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यूपी पुलिस की राह पर असम, 24 घंटे में मुठभेड़ में दो दुष्कर्म के आरोपी ढे़र

असम में 24 घंटे से भी कम समय में दो मुठभेड़ (two encounter killings in less than 24 hours in Assam) हुईं. एनकाउंटर में दुष्कर्म की दो अलग-अलग घटनाओं के आरोपियों की मौत (Assam police killed 2 rape accused in encounter) हो गई है.

यूपी पुलिस की राह पर असम
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Published : Mar 16, 2022, 7:39 PM IST

Updated : Mar 16, 2022, 10:54 PM IST

गुवाहाटी : असम पुलिस ने प्रदेश में अपराध पर लगाम कसने के लिए यूपी पुलिस के मॉडल पर अमल करना शुरू कर दिया है. बुधवार को असम में 24 घंटे से भी कम समय में दो मुठभेड़ (two encounter killings in less than 24 hours in Assam) हुईं. एनकाउंटर में दुष्कर्म की दो अलग-अलग घटनाओं के आरोपियों की मौत (Assam police killed 2 rape accused in encounter) हो गई है. पुलिस ने दावा किया है कि असम पुलिस दोनों आरोपियों को पकड़ने गई थी, लेकिन जब उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी तो पुलिस को जवाबी फायरिंग करनी पड़ी, जिसमें दोनों आरोपियों की मौत हो गई.

जानकारी के मुताबिक, पहली मुठभेड़ मंगलवार की रात गुवाहाटी में (encounter in Guwahati) हुई, जब गरीगांव सामूहिक दुष्कर्म (Garigaon gang rape case) के मुख्य आरोपी को पुलिस ने मार गिराया. पुलिस ने बताया कि बीकी अली ने एक अधिकारी की सर्विस रिवॉल्वर छीनकर भागने के दौरान पुलिस ने उसपर दो राउंड फायरिंग की. इसमें उनकी वहीं मौत हो गई.

पढ़ें :असम: 24 घंटे में दो एनकाउंटर, रेप के 2 आरोपी मारे गये

पुलिस ने बताया कि अली के चार अन्य साथी अभी भी फरार हैं. इस बीच, दूसरी मुठभेड़ असम के उदलगुरी जिले के लालपानी इलाके में हुई, जहां एक नाबालिग लड़की से बलात्कार और हत्या के आरोपी राजेश मुंडा की मौत हो गई. मंगलवार को लालपानी पुलिस ने एक लोहे की फैक्ट्री से राजेश को गिरफ्तार किया था और रात में पुलिस उसे आगे की जांच के लिए घटनास्थल पर लाई थी. इस दौरान वह भागने की कोशिश की, जिसकी वजह से उन्हें उस पर गोलियां चलानी पड़ीं और उसकी मौत हो गई.

पढ़ें : हैदराबाद एनकाउंटर : चारों आरोपियों के शवों का आज होगा दूसरा पोस्टमार्टम

दोनों एनकाउंटर ऐसे समय में हुए हैं, जब असम में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने कथित फर्जी मुठभेड़ों को लेकर सवाल उठाए हैं. NHRC के अध्यक्ष जस्टिस अरुण मिश्रा ने पिछले महीने अपनी असम यात्रा के दौरान फर्जी मुठभेड़ों के मामलों को "बर्बर" करार दिया था. उन्होंने कहा कि किसी भी सभ्य समाज में फर्जी मुठभेड़ के लिए कोई जगह नहीं है.

सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस बिप्लब कुमार सरमा ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी कि कानून में ऐसे प्रावधान हैं, हिरासत में किसी आरोपी पर उस समय पुलिस गोली चला सकती है, जब वह शत्रुतापूर्ण व्यवहार करता है या भागने की कोशिश करता है. हालांकि, उन्होंने सामान्य टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, क्योंकि उन्होंने हालिया मुठभेड़ों के किसी विशेष मामले का अध्ययन नहीं किया था.

गुवाहाटी : असम पुलिस ने प्रदेश में अपराध पर लगाम कसने के लिए यूपी पुलिस के मॉडल पर अमल करना शुरू कर दिया है. बुधवार को असम में 24 घंटे से भी कम समय में दो मुठभेड़ (two encounter killings in less than 24 hours in Assam) हुईं. एनकाउंटर में दुष्कर्म की दो अलग-अलग घटनाओं के आरोपियों की मौत (Assam police killed 2 rape accused in encounter) हो गई है. पुलिस ने दावा किया है कि असम पुलिस दोनों आरोपियों को पकड़ने गई थी, लेकिन जब उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी तो पुलिस को जवाबी फायरिंग करनी पड़ी, जिसमें दोनों आरोपियों की मौत हो गई.

जानकारी के मुताबिक, पहली मुठभेड़ मंगलवार की रात गुवाहाटी में (encounter in Guwahati) हुई, जब गरीगांव सामूहिक दुष्कर्म (Garigaon gang rape case) के मुख्य आरोपी को पुलिस ने मार गिराया. पुलिस ने बताया कि बीकी अली ने एक अधिकारी की सर्विस रिवॉल्वर छीनकर भागने के दौरान पुलिस ने उसपर दो राउंड फायरिंग की. इसमें उनकी वहीं मौत हो गई.

पढ़ें :असम: 24 घंटे में दो एनकाउंटर, रेप के 2 आरोपी मारे गये

पुलिस ने बताया कि अली के चार अन्य साथी अभी भी फरार हैं. इस बीच, दूसरी मुठभेड़ असम के उदलगुरी जिले के लालपानी इलाके में हुई, जहां एक नाबालिग लड़की से बलात्कार और हत्या के आरोपी राजेश मुंडा की मौत हो गई. मंगलवार को लालपानी पुलिस ने एक लोहे की फैक्ट्री से राजेश को गिरफ्तार किया था और रात में पुलिस उसे आगे की जांच के लिए घटनास्थल पर लाई थी. इस दौरान वह भागने की कोशिश की, जिसकी वजह से उन्हें उस पर गोलियां चलानी पड़ीं और उसकी मौत हो गई.

पढ़ें : हैदराबाद एनकाउंटर : चारों आरोपियों के शवों का आज होगा दूसरा पोस्टमार्टम

दोनों एनकाउंटर ऐसे समय में हुए हैं, जब असम में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने कथित फर्जी मुठभेड़ों को लेकर सवाल उठाए हैं. NHRC के अध्यक्ष जस्टिस अरुण मिश्रा ने पिछले महीने अपनी असम यात्रा के दौरान फर्जी मुठभेड़ों के मामलों को "बर्बर" करार दिया था. उन्होंने कहा कि किसी भी सभ्य समाज में फर्जी मुठभेड़ के लिए कोई जगह नहीं है.

सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस बिप्लब कुमार सरमा ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी कि कानून में ऐसे प्रावधान हैं, हिरासत में किसी आरोपी पर उस समय पुलिस गोली चला सकती है, जब वह शत्रुतापूर्ण व्यवहार करता है या भागने की कोशिश करता है. हालांकि, उन्होंने सामान्य टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, क्योंकि उन्होंने हालिया मुठभेड़ों के किसी विशेष मामले का अध्ययन नहीं किया था.

Last Updated : Mar 16, 2022, 10:54 PM IST
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