नई दिल्ली: दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव से डिविजनल कमिश्नर की शिकायत की है. आतिशी ने इस संबंध में एक पत्र भी लिखा है. उन्होंने कहा कि शिकायत आ रही हैं कि बाढ़ राहत कैंप में पानी और टॉयलेट की किल्लत है. बिजली नहीं है और खाना खराब क्वालिटी का है. उन्होंने आगे कहा कि मैं सुबह से डिविजनल कमिश्नर (अश्विनी कुमार) से बात करना चाह रही हूं, लेकिन वो ना फोन उठा रहे हैं और ना मेरे मैसेज का जवाब दे रहे हैं.
उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव को निर्देश दिया जाता है कि वह राहत कैंपों में सभी तरह की सुविधाएं सुनिश्चित करें और जो अफसर काम में ढिलाई बरत रहे हैं उन पर कार्रवाई करें. डिविजनल कमिश्नर दिल्ली के सभी डीएम के मुखिया होते हैं. सारे डीएम एसडीएम पूरा प्रशासन इनके तहत आता है और सरकार के फैसले को जमीनी स्तर पर प्रशासन ही लागू करवाता है.
लोगों को सुविधा देना हमारी जिम्मेदारी
आतिशी ने कहा कि बाढ़ के कारण अपने घर छोड़ चुके शहर के लोगों के प्रति हमारी जिम्मेदारी है कि उन्हें हरसंभव सुविधा उपलब्ध कराई जाए. मुख्य सचिव को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि राहत शिविरों में देखे कि सभी सुविधाएं लोगों को दी जाए. इस काम में जो अधिकारी ईमानदारी से काम नहीं कर रहे हैं उनके खिलाफ कारवाई करें.
मंत्रियों का निर्देश नहीं ले रहे अधिकारी
आतिशी ने कहा कि बाढ़ के दौरान केंद्र सरकार का काला अध्यादेश राहत कार्यों में बाधक बन रहा है. इस संकट के समय में भी मंत्रियों का निर्देश अधिकारी नहीं ले रहे हैं. आतिशी ने जिस डिविजनल कमिश्नर को लेकर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर शिकायत की है. बीते दिनों दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भी आरोप लगाया था कि मौके पर कोई भी आईएएस अधिकारी नहीं था, जिसके चलते परेशानी हुई. यह आरोप एलजी विनय कुमार सक्सेना की मौजूदगी में लगाया गया था. हालांकि, एलजी ने इस दौरान कहा था कि अभी यह वक्त किसी पर आरोप लगाने का नहीं है.