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दम तोड़ती स्वास्थ्य सेवाओं और ऑक्सीजन की कमी के बीच फल-फूल रही कालाबाजारी

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Published : Apr 20, 2021, 8:07 AM IST

Updated : Apr 20, 2021, 9:12 AM IST

कोरोना वायरस के मामलों में अचानक वृद्धि से अस्पताल के बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य चिकित्सा सुविधाओं की भारी कमी हो गई है. इस कारण कई स्थानों पर दवाई की कालाबाजारी बढ़ गई है.

कॉन्सेप्ट इमेज
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हैदराबाद : कोरोना वायरस के मामलों में अचानक वृद्धि से अस्पताल के बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य चिकित्सा सुविधाओं की भारी कमी हो गई है.देशभर में कोविड के कई मरीज बेड, जीवन रक्षक दवाओं और ऑक्सीजन सिलेंडरों को हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इसके अलावा कुछ शहरों में तो श्मशान के बाहर अंतिम संस्कार के लिए शवों की कतार लगी है. इस बीच कई स्थानों पर कालाबाजारी भी बढ़ गई है.

दवाओं और टीकों की कालाबाजारी

⦁ कोरोना के खिलाफ लड़ाई में रेमेडिसविर को एक महत्वपूर्ण एंटी-वायरल दवा माना जा रहा है. कोविड संक्रमण में रिकॉर्ड वृद्धि के बीच देश भर के कई राज्यों ने रेमेडिसविर की अधिक आपूर्ति की मांग की है.

⦁ भारत ने पिछले 6 महीनों में 100 से अधिक देशों में रेमेडिसविर के 11 लाख इंजेक्शनों का निर्यात किया है.

⦁ सात भारतीय कंपनियां - माइलान, हेटेरो, जुबिलेंट लाइफ साइंसेज, सिप्ला, डॉ रेड्डीज, जेडस कैडिला और सन फार्मा - गिलियड साइंसेज के साथ लाइसेंसिंग समझौते के तहत रेमेडिसविर इंजेक्शन का उत्पादन कर रही हैं.

⦁ भारत ने निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन निर्माता अभी भी मांग को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

⦁ कमी का फायदा उठाकर कुछ लोग इसकी काला बाजार कर ऊंचे दामों पर दवा बेच रहे हैं.

⦁ रिपोर्ट के अनुसार कालाबाजारी के कारण रेमेडिसविर की प्रत्येक खुराक की कीमत 10,000 रुपये हो गई है.

⦁ देश भर में लगातार बढ़ रहे कोरोना मामलों के बीच पुलिस ने चंडीगढ़ में 6 और इंदौर में 3 लोगों को रेमेडिसविर दवा की कालाबाजारी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है.

⦁ इसके अलावा अस्पताल कर्मचारियों और मेडिकल शॉप के मालिकों सहित कई लोगों को पिछले कुछ दिनों में रेमेडिसविर इंजेक्शन को अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) से काफी अधिक कीमत पर बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

भारतीय अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर, बेड, एक्स-रे और कोविड परीक्षण सुविधाओं का अभाव

⦁ कई राज्यों में चिकित्सा ऑक्सीजन की मांग बढ़ गई है. कई अस्पताल मरीजों को वापस भेज रहे हैं क्योंकि उनके पास प्रयाप्त ऑक्सीजन आपूर्ति नहीं है.

⦁ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोविड -19 के मरीज अस्पतालों में बिस्तर खोजने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. दिल्ली सरकार द्वारा संचालित एलएनजेपी अस्पताल में वेंटिलेटर के साथ आईसीयू बेड उपलब्ध नहीं हैं, हालांकि आम वार्ड में बेड उपलब्ध हैं.

⦁ गुजरात में सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, और यहां तक कि सरकारी अस्पतालों में बेड जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी है.

⦁ इस बीच, देश भर में स्थिति गंभीर बनी हुई है. छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में विशेष रूप से हालात अधित खराब हैं.

⦁ छोटे शहरों में निजी लैबस छाती का एक्स-रे और सीटी स्कैन करने से मना कर रहे हैं. इस कारण मरीजों काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

हैदराबाद : कोरोना वायरस के मामलों में अचानक वृद्धि से अस्पताल के बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य चिकित्सा सुविधाओं की भारी कमी हो गई है.देशभर में कोविड के कई मरीज बेड, जीवन रक्षक दवाओं और ऑक्सीजन सिलेंडरों को हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इसके अलावा कुछ शहरों में तो श्मशान के बाहर अंतिम संस्कार के लिए शवों की कतार लगी है. इस बीच कई स्थानों पर कालाबाजारी भी बढ़ गई है.

दवाओं और टीकों की कालाबाजारी

⦁ कोरोना के खिलाफ लड़ाई में रेमेडिसविर को एक महत्वपूर्ण एंटी-वायरल दवा माना जा रहा है. कोविड संक्रमण में रिकॉर्ड वृद्धि के बीच देश भर के कई राज्यों ने रेमेडिसविर की अधिक आपूर्ति की मांग की है.

⦁ भारत ने पिछले 6 महीनों में 100 से अधिक देशों में रेमेडिसविर के 11 लाख इंजेक्शनों का निर्यात किया है.

⦁ सात भारतीय कंपनियां - माइलान, हेटेरो, जुबिलेंट लाइफ साइंसेज, सिप्ला, डॉ रेड्डीज, जेडस कैडिला और सन फार्मा - गिलियड साइंसेज के साथ लाइसेंसिंग समझौते के तहत रेमेडिसविर इंजेक्शन का उत्पादन कर रही हैं.

⦁ भारत ने निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन निर्माता अभी भी मांग को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

⦁ कमी का फायदा उठाकर कुछ लोग इसकी काला बाजार कर ऊंचे दामों पर दवा बेच रहे हैं.

⦁ रिपोर्ट के अनुसार कालाबाजारी के कारण रेमेडिसविर की प्रत्येक खुराक की कीमत 10,000 रुपये हो गई है.

⦁ देश भर में लगातार बढ़ रहे कोरोना मामलों के बीच पुलिस ने चंडीगढ़ में 6 और इंदौर में 3 लोगों को रेमेडिसविर दवा की कालाबाजारी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है.

⦁ इसके अलावा अस्पताल कर्मचारियों और मेडिकल शॉप के मालिकों सहित कई लोगों को पिछले कुछ दिनों में रेमेडिसविर इंजेक्शन को अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) से काफी अधिक कीमत पर बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

भारतीय अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर, बेड, एक्स-रे और कोविड परीक्षण सुविधाओं का अभाव

⦁ कई राज्यों में चिकित्सा ऑक्सीजन की मांग बढ़ गई है. कई अस्पताल मरीजों को वापस भेज रहे हैं क्योंकि उनके पास प्रयाप्त ऑक्सीजन आपूर्ति नहीं है.

⦁ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोविड -19 के मरीज अस्पतालों में बिस्तर खोजने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. दिल्ली सरकार द्वारा संचालित एलएनजेपी अस्पताल में वेंटिलेटर के साथ आईसीयू बेड उपलब्ध नहीं हैं, हालांकि आम वार्ड में बेड उपलब्ध हैं.

⦁ गुजरात में सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, और यहां तक कि सरकारी अस्पतालों में बेड जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी है.

⦁ इस बीच, देश भर में स्थिति गंभीर बनी हुई है. छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में विशेष रूप से हालात अधित खराब हैं.

⦁ छोटे शहरों में निजी लैबस छाती का एक्स-रे और सीटी स्कैन करने से मना कर रहे हैं. इस कारण मरीजों काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

Last Updated : Apr 20, 2021, 9:12 AM IST
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