मुंबई : मुंबई उपनगरीय लोकल ट्रेन से प्रतिदिन 70 लाख से अधिक यात्री यात्रा करते हैं. कई लोगों को सफर के दौरान मोबाइल पर बात करने की आदत होती है. इसका फायदा उठाकर गिरोह दरवाजे के पास खड़े यात्री को रेलवे ट्रैक के पास निशाना बनाते हैं. गिरोह मोबाइल पर बात कर रहे यात्री को डंडे से पीटता था और फिर यात्रियों के हाथ से गिरे मोबाइल को चुरा लेता था.
पिछले ढाई साल में गिरोह के खिलाफ करीब 597 मामले दर्ज किए गए हैं. 2019 में मध्य रेलवे के मुंबई डिवीजन ने फटका गैंग के खिलाफ सबसे अधिक अपराध दर्ज किए हैं. जनवरी 2020 से मार्च 2020 तक तीन माह की अवधि में फटका गैंग के खिलाफ 70 मामले दर्ज किए गए. इससे रेलवे पुलिस की सिरदर्दी बढ़ गई थी.
चार महीने में सिर्फ एक अपराध
मध्य रेलवे के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त जितेंद्र श्रीवास्तव ने ईटीवी भारत को बताया कि जनवरी से जून 2021 तक छह महीने की अवधि के दौरान फटका गिरोह के खिलाफ आठ मामले दर्ज किए गए थे. तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे पुलिस और आरपीएफ की संयुक्त कार्रवाई से पिछले चार महीने में फटका गिरोह के खिलाफ सिर्फ एक मामला दर्ज हुआ है.
रेल के पास 100 कर्मियों की तैनाती
फटका गिरोह को पकड़ने के लिए रेलवे सुरक्षा बलों और रेलवे पुलिस ने 15 रेलवे स्टेशनों के बीच पटरियों पर गश्त तेज कर दी है. यहां कुल 100 जवानों को तैनात किया गया है. श्रीवास्तव ने यह भी कहा कि जैसे ही कोई संदिग्ध ट्रैक के पास नजर आता है, उसे भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जाती है.
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इस इलाके में होती हैं घटनाएं
मध्य रेलवे पर वडाला स्टेशन, जीटीबी नगर स्टेशन, किंग्स सर्कल, माहिम, कोपरखैरणे, ऐरोली, रबाले, कल्याण, कोपर, सैंडहर्स्ट रोड स्टेशन, डोंबिवली, ठाणे, नाहूर, ठाकुरली, पारसी टनल, कोपरी ब्रिज और कुछ अन्य स्थान हैं. जहां फटका गैंग के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है. इसके चलते इलाके में रेलवे पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल के जवानों को तैनात कर दिया गया है.