हैदराबाद: असम विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को पहले चरण का मतदान होगा. पहले चरण में प्रदेश की 47 सीटों पर वोटिंग होनी है. असम में सरकार बनाने के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने प्रचार के दौरान एड़ी चोटी का जोर लगाया था. कांग्रेस असम में सत्ता पर फिर से काबिज होना चाहती है तो असम में पहली बार सरकार बनाने वाली बीजेपी मिशन रिपीट करना चाहती है. बीजेपी ने 2016 विधानसभा चुनाव में पहली बार असम में सरकार बनाई थी और सर्बानंद सोनोवाल को मुख्यमंत्री बनाया था. दोनों में से किसकी जीत होगी ये तो जनता तय करेगी और शनिवार को जनता उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद करेगी. आइये आपको आंकड़ों के जरिये समझाते हैं असम विधानसभा चुनाव का पूरा गणित.
-असम विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 47 सीटों पर मतदान होना है. इन 47 सीटों में से 42 सीटें अनारक्षित हैं तो 1 सीट अनुसूचित जाति और 4 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. पहले चरण के लिए कुल 9620 मतदान केंद्र बनाए गए हैं.
-पहले चरण में कुल 79,18,608 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. पहले चरण में 39,94,712 पुरुष और 39,23,896 महिला मतदाता हैं.
- कुल 264 उम्मीदवारों में से 239 पुरुष और 25 महिला प्रत्याशी हैं. पहले चरण में कुल 21 राजनीतिक दल और 77 निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में होंगे. पहले चरण में सबसे अधिक 6 महिला उम्मीदवारों को कांग्रेस ने टिकट दिया है. वहीं 6 निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में हैं, बीजेपी ने इस चरण में सिर्फ 3 उम्मीदवारों को टिकट दिया.
-पहले चरण में जिन 47 सीटों पर मतदान होना है उनमें से बीजेपी ने 39, कांग्रेस ने 43, एजेपी ने 41 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. मुस्लिम उम्मीदवारों की बात की जाए तो सबसे ज्यादा 9 निर्दलीय मुस्लिम उम्मीदवार चुनाव में हैं जबकि कांग्रेस ने 2 और बीजेपी ने 1 मुस्लिम चेहरे को पहले चरण में टिकट दिया है.
-कुल 24 उम्मीदवारों की उम्र 25 से 35 साल के बीच है जबकि 8 उम्मीदवार ऐसे भी हैं जिनकी उम्र 65 साल या इससे अधिक है. युवा उम्मीदवारों की बात करें तो सबसे ज्यादा निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में है जिनकी उम्र 25 से 35 साल है. जबकि पहले चरण में बीजेपी ने सिर्फ एक, कांग्रेस ने 2 और असम गण परिषद ने 2 युवा उम्मीदवारों को टिकट दिया है.
-उम्मीदवारों की संपत्ति की बात करें तो कुल 259 उम्मीदवारों में से 101 प्रत्याशी करोड़पति हैं. सबसे ज्यादा 31 करोड़पति कांग्रेस, 28 करोड़पति बीजेपी और 17 करोड़पति निर्दलीय हैं. टॉप-10 करोड़पतियों में से 4 बीजेपी और 3 कांग्रेस के प्रत्याशी हैं.
असम विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 264 में से 259 प्रत्याशियों ने अपने आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी दी है जिसके मुताबिक कांग्रेस के 10, AJP के 8, BJP के 3 उम्मीदवारों पर आपराधिक केस है. जबकि कांग्रेस के 9, AJP के 6, BJP के 3 उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामला दर्ज हैं. ऐसे आपराधिक मामले जो गैर-जमानती हो, जिनमें 5 साल या उससे अधिक की सजा का प्रावधान हो (जैसे रेप, मर्डर आदि) उन्हें गंभीर आपराधिक मामलों की श्रेणी में रखा गया है. सिबसागर सीट से कांग्रेस उम्मीदवार अखिल गोगोई के खिलाफ सबसे अधिक 52 मामले दर्ज हैं.
पहले चरण में महिला उम्मीदवार
असम विधानसभा चुनाव के पहले चरण में कुल 25 महिला उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. इनमें से सबसे ज्यादा 6 महिलाओं को कांग्रेस ने टिकट दिया है जबकि 6 महिलाएं आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में खड़ी हैं. एजेपी ने 3, बीजेपी ने 3, एजीपी ने 1 महिला को चुनाव मैदान में उतारा है.
पिछले चुनाव में पहले चरण की सीटों का हाल
असम में पहले चरण की जिन 47 सीटों पर मतदान होना है उनमें से साल 2016 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा 26 सीटों पर जीत हासिल की थी. जबकि कांग्रेस ने 9 और एजीपी को 2 सीटों पर जीत मिली थी. जीएसपी औऱ एआईयूडीएफ को 2-2 सीटों पर जीत मिली थी.
