चमोली: 23 फरवरी से औली में नेशनल विंटर गेम्स की घोषणा करके सरकार भले ही सेव जोशीमठ का संदेश देना चाह रही हो, लेकिन धरातल पर खेलों के आयोजन को लेकर व्यवस्था अभी आधी-अधूरी ही हैं. वही, औली में स्कीइंग स्लोप पर भी बर्फ पिघलने लगी है. जिससे नेशनल विंटर खेल के आयोजन को लेकर सरकार के सामने चुनौती खड़ी हो गई है. नेशनल विंटर खेलों की तैयारियों का जायजा लेने ईटीवी भारत की टीम मौके पर पहुंची, जहां अव्यवस्थाएं देखने को मिलीं.
मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की संभावना जताई है. जिस पर ही आयोजकों की निगाहें टिकी हुई हैं. इस बार आयोजन को लेकर जोशीमठ में हो रहा भू-धंसाव भी बड़ी चुनौती है. क्योकि औली रोपवे भी प्रशासन ने एहतियातन बंद करवा दिया है. जिसके दोबारा चालू होने पर अभी संशय बना हुआ है. खेलों में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ी जोशीमठ से औली पहुंच रहे हैं.
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औली में स्कीइंग खेलों की तैयारी कर रहे प्रदेश के खिलाड़ियों ने भी बर्फ न होने से चिंता जताई है. उन्होने कहा भले सरकार ने औली में विंटर खेलों का ऐलान कर दिया हो, लेकिन व्यवस्था धरातल पर शून्य है. जोशीमठ से औली जाने वाली सड़क से बर्फ नहीं हटाई गई है. जिससे पर्यटकों के वाहन फंस रहे हैं. सरकार को लेकर भी खिलाड़ियों में खासी नाराजगी देखी जा रही है.
खिलाड़ियों का कहना है कि सरकार द्वारा स्कीइंग खेलों के खिलाड़ियों को प्रोत्साहित नहीं किया जाता. जिस कारण उत्तराखंड के खिलाड़ियों को दूसरे राज्यों की तरफ से प्रतिभाग करना पड़ता है. औली में जीएमवीएन के पास स्कीइंग के सभी उपकरण मौजूद हैं, लेकिन वह प्रदेश के लिए खेलने वाले खिलाड़ियों से भी शुल्क वसूलते हैं.