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नशामुक्त होंगे अरुणाचल प्रदेश के सरकारी कर्मचारी, सरकार ने शुरू किया ऑनलाइन कोर्स

अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) में मादक द्रव्यों के सेवन को रोकने के कदमों के तहत मुख्यमंत्री पेमा खांडू (Chief Minister Pema Khandu) ने शुक्रवार को राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों के लिए मादक द्रव्यों के सेवन की रोकथाम पर एक ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया.

Pema Khandu
मुख्यमंत्री पेमा खांडू
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Published : Apr 8, 2022, 5:48 PM IST

ईटानगर: अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के सरकारी कर्मचारियों के लिए राज्य सरकार ने ऑनलाइन कोर्स शुरू किया है. शुरुआती चरण में ग्रुप ए और बी के कर्मचारियों को चार महीने के पाठ्यक्रम के लिए नामांकन कराना होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि मादक द्रव्यों के सेवन की रोकथाम और प्रबंधन के ज्ञान से लैस ये कर्मचारी समाज में बदलाव के दूत बनेंगे.

उन्होंने कहा कि सफलतापूर्वक पाठ्यक्रम पूरा करने वालों को प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा. इस पहल को नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ सरकार की लड़ाई के लिए एक मजबूत कदम करार देते हुए खांडू ने कहा कि राज्य में शराब और मादक द्रव्यों का सेवन प्रमुख चिंताएं हैं क्योंकि युवा अक्सर दो खतरों का शिकार होते हैं. उन्होंने कहा कि हम में से ज्यादातर लोग केवल मादक द्रव्यों के सेवन और इसके प्रभावों के बारे में सुनते हैं.

यह भी पढ़ें- मेघालय में बनेगा पूर्वोत्तर भारत का पहला नशामुक्ति केंद्र

सीएम ने कहा कि हम उन परिवारों के बारे में शायद ही जानते हैं जो अलग-थलग पड़ जाते हैं. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि नशीले द्रव्यों के दुरुपयोग पर एक नयी अरुणाचली फिल्म 'आई किल्ड माई सन' से वह काफी प्रभावित हुए. उन्होंने सभी कर्मचारियों से स्वेच्छा से ऑनलाइन पाठ्यक्रम करने की अपील की. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि उनकी सरकार ने राज्य भर में छह पुनर्वास केंद्रों की स्थापना के लिए धन की मंजूरी दी है.

ईटानगर: अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के सरकारी कर्मचारियों के लिए राज्य सरकार ने ऑनलाइन कोर्स शुरू किया है. शुरुआती चरण में ग्रुप ए और बी के कर्मचारियों को चार महीने के पाठ्यक्रम के लिए नामांकन कराना होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि मादक द्रव्यों के सेवन की रोकथाम और प्रबंधन के ज्ञान से लैस ये कर्मचारी समाज में बदलाव के दूत बनेंगे.

उन्होंने कहा कि सफलतापूर्वक पाठ्यक्रम पूरा करने वालों को प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा. इस पहल को नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ सरकार की लड़ाई के लिए एक मजबूत कदम करार देते हुए खांडू ने कहा कि राज्य में शराब और मादक द्रव्यों का सेवन प्रमुख चिंताएं हैं क्योंकि युवा अक्सर दो खतरों का शिकार होते हैं. उन्होंने कहा कि हम में से ज्यादातर लोग केवल मादक द्रव्यों के सेवन और इसके प्रभावों के बारे में सुनते हैं.

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