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आपूर्ति में देरी पर एस्ट्राजेनेका ने सीरम इंस्टीट्यूट को भेजा कानूनी नोटिस

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को कोविड वैक्सीन की आपूर्ति में देरी को लेकर एस्ट्राजेनेका ने कानूनी नोटिस दिया है.

एस्ट्राजेनेका ने आपूर्ति में देरी पर एसआईआई को कानूनी नोटिस भेजा
एस्ट्राजेनेका ने आपूर्ति में देरी पर एसआईआई को कानूनी नोटिस भेजा
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Published : Apr 8, 2021, 1:43 PM IST

नई दिल्ली : एस्ट्राजेनेका ने कोविड वैक्सीन की आपूर्ति में देरी को लेकर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को कानूनी नोटिस भेजा है. अदार पूनावाला ने उल्लेख किया है कि भारत में कोविशील्ड के निर्माण की मौजूदा उत्पादन क्षमता भारत में बढ़ती मांग के कारण दबाव में है.

रिपोर्ट के अनुसार पूनावाला ने यह भी उल्लेख किया है कि भारत सरकार ने अन्य देशों के लिए कोविशील्ड शिपमेंट पर रोक लगा दी थी और भारत के साथ 'फर्स्ट क्लैम' सौदा विदेश में समझाना मुश्किल है, जहां प्रति खुराक अधिक कीमत पर वैक्सीन बेची गई थी.

मार्च में, एस्ट्राजेनेका ने टीके के लिए व्यापक और न्यायसंगत पहुंच के लिए अभूतपूर्व प्रयास किए थे. इसके तहत 142 देशों को वैक्सीन की आपूर्ति की घोषणा की गई थी.

फार्मा कंपनी ने घोषणा की थी कि एस्ट्राजेनेका अपने पार्टनर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ कोवैक्स की सबसे बड़ी शुरूआती सप्लायर होगी.

एस्ट्राजेनेका ने कहा, बहुध्रुवीय कोवैक्स पहल के तहत, वैक्सीन की कई लाख खुराक विश्व भर में निम्न और मध्यम आय वाले देशों में पहुंचने लगी है.

ये भी पढ़ें : डरा रही कोरोना संक्रमण की रफ्तार, इन राज्यों में लगा 'मिनी लॉकडाउन'

पहले कोवैक्स शिपमेंट को घाना और कोटे डी आइवरी, फिलीपींस, इंडोनेशिया, फिजी, मंगोलिया और मालदीव सहित कई देशों में भेजा गया था. यह आपूर्ति इनमें से कई देशों के लिए पहले कोविड-19 वैक्सीन का प्रतिनिधित्व करती है.

एस्ट्राजेनेका ने कहा था कि आने वाले कुछ महीनों में वैक्सीन की लाखों खुराक के साथ कुल 142 देशों की आपूर्ति करने के उद्देश्य से कुछ हफ्तों में आगे की शिपमेंट आएगी.

एस्ट्राजेनेका और इसके लाइसेंस पार्टनर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित इन खुराकों में से अधिकांश कम और मध्यम आय वाले देशों में भेजे जाएंगे.

नई दिल्ली : एस्ट्राजेनेका ने कोविड वैक्सीन की आपूर्ति में देरी को लेकर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को कानूनी नोटिस भेजा है. अदार पूनावाला ने उल्लेख किया है कि भारत में कोविशील्ड के निर्माण की मौजूदा उत्पादन क्षमता भारत में बढ़ती मांग के कारण दबाव में है.

रिपोर्ट के अनुसार पूनावाला ने यह भी उल्लेख किया है कि भारत सरकार ने अन्य देशों के लिए कोविशील्ड शिपमेंट पर रोक लगा दी थी और भारत के साथ 'फर्स्ट क्लैम' सौदा विदेश में समझाना मुश्किल है, जहां प्रति खुराक अधिक कीमत पर वैक्सीन बेची गई थी.

मार्च में, एस्ट्राजेनेका ने टीके के लिए व्यापक और न्यायसंगत पहुंच के लिए अभूतपूर्व प्रयास किए थे. इसके तहत 142 देशों को वैक्सीन की आपूर्ति की घोषणा की गई थी.

फार्मा कंपनी ने घोषणा की थी कि एस्ट्राजेनेका अपने पार्टनर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ कोवैक्स की सबसे बड़ी शुरूआती सप्लायर होगी.

एस्ट्राजेनेका ने कहा, बहुध्रुवीय कोवैक्स पहल के तहत, वैक्सीन की कई लाख खुराक विश्व भर में निम्न और मध्यम आय वाले देशों में पहुंचने लगी है.

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पहले कोवैक्स शिपमेंट को घाना और कोटे डी आइवरी, फिलीपींस, इंडोनेशिया, फिजी, मंगोलिया और मालदीव सहित कई देशों में भेजा गया था. यह आपूर्ति इनमें से कई देशों के लिए पहले कोविड-19 वैक्सीन का प्रतिनिधित्व करती है.

एस्ट्राजेनेका ने कहा था कि आने वाले कुछ महीनों में वैक्सीन की लाखों खुराक के साथ कुल 142 देशों की आपूर्ति करने के उद्देश्य से कुछ हफ्तों में आगे की शिपमेंट आएगी.

एस्ट्राजेनेका और इसके लाइसेंस पार्टनर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित इन खुराकों में से अधिकांश कम और मध्यम आय वाले देशों में भेजे जाएंगे.

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