ETV Bharat / bharat

मुस्लिम व ओबीसी वर्ग के लिए भाजपा ने बनाई ये रणनीति, जानें कितना पड़ेगा असर

author img

By

Published : Sep 11, 2021, 7:06 PM IST

जैसे-जैसे यूपी विधानसभा का चुनाव नजदीक आ रहा है, बीजेपी मुस्लिम व ओबीसी मतदाताओं को लुभाने के लिए बड़े अभियान की योजना बना रही है. जानें इससे क्या असर पड़ेगा.

voters
voters

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में मुस्लिम और ओबीसी मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने और यूपी विधानसभा चुनाव जीतने के लिए चुनावी अभियान की एक श्रृंखला शुरू की है.

बीजेपी के दो विंग-अल्पसंख्यक मोर्चा और ओबीसी मोर्चा ने पार्टी के लिए वोट मांगने के लिए बैक टू बैक मीटिंग और डोर टू डोर कैंपेन की तैयारी शुरू कर दी है. ईटीवी भारत से बात करते हुए बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने कहा कि हम निर्वाचन क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और 100 मजबूत कार्यकर्ताओं की पहचान कर रहे हैं, जो कम से कम 50 लोगों को प्रभावित कर सकते हैं. इससे हमारा वोट बैंक 5000 हो जाएगा.

आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में AIMIM पार्टी के आने से भाजपा के राजनीतिक समीकरण के बारे में पूछे जाने पर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष ने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी समाज को विभाजित करने और सांप्रदायिक भावना को बढ़ावा देकर हिंदू-मुस्लिम एकता को तोड़ने का काम करते हैं. इससे देश की समरसता प्रभावित हो रही है.

सिद्दीकी ने दावा किया कि ओवैसी की पार्टी की तेलंगाना में कोई स्थिरता नहीं है और उनकी पार्टी के कई नेता किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल होना चाहते हैं. उनके पास महाराष्ट्र में केवल 2 विधायक हैं और बिहार में केवल 5 हैं. यूपी में उनकी दाल नहीं गलने वाली है.

पार्टी सूत्रों ने कहा कि सितंबर के अंत तक एक कार्य समिति का गठन किया जाएगा और लगभग 44000 पार्टी कार्यकर्ता घर-घर जाकर प्रचार करेंगे. साथ ही मुसलमानों को 2014 से भाजपा सरकार द्वारा शुरू किए गए कार्यों और योजनाओं के बारे में सूचित करेंगे.

ईटीवी भारत से बात करते हुए बीजेपी ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष के लक्ष्मण ने कहा कि राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा ने 18 सितंबर को अयोध्या में अपनी राज्य कार्य समिति की बैठक आयोजित करने का फैसला किया है. इसमें केंद्रीय भाजपा मंत्रियों, राष्ट्रीय ओबीसी नेताओं और यूपी के मुख्यमंत्री को आमंत्रित किया है.

ओबीसी उत्तर प्रदेश के कुल मतदाताओं का 50 प्रतिशत से अधिक हैं. विशेष रूप से जुलाई में भाजपा ने मोदी 2.0 कैबिनेट में उत्तर प्रदेश के सात ओबीसी मंत्रियों को शामिल किया था और उनमें से तीन कुर्मी नेता हैं.

यह भी पढ़ें-उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुरू किया बूथ विजय अभियान

जिनमें अनुप्रिया पटेल, बीएल वर्मा और पंकज चौधरी शामिल हैं. यूपी में यादवों के बाद कुर्मी दूसरा सबसे बड़ा ओबीसी समुदाय है और समाजवादी पार्टी के नेता बेनी वर्मा के निधन के बाद इस जाति का एक बड़ा वर्ग अपना दल (भाजपा गठबंधन) का समर्थन करता है.

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में मुस्लिम और ओबीसी मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने और यूपी विधानसभा चुनाव जीतने के लिए चुनावी अभियान की एक श्रृंखला शुरू की है.

बीजेपी के दो विंग-अल्पसंख्यक मोर्चा और ओबीसी मोर्चा ने पार्टी के लिए वोट मांगने के लिए बैक टू बैक मीटिंग और डोर टू डोर कैंपेन की तैयारी शुरू कर दी है. ईटीवी भारत से बात करते हुए बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने कहा कि हम निर्वाचन क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और 100 मजबूत कार्यकर्ताओं की पहचान कर रहे हैं, जो कम से कम 50 लोगों को प्रभावित कर सकते हैं. इससे हमारा वोट बैंक 5000 हो जाएगा.

आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में AIMIM पार्टी के आने से भाजपा के राजनीतिक समीकरण के बारे में पूछे जाने पर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष ने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी समाज को विभाजित करने और सांप्रदायिक भावना को बढ़ावा देकर हिंदू-मुस्लिम एकता को तोड़ने का काम करते हैं. इससे देश की समरसता प्रभावित हो रही है.

सिद्दीकी ने दावा किया कि ओवैसी की पार्टी की तेलंगाना में कोई स्थिरता नहीं है और उनकी पार्टी के कई नेता किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल होना चाहते हैं. उनके पास महाराष्ट्र में केवल 2 विधायक हैं और बिहार में केवल 5 हैं. यूपी में उनकी दाल नहीं गलने वाली है.

पार्टी सूत्रों ने कहा कि सितंबर के अंत तक एक कार्य समिति का गठन किया जाएगा और लगभग 44000 पार्टी कार्यकर्ता घर-घर जाकर प्रचार करेंगे. साथ ही मुसलमानों को 2014 से भाजपा सरकार द्वारा शुरू किए गए कार्यों और योजनाओं के बारे में सूचित करेंगे.

ईटीवी भारत से बात करते हुए बीजेपी ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष के लक्ष्मण ने कहा कि राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा ने 18 सितंबर को अयोध्या में अपनी राज्य कार्य समिति की बैठक आयोजित करने का फैसला किया है. इसमें केंद्रीय भाजपा मंत्रियों, राष्ट्रीय ओबीसी नेताओं और यूपी के मुख्यमंत्री को आमंत्रित किया है.

ओबीसी उत्तर प्रदेश के कुल मतदाताओं का 50 प्रतिशत से अधिक हैं. विशेष रूप से जुलाई में भाजपा ने मोदी 2.0 कैबिनेट में उत्तर प्रदेश के सात ओबीसी मंत्रियों को शामिल किया था और उनमें से तीन कुर्मी नेता हैं.

यह भी पढ़ें-उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुरू किया बूथ विजय अभियान

जिनमें अनुप्रिया पटेल, बीएल वर्मा और पंकज चौधरी शामिल हैं. यूपी में यादवों के बाद कुर्मी दूसरा सबसे बड़ा ओबीसी समुदाय है और समाजवादी पार्टी के नेता बेनी वर्मा के निधन के बाद इस जाति का एक बड़ा वर्ग अपना दल (भाजपा गठबंधन) का समर्थन करता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.