी में एक जोरदार धमाका हो गया.
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इस धमाके में गाड़ी के पास खड़े गाइड रमेश पांडेय और चाय की दुकान पर काम कर रहीं शांति देवी के चीथड़े उड़ गए. गाड़ी से उतरे हथियार बंद 5 आतंकियों ने रामलला परिसर में गोलियां बरसानी शुरू कर दी. इन्हें रोकने के लिए पुलिस, पीएसी और सीआरपीएफ (CRPF) के जवानों ने गोलियां चलाईं. गोलियों और ग्रेनेड के धमाकों से शांत अयोध्या में चीख पुकार मच गई.
जवानों ने संभाला था मोर्चा
राम जन्मभूमि पर हुए फिदायीन हमले की सूचना कुछ ही देर में आग की तरह फैल गई. तात्कालीन फैजाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अविनाश मौर्य सहित सुरक्षा से जुड़े आलाधिकारियों को इसकी जानकारी हुई. आतंकियों के साथ पुलिस, पीएसी और सीआरपीएफ का ज्वाइंट ऑपरेशन करीब घंटे भर चला. इसमें पांचों आतंकियों को मार गिराया गया. ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों के कुछ जवान भी घायल हो गए. जांच के अनुसार सभी आतंकी नेपाल के रास्ते भारत में घुसे थे. बाद में इस आतंकी हमले की साजिश रचने के लिए अन्य पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.
विशेष आदालत ने चार आरोपियों को सुनाई उम्र कैद की सजा
जून 2019 को प्रयागराज की एक विशेष अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए आतंकी हमले की साजिश रचने वाले, पांच आरोपियों के खिलाफ बड़ा फैसला सुलाया था. इस फैसले में चार आरोपियों को उम्रकैद की सजा और एक को बरी कर दिया था. साथ ही उन सभी पर 2.40 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था. बता दें कि आतंकी हमले के मुख्य साजिशकर्ता अरशद को आतंकी हमले के ही दिन मार गिराया गया था. इस मामले में 63 गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे.
इन्हें मिली उम्रकैद की सजा
डॉ. इरफान, मोहम्मद शकील, मोहम्मद नसीम, आसिफ इकबाल के अलावा मोहम्मद अजीज के खिलाफ सुबूत न मिलने पर उसे बरी कर दिया गया.