पहले चरण में इन चेहरों की साख दांव पर
सर्बानंद सोनोवाल- असम के मौजूदा (14वें) मुख्यमंत्री हैं. असम में बीजेपी के पहले और अनुसूचित जनजाति से आने वाले असम के दूसरे मुख्यमंत्री हैं. सर्बानंद सोनोवाल माजुली सीट से चुनाव मैदान में हैं. सोनोवाल दो बार विधायक रह चुके हैं और एक बार असम गण परिषद के टिकट पर लोकसभा भी पहुंच चुके हैं.
रिपुन बोरा- कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं. मौजूदा राज्यसभा सदस्य रिपुन बोरा असम की कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके हैं. रिपुन बोरा असम की गोहपुर सीट से चुनावी मैदान में हैं.
अंगूरलता डेका- असमी फिल्मों की अभिनेत्री हैं. 2016 विधानसभा चुनाव में अंगूरलता बाताद्रोबा सीट से पहली बार बीजेपी की टिकट पर विधायक चुनी गई और इस बार भी पार्टी ने उसी सीट से चुनाव मैदान में उतारा है.
रकिबुल हुसैन- रकिबुल हुसैन पूर्व मंत्री हैं और कांग्रेस की टिकट पर समागुड़ी सीट से चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं. रकिबुल हुसैन 4 बार विधायक रहे हैं.
केशब महंत- पूर्व लोकसभा सांसद हैं और AGP की टिकट पर कंलियाबोर सीट से ताल ठोक रहे हैं. सर्बानंद सोनोवाल की मौजूदा सरकार में केशब महंत जल संसाधन मंत्री हैं.
अतुल बोरा- असम गण परिषद के अध्यक्ष हैं और बोकाखाट सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. अतुल बोरा मौजूदा असम सरकार में कृषि मंत्री हैं.
अजंता नेओग- तरुण गोगोई की तीनों सरकारों में वरिष्ठ मंत्री रहीं लेकिन आज वो कमल के साथ हैं. अजंता ऊपरी असम का बड़ा सियासी चेहरा हैं और गोलाघाट विधानसभा सीट से बीजेपी की टिकट पर चुनाव मैदान में हैं.
भास्कर ज्योति बरुआ- कांग्रेस ने तीताबार विधानसभा सीट से इस बार नए चेहरे के रूप में भास्कर ज्योति को टिकट दिया है. ये सीट पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई की परंपरागत सीट रही है.
रूपज्योति कुर्मी- पूर्व मंत्री रूपम कुर्मी के बेटे हैं और कांग्रेस ने इस बार रूपज्योति को मरियानी से टिकट दिया है.
अंकिता दत्ता- पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अंजन दत्ता की बेटी हैं और कांग्रेस ने उन्हें आमगुरी सीट से टिकट दिया है. उनके पिता अंजन दत्ता असम सरकार में मंत्री भी थे.
देबब्रत साइकिया- असम विधानसभा में नेता विपक्ष रहे और नज़ीरा सीट से विधायक हैं. कांग्रेस ने उन्हें नजीरा सीट से ही चुनाव मैदान में उतारा है. देबब्रत पूर्व सीएम हितेश्वर साइकिया के बेटे हैं और 2011 से चुनाव जीत रहे हैं. ये उनकी पारिवारिक सीट मानी जाती है. इससे पहले उनकी माता इस सीट से विधायक रहीं.
अखिल गोगोई- अखिल गोगोई असम के जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता और आरटीआई एक्टिविस्ट हैं. जो आजाद उम्मीदवार के रूप में सिबसागर सीट से चुनाव मैदान में हैं. CAA के विरोधी रहे हैं और बीते 15 महीने से जेल में हैं.
लुरिनज्योति गोगोई- लुरिनज्योति गोगोई नई नवेली असम जातिय परिषद (AJP) के अध्यक्ष हैं और दुलियाजन सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. छात्र संघटन AASU महासचिव रहे और फिर नया दल बनाया.
हितेंद्र नाथ गोस्वामी- मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष हितेंद्र नाथ गोस्वामी 3 बार विधायक रह चुके हैं और इस बार बीजेपी की टिकट पर जोरहाट से चुनाव मैदान में हैं.
आर. पी. शर्मा- बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में आए आरपी शर्मा बारसोला सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. शर्मा 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी की टिकट पर लोकसभा पहुंचे थे लेकिन 2019 में टिकट ना मिलने पर नाराज हुए और कांग्रेस का 'हाथ' थाम लिया.
प्रणति फूकन- प्रणति तरुण गोगोई सरकार में दो बार मंत्री रह चुकी हैं और इस बार भी कांग्रेस की टिकट पर नाहरकोटिया सीट से चुनाव मैदान में हैं.