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हाईकोर्ट ब्लास्ट के लिए अशरफ ने की थी रेकी, ऐसे बनवाया आईडी प्रूफ

संदिग्ध आतंकी अशरफ की गिरफ्तारी के बाद उसने पुलिस के सामने कई बड़े खुलासे किए हैं. उसने पुलिस को वर्ष 2011 हाईकोर्ट ब्लास्ट में आतंकियों की मदद करने और हाईकोर्ट के बाहर रेकी करने की बात भी कबूली.

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Published : Oct 13, 2021, 12:47 PM IST

Updated : Oct 13, 2021, 1:51 PM IST

नई दिल्ली: स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार किए गए संदिग्ध आतंकी अशरफ ने कई महत्वपूर्ण खुलासे पुलिस के समक्ष किए हैं. पुलिस को उसने बताया है कि 2011 हाईकोर्ट ब्लास्ट में उसने आतंकियों की मदद की थी. दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर रेकी करने की जिम्मेदारी आतंकियों ने उसे दी थी. यह रेकी करने के बाद उसने सभी इनपुट उन्हें मुहैया कराए थे, जिसके बाद वहां ब्लास्ट को अंजाम दिया गया था. पुलिस इस ब्लास्ट से जुड़े अन्य तथ्यों को लेकर उससे पूछताछ कर रही है.

जानकारी के अनुसार, स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार किए गए अशरफ को मंगलवार अदालत के समक्ष पेश कर 14 दिन की रिमांड पर लिया गया था. उसे लोधी कॉलोनी स्थित स्पेशल सेल के दफ्तर में रखा गया है, जहां पर उससे लगातार पूछताछ की जा रही है. पूछताछ के दौरान उसने खुलासा किया कि हाईकोर्ट के बाहर वर्ष 2011 में हुए ब्लास्ट में उसने आतंकियों की मदद की थी. उसने इस बात से साफ इनकार किया है कि वह इस ब्लास्ट में शामिल था. उसने केवल रेकी कर हाईकोर्ट के बाहर के हालात आतंकियों को बताए थे. ब्लास्ट को अंजाम देने के लिए दूसरी टीम आई थी.

पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया है कि बिहार में रहने के दौरान उसने वहां के सरपंच से अच्छी दोस्ती कर ली थी. उसी सरपंच ने आईडी कार्ड बनवाने में उसकी मदद की थी. उसने पुलिस को बताया है कि 2004 में वह पाकिस्तान से पहले बांग्लादेश पहुंचा था और वहां से पश्चिम बंगाल के रास्ते भारत में दाखिल हुआ था. वह सीधे अजमेर शरीफ गया, जहां पर उसकी मुलाकात बिहार के कुछ लोगों से हुई थी. इसलिए वह कुछ समय बाद वहां से बिहार चला गया था. बिहार में रहने के दौरान उसने एक गांव में शरण ली और वहां के सरपंच से अच्छी दोस्ती कर ली. सरपंच को जब उस पर विश्वास होने लगा तो उसने उसे अपने गांव का निवासी बताते हुए उसका पहचान पत्र बनवा दिया था.

पढ़ें : अशरफ से पूछताछ करेंगे पुलिस कमिश्नर, जम्मू धमाकों में भी मिली भूमिका

पुलिस को शक है कि जम्मू-कश्मीर में हुए कई आतंकी हमलों में भी उसकी भूमिका हो सकती है. इसे लेकर लगातार पूछताछ चल रही है. सूत्रों का कहना है कि उससे पूछताछ करने के लिए आज एनआईए सहित कई अन्य सुरक्षा एजेंसी स्पेशल सेल के दफ्तर आएंगी. बीते एक दशक के दौरान देशभर में हुए अलग-अलग धमाकों को लेकर उससे जानकारी जुटाने की कोशिश की जाएगी. अभी तक की जांच में पुलिस को पता चला है कि वह न केवल आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था, बल्कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी भी कर रहा था.

नई दिल्ली: स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार किए गए संदिग्ध आतंकी अशरफ ने कई महत्वपूर्ण खुलासे पुलिस के समक्ष किए हैं. पुलिस को उसने बताया है कि 2011 हाईकोर्ट ब्लास्ट में उसने आतंकियों की मदद की थी. दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर रेकी करने की जिम्मेदारी आतंकियों ने उसे दी थी. यह रेकी करने के बाद उसने सभी इनपुट उन्हें मुहैया कराए थे, जिसके बाद वहां ब्लास्ट को अंजाम दिया गया था. पुलिस इस ब्लास्ट से जुड़े अन्य तथ्यों को लेकर उससे पूछताछ कर रही है.

जानकारी के अनुसार, स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार किए गए अशरफ को मंगलवार अदालत के समक्ष पेश कर 14 दिन की रिमांड पर लिया गया था. उसे लोधी कॉलोनी स्थित स्पेशल सेल के दफ्तर में रखा गया है, जहां पर उससे लगातार पूछताछ की जा रही है. पूछताछ के दौरान उसने खुलासा किया कि हाईकोर्ट के बाहर वर्ष 2011 में हुए ब्लास्ट में उसने आतंकियों की मदद की थी. उसने इस बात से साफ इनकार किया है कि वह इस ब्लास्ट में शामिल था. उसने केवल रेकी कर हाईकोर्ट के बाहर के हालात आतंकियों को बताए थे. ब्लास्ट को अंजाम देने के लिए दूसरी टीम आई थी.

पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया है कि बिहार में रहने के दौरान उसने वहां के सरपंच से अच्छी दोस्ती कर ली थी. उसी सरपंच ने आईडी कार्ड बनवाने में उसकी मदद की थी. उसने