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पूर्व में बुकिंग कराए बिना पैंगोंग झील इलाके में ठहरने से बचें : लद्दाख प्रशासन

लद्दाख प्रशासन ने पर्यटकों को सलाह दी है कि पहले बुकिंग कराए बिना पैंगोंग झील इलाके में रुकने की योजना न बनाएं. क्षेत्र में पर्यटकों की भारी भीड़ के कारण लोगों को ठहरने की जगह न मिलने की शिकायतों के बाद प्रशासन की ओर से ऐसा कहा गया है.

Pangong Lake
पैंगोंग झील
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Published : Jun 18, 2022, 3:17 PM IST

लेह: लद्दाख में पर्यटकों की भारी भीड़ के कारण अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ठहरने की जगह न मिलने संबंधी शिकायतों के बीच प्राधिकारियों ने सलाह दी है कि छुट्टियां मनाने आने वाले लोग पहले बुकिंग कराए बिना पैंगोंग झील इलाके में रुकने की योजना न बनाएं. लद्दाख के पर्यटन विभाग ने पर्यटकों को सलाह दी कि वे लेह पहुंचने के बाद 48 घंटे से पहले खरडोंगला, चांगला, पैंगोंग झील, त्सोमोरिरी और पेनजेला जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में न जाएं.

लद्दाख पर्यटन विभाग ने एक परामर्श में कहा, 'पैंगोंग झील इलाका एक वन्यजीव अधिसूचित अभयारण्य है और इसलिए आवास की उपलब्धता सीमित है. उपलब्ध सीमित आवास को ध्यान में रखते हुए पर्यटकों/आगंतुकों को पहले से बुकिंग कराए बिना पैंगोंग में ठहरने की योजना बनाने से बचना चाहिए.' बता दें कि पैंगोंग झील 4,350 मीटर की ऊंचाई पर स्थित दुनिया की सबसे ऊंची खारे पानी की झील है और लद्दाख आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र है.

यह भी पढ़ें-1960 से ही चीन के अवैध कब्जे में है पैंगोंग झील पर बना पुल : विदेश मंत्रालय

केंद्र-शासित प्रदेश लद्दाख में पर्यटकों की सुरक्षित यात्रा और ठहरने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए शुक्रवार को यह परामर्श जारी किया गया. प्राधिकारियों ने यात्रियों को असुविधा से बचने के लिए पंजीकृत ट्रैवल एजेंट और टूर ऑपरेटर के माध्यम से टैक्सी/वाहन अग्रिम रूप से बुक करने का सुझाव दिया है.

(पीटीआई-भाषा)

लेह: लद्दाख में पर्यटकों की भारी भीड़ के कारण अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ठहरने की जगह न मिलने संबंधी शिकायतों के बीच प्राधिकारियों ने सलाह दी है कि छुट्टियां मनाने आने वाले लोग पहले बुकिंग कराए बिना पैंगोंग झील इलाके में रुकने की योजना न बनाएं. लद्दाख के पर्यटन विभाग ने पर्यटकों को सलाह दी कि वे लेह पहुंचने के बाद 48 घंटे से पहले खरडोंगला, चांगला, पैंगोंग झील, त्सोमोरिरी और पेनजेला जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में न जाएं.

लद्दाख पर्यटन विभाग ने एक परामर्श में कहा, 'पैंगोंग झील इलाका एक वन्यजीव अधिसूचित अभयारण्य है और इसलिए आवास की उपलब्धता सीमित है. उपलब्ध सीमित आवास को ध्यान में रखते हुए पर्यटकों/आगंतुकों को पहले से बुकिंग कराए बिना पैंगोंग में ठहरने की योजना बनाने से बचना चाहिए.' बता दें कि पैंगोंग झील 4,350 मीटर की ऊंचाई पर स्थित दुनिया की सबसे ऊंची खारे पानी की झील है और लद्दाख आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र है.

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केंद्र-शासित प्रदेश लद्दाख में पर्यटकों की सुरक्षित यात्रा और ठहरने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए शुक्रवार को यह परामर्श जारी किया गया. प्राधिकारियों ने यात्रियों को असुविधा से बचने के लिए पंजीकृत ट्रैवल एजेंट और टूर ऑपरेटर के माध्यम से टैक्सी/वाहन अग्रिम रूप से बुक करने का सुझाव दिया है.

(पीटीआई-भाषा)

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