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बिहार में युवक खाने के साथ निगल गया था दांत का पूरा सेट, डॉक्टरों ने सर्जरी कर बाहर निकाला.. बची जान - Artificial tooth removed from heart

पटना में डॉक्टरों ने जटिल सर्जरी कर एक शख्स के दिल से नकली दांत निकाला (Artificial tooth removed from heart) है. दांत में लगे हुए हुक के कारण दांत को गले से निकालना जानलेवा था. छाती की ओपन सर्जरी से भी जोखिम भरा काम था. 4 घंटे की मेहनत के बाद डॉक्टरों की टीम ने गर्दन में चीरा लगाकर हार्ट की मुख्य नली से दांत सहित हुक वाले डेंचर को निकालकर मरीज को नया जीवन दिया गया.

पटना में मरीज के दिल से निकला दांत
पटना में मरीज के दिल से निकला दांत
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Published : Jan 14, 2023, 11:16 AM IST

पटना: बिहार की राजधानी पटना के पारस अस्पताल में इस जटिल सर्जरी (Complex surgery at Paras Hospital in Patna) को सफलतापूर्वक संपन्न किया गया है. दरअसल, युवक के मुंह में डेंचर के सहारे नकली दांत फिट किया गया था. खाना खाने के क्रम में उसने दांत का पूरा सेट ही निगल लिया था. ऐसे में इस दांत के सेट में लगे हुए हुक से आंत फट गई और दांत का पूरा सेट फेफड़े और हृदय के बीच हृदय से निकलने वाली मुख्य नस में फंस गया था.

ये भी पढ़ें: महिला के पेट से निकला फुटबाल के आकार का साढ़े तीन किलो का ट्यूमर

पटना में मरीज के दिल से निकला दांत: पारस अस्पताल के चिकित्सकों की मानें तो यह अब तक बिहार में इस प्रकार की पहली ऐसी दुर्लभ सर्जरी है. इस ऑपरेशन में लगभग 4 घंटे का समय लगा. पारस अस्पताल प्रबंधन ने जानकारी दी कि बेगूसराय के रहने वाले 45 वर्षीय सुरेंद्र कुमार के ऊपरी जबड़े में नकली दांत लगा था और डेंचर के सहारे दांत के सेट को मरीज गलती से निगल गया. इसके बाद मरीज को असहनीय पीड़ा होने लगी. बेगूसराय के एक निजी क्लीनिक में दिखाया गया. जिसके बाद डॉक्टरों ने एंडोस्कोपी की मदद से डेंचर को निकालने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो पाए और जब जान मुश्किल में पड़ गई तो डॉक्टरों ने पटना रेफर कर दिया. जिसके बाद मरीज को परिजन पारस अस्पताल लेकर पहुंचे.

पारस अस्पताल में जटिल सर्जरी: अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि मरीज को गंभीर हालत में लाया गया था और जब यहां डॉक्टरों ने एंडोस्कोपी और सीटी स्कैन किया तो वह दंग रह गए. दांत के डेंचर में लगे हुक से खाने की नली लगभग 10 सेंटीमीटर फट गई थी और खाने की नली से निकलकर छाती में प्रवेश कर गया था. हृदय और फेफड़े के बीच का जो मेन नाश होता है जो हृदय से निकलता है, उसमें यह डेंचर फंस गया था. जिस वजह से मरीज के छाती में बाई तरफ मवाद भर गया था और इन्फेक्शन काफी बढ़ गया था.

अस्पताल प्रबंधन ने आगे बताया कि दांत वाले डेंचर में लगे मेटल के हुक के कारण इसे बाहर निकालना बड़ी चुनौती थी ऐसे में अस्पताल के डायरेक्टर जनरल सर्जरी डॉक्टर एए हई ने लीड करते हुए 7 सदस्य चिकित्सकों की टीम तैयार की और टीम ने मंथन कर सर्जरी का पूरा मैप तैयार किया. सबसे पहले मरीज की थोरैकोस्कोपी विधि से छाती में जमे मवाद को बाहर निकाल कर उसे साफ किया. फिर मरीज के बाई तरफ से गर्दन खोलकर अंदर पहुंचा गया और वहां से उस डेंचर को सुरक्षित बाहर निकाला गया. अस्पताल प्रबंधन की मानें तो मरीज की स्थिति अब पहले से काफी ठीक है और मरीज की तबीयत में लगातार सुधार हो रहा है.

"बेगूसराय के 45 साल के सुरेंद्र के ऊपरी जबड़े में नकली दांत लगा था. डेंचर के सहारे लगे दांत के सेट को उसने गलती से निगल लिया था. डेंटल खाने की नली में फंस गया. जिस वजह से उसे काफी दर्द हो रहा था. पहले वह बेगूसराय के निजी क्लीनिक में इलाज के लिए गया. जहां डेंचर को निकालने की कोशिश हुई लेकिन सफलता नहीं मिली. उसके बाद इमरजेंसी में उसे पारस एचएमआरआई में भर्ती कराया गया. 4 घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद हमारी टीम ने सफलतापूर्वक डेंचर को बाहर निकाला"- डॉ. एए हई, जनरल सर्जरी के निदेशक, पारस एचएमआरआई

पटना: बिहार की राजधानी पटना के पारस अस्पताल में इस जटिल सर्जरी (Complex surgery at Paras Hospital in Patna) को सफलतापूर्वक संपन्न किया गया है. दरअसल, युवक के मुंह में डेंचर के सहारे नकली दांत फिट किया गया था. खाना खाने के क्रम में उसने दांत का पूरा सेट ही निगल लिया था. ऐसे में इस दांत के सेट में लगे हुए हुक से आंत फट गई और दांत का पूरा सेट फेफड़े और हृदय के बीच हृदय से निकलने वाली मुख्य नस में फंस गया था.

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पटना में मरीज के दिल से निकला दांत: पारस अस्पताल के चिकित्सकों की मानें तो यह अब तक बिहार में इस प्रकार की पहली ऐसी दुर्लभ सर्जरी है. इस ऑपरेशन में लगभग 4 घंटे का समय लगा. पारस अस्पताल प्रबंधन ने जानकारी दी कि बेगूसराय के रहने वाले 45 वर्षीय सुरेंद्र कुमार के ऊपरी जबड़े में नकली दांत लगा था और डेंचर के सहारे दांत के सेट को मरीज गलती से निगल गया. इसके बाद मरीज को असहनीय पीड़ा होने लगी. बेगूसराय के एक निजी क्लीनिक में दिखाया गया. जिसके बाद डॉक्टरों ने एंडोस्कोपी की मदद से डेंचर को निकालने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो पाए और जब जान मुश्किल में पड़ गई तो डॉक्टरों ने पटना रेफर कर दिया. जिसके बाद मरीज को परिजन पारस अस्पताल लेकर पहुंचे.

पारस अस्पताल में जटिल सर्जरी: अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि मरीज को गंभीर हालत में लाया गया था और जब यहां डॉक्टरों ने एंडोस्कोपी और सीटी स्कैन किया तो वह दंग रह गए. दांत के डेंचर में लगे हुक से खाने की नली लगभग 10 सेंटीमीटर फट गई थी और खाने की नली से निकलकर छाती में प्रवेश कर गया था. हृदय और फेफड़े के बीच का जो मेन नाश होता है जो हृदय से निकलता है, उसमें यह डेंचर फंस गया था. जिस वजह से मरीज के छाती में बाई तरफ मवाद भर गया था और इन्फेक्शन काफी बढ़ गया था.

अस्पताल प्रबंधन ने आगे बताया कि दांत वाले डेंचर में लगे मेटल के हुक के कारण इसे बाहर निकालना बड़ी चुनौती थी ऐसे में अस्पताल के डायरेक्टर जनरल सर्जरी डॉक्टर एए हई ने लीड करते हुए 7 सदस्य चिकित्सकों की टीम तैयार की और टीम ने मंथन कर सर्जरी का पूरा मैप तैयार किया. सबसे पहले मरीज की थोरैकोस्कोपी विधि से छाती में जमे मवाद को बाहर निकाल कर उसे साफ किया. फिर मरीज के बाई तरफ से गर्दन खोलकर अंदर पहुंचा गया और वहां से उस डेंचर को सुरक्षित बाहर निकाला गया. अस्पताल प्रबंधन की मानें तो मरीज की स्थिति अब पहले से काफी ठीक है और मरीज की तबीयत में लगातार सुधार हो रहा है.

"बेगूसराय के 45 साल के सुरेंद्र के ऊपरी जबड़े में नकली दांत लगा था. डेंचर के सहारे लगे दांत के सेट को उसने गलती से निगल लिया था. डेंटल खाने की नली में फंस गया. जिस वजह से उसे काफी दर्द हो रहा था. पहले वह बेगूसराय के निजी क्लीनिक में इलाज के लिए गया. जहां डेंचर को निकालने की कोशिश हुई लेकिन सफलता नहीं मिली. उसके बाद इमरजेंसी में उसे पारस एचएमआरआई में भर्ती कराया गया. 4 घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद हमारी टीम ने सफलतापूर्वक डेंचर को बाहर निकाला"- डॉ. एए हई, जनरल सर्जरी के निदेशक, पारस एचएमआरआई

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