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अवनि लेखरा 2 पैरालंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं

निशानेबाज अवनि लेखरा ने शुक्रवार को टोक्यो खेलों की 50 मीटर राइफल थ्री पॉजिशन एसएच1 स्पर्धा का कांस्य पदक हासिल किया, जिससे वह दो पैरालंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गईं.

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अवनि लेखरा
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Published : Sep 3, 2021, 3:52 PM IST

टोक्यो: 19 साल की लेखरा इससे पहले 10 मीटर एयर राइफल स्टैडिंग एसएच1 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं. लेखरा ने 50 मीटर राइफल थ्री पॉजिशन एसएच1 स्पर्धा में 1176 के स्कोर से दूसरे स्थान पर रहकर फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था.

फाइनल काफी चुनौतीपूर्ण रहा, जिसमें लेखरा ने कुल 445.9 अंक का स्कोर बनाया और वह यूक्रेन की इरिना श्चेटनिक से आगे रहकर पदक हासिल करने में सफल रहीं. वहीं यूक्रेन की निशानेबाज एलिमिनेशन में खराब शॉट से पदक से चूक गईं.

यह भी पढ़ें: PM मोदी और सचिन ने रजत पदक जीतने पर प्रवीण को दी बधाई

जयपुर की निशानेबाज के साल 2012 में हुई कार दुर्घटना में रीढ़ की हड्डी में चोट लग गई थी. उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल स्टैडिंग एसएच1 स्पर्धा में 249.6 के विश्व रिकार्ड की बराबरी कर पैरालंपिक का नया रिकार्ड बनाया था.

उनसे पहले जोगिंदर सिंह सोढ़ी खेलों के एक ही चरण में कई पदक जीतने वाले पहले भारतीय थे. उन्होंने साल 1984 पैरालंपिक में एक रजत और दो कांस्य पदक जीते थे. उनका रजत पदक गोला फेंक में जबकि दो कांस्य पदक चक्का फेंक और भाला फेंक में मिले थे.

यह भी पढ़ें: Paralympics: टोक्यो में छा गए कलेक्टर...नोएडा के DM सुहास की सेमीफाइनल में धमाकेदार एंट्री

शुक्रवार की स्पर्धा का स्वर्ण पदक चीन की झांग कुईपिंग ने 457.9 अंक से खेलों के नए रिकार्ड के साथ हासिल किया, जबकि जर्मनी की नताशा हिल्ट्रोप ने 457.1 अंक से रजत पदक हासिल किया.

एचएच1 राइफल स्पर्धा में खिलाड़ियों के पैरों में विकार होता है, जिसमें उनका पैर काटना पड़ा हो या फिर नीचे के अंग में पक्षाघात हो गया. कुछ खिलाड़ी बैठकर जबकि कुछ खड़े होकर हिस्सा लेते हैं. पुरुषों की 50 मीटर राइफल थ्री पी स्पर्धा में दीपक फाइनल के लिए क्वालीफाई करने में असफल रहे. वह 1 हजार 114 के स्कोर से 18वें स्थान पर रहे.

टोक्यो: 19 साल की लेखरा इससे पहले 10 मीटर एयर राइफल स्टैडिंग एसएच1 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं. लेखरा ने 50 मीटर राइफल थ्री पॉजिशन एसएच1 स्पर्धा में 1176 के स्कोर से दूसरे स्थान पर रहकर फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था.

फाइनल काफी चुनौतीपूर्ण रहा, जिसमें लेखरा ने कुल 445.9 अंक का स्कोर बनाया और वह यूक्रेन की इरिना श्चेटनिक से आगे रहकर पदक हासिल करने में सफल रहीं. वहीं यूक्रेन की निशानेबाज एलिमिनेशन में खराब शॉट से पदक से चूक गईं.

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जयपुर की निशानेबाज के साल 2012 में हुई कार दुर्घटना में रीढ़ की हड्डी में चोट लग गई थी. उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल स्टैडिंग एसएच1 स्पर्धा में 249.6 के विश्व रिकार्ड की बराबरी कर पैरालंपिक का नया रिकार्ड बनाया था.

उनसे पहले जोगिंदर सिंह सोढ़ी खेलों के एक ही चरण में कई पदक जीतने वाले पहले भारतीय थे. उन्होंने साल 1984 पैरालंपिक में एक रजत और दो कांस्य पदक जीते थे. उनका रजत पदक गोला फेंक में जबकि दो कांस्य पदक चक्का फेंक और भाला फेंक में मिले थे.

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शुक्रवार की स्पर्धा का स्वर्ण पदक चीन की झांग कुईपिंग ने 457.9 अंक से खेलों के नए रिकार्ड के साथ हासिल किया, जबकि जर्मनी की नताशा हिल्ट्रोप ने 457.1 अंक से रजत पदक हासिल किया.

एचएच1 राइफल स्पर्धा में खिलाड़ियों के पैरों में विकार होता है, जिसमें उनका पैर काटना पड़ा हो या फिर नीचे के अंग में पक्षाघात हो गया. कुछ खिलाड़ी बैठकर जबकि कुछ खड़े होकर हिस्सा लेते हैं. पुरुषों की 50 मीटर राइफल थ्री पी स्पर्धा में दीपक फाइनल के लिए क्वालीफाई करने में असफल रहे. वह 1 हजार 114 के स्कोर से 18वें स्थान पर रहे.

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