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असम और मणिपुर के मुख्यमंत्रियों की बैठक, मणिपुर हिंसा पर चर्चा

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने आज मणिपुर में अपने समकक्ष एन बीरेन सिंह से मुलाकात की. दोनों मुख्यमंत्रियों ने मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर चर्चा की.

Assam CM Himanta Biswa Sarma meets Manipur CM N Biren Singh in Manipur today
असम के सीएम सरमा ने मणिपुर में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से मुलाकात की
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Published : Jun 10, 2023, 12:48 PM IST

गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को मणिपुर में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से मुलाकात की. इस दौरान दोनों नेताओं ने मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर चर्चा की. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को हिंसा प्रभावित राज्य मणिपुर में तीन मई से इंटरनेट सेवाओं के निलंबन के खिलाफ एक याचिका की तत्काल लिस्टिंग से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामला उच्च न्यायालय के पास है. इंटरनेट पर प्रतिबंध तीन मई को लगाया गया था और अब तक प्रभावी है.

जस्टिस अनिरुद्ध बोस और राजेश बिंदल की अवकाश पीठ ने कहा, 'मामला उच्च न्यायालय मामले के पास. आप इसे डुप्लिकेट क्यों कर रहे हैं? इसे नियमित बेंच के सामने आने दें. तीन मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (एटीएसयूएम) की एक रैली के बाद मणिपुर में हिंदू मेइती और आदिवासी कूकी (ईसाई हैं) के बीच हिंसा भड़क उठी. पूरे राज्य में पिछले एक महीने से अधिक समय से हिंसा जारी है और केंद्र सरकार को स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए अर्धसैनिक बलों को तैनात करना पड़ा.

ये भी पढ़ें-मणिपुर में लगातार दूसरे दिन भी सेना का तलाशी अभियान जारी, बरामद हुये 35 हथियार

इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मेइती और कुकी समुदायों के बीच हिंसा के चलते हुए नुकसान पर चिंता जताई. साथ ही राज्य में शांति बहाली की प्रक्रिया पर बल दिया. हाईकोर्ट ने 27 मार्च को राज्य को अनुसूचित जनजातियों की सूची में मेइती समुदाय को शामिल करने पर विचार करने का निर्देश दिया था. राज्य में छिटपुट घटनाएं लगातार जारी है. सरकार हालाता सामान्य बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है. इसके लिए अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है.

(एएनआई)

गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को मणिपुर में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से मुलाकात की. इस दौरान दोनों नेताओं ने मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर चर्चा की. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को हिंसा प्रभावित राज्य मणिपुर में तीन मई से इंटरनेट सेवाओं के निलंबन के खिलाफ एक याचिका की तत्काल लिस्टिंग से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामला उच्च न्यायालय के पास है. इंटरनेट पर प्रतिबंध तीन मई को लगाया गया था और अब तक प्रभावी है.

जस्टिस अनिरुद्ध बोस और राजेश बिंदल की अवकाश पीठ ने कहा, 'मामला उच्च न्यायालय मामले के पास. आप इसे डुप्लिकेट क्यों कर रहे हैं? इसे नियमित बेंच के सामने आने दें. तीन मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (एटीएसयूएम) की एक रैली के बाद मणिपुर में हिंदू मेइती और आदिवासी कूकी (ईसाई हैं) के बीच हिंसा भड़क उठी. पूरे राज्य में पिछले एक महीने से अधिक समय से हिंसा जारी है और केंद्र सरकार को स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए अर्धसैनिक बलों को तैनात करना पड़ा.

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इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मेइती और कुकी समुदायों के बीच हिंसा के चलते हुए नुकसान पर चिंता जताई. साथ ही राज्य में शांति बहाली की प्रक्रिया पर बल दिया. हाईकोर्ट ने 27 मार्च को राज्य को अनुसूचित जनजातियों की सूची में मेइती समुदाय को शामिल करने पर विचार करने का निर्देश दिया था. राज्य में छिटपुट घटनाएं लगातार जारी है. सरकार हालाता सामान्य बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है. इसके लिए अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है.

(एएनआई)

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