भोपाल: मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के माली खेड़ा गांव में सोमवार को तहसीलदार, एएनएम, पटवारी स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ ग्रामीणों को वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक करने गए. इस दौरान ग्रामीणों ने टीम पर हमला कर दिया. हमले में कई लोग घायल हो गए.
बताया जा रहा है कि ग्रामीण तलवार और लठ्ठों से लैस थे. हालांकि ड्राइवर की सूझ-बूझ से टीम की जान बच सकी. मामले की शिकायत पर पुलिस आरोपियों को तलाश में जुट गई है.
वैक्सीनेशन को लेकर किया हमला
दरअसल, थाना उन्हेंल क्षेत्र में आने वाले ग्राम माली खेड़ी के पारदी मोहल्ले में टीकाकरण के लिए ग्रामीणों को समझाने तहसीलदार अनु जैन, सहायक सचिव, एएनएम, पटवारी व अन्य अधिकारी पहुंचे. टीम में कुल 7 से 8 लोग बताये जा रहे हैं. जहां, टीम को विरोध का सामना करना पड़ा. स्वास्थ्य कर्मी ने जानकारी देते हुए बताया कि ड्राइवर की सूझ बूझ से हमारी जान बची है. बड़ी मुश्किल से हम वहां से निकल पाए.
लठ्ठ, तलवार और पाइप से लैस थे ग्रामीण
स्वास्थ्य कर्मी ने बताया कि हमले के दौरान पारदी समुदाय के 150 लोग थे. सभी हथियारों से लैस थे. जैसे ही हमारी टीम वहां पहुंची सभी ने मिलकर अचानक हमला कर दिया. इस दौरान सभी को छोटी-मोटी चोटें आईं हैं. सहायक सचिव के पति शकील को ज्यादा चोटें आई हैं. टीम के ड्राइवर ने बताया कि ग्रामीण टीकाकरण का विरोध कर रहे थे. उनका कहना था कि उन्हें टीका नहीं लगवाना है.
ड्राइवर ने बताया कि तहसीलदार मैडम बात कर ही रहीं थीं कि करीब 250 से 300 लोग हाथ में लट्ठ, पाइप, तलवार लेकर आ गए. जल्दी से सभी को गाड़ी में बैठाया, जैसे-तैसे जान बचायी.
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टीकाकरण के सवालों पर भड़के डीएम, बोले- कोई नहीं मरेगा, मैं जिम्मेदारी लेता हूं
सहायक सचिव के पति शकील ने बताया कि कोई भी टीका लगवाने को तैयार नहीं था, तो तहसीलदार मैडम के साथ हम सभी समझाने गए. तभी गांव के हेमानी बाई, उस्मानी, चांदू लाल और अन्य ने वहां भीड़ जुटा ली और हमला करने लगे. भीड़ ने मुझ पर लठ्ठ से हमला कर दिया.
वहीं पूरे मामले में ग्रामीणों का कहना है कि जिस व्यक्ति ने हमला किया वह दूसरे गांव का था, हमारे गांव से किसी ने भी हमला नहीं किया. ग्रामीणों का कहना है कि टीका लगाने से लोग मर रहै हैं. हम सब तो सुरक्षित हैं, जिन्हें कोरोना है, वो लगाएं टीका. ग्रामीणों का कहना है कि वह दो केस देख चुके हैं. टीका लगवाने के बाद लोग मर गए हैं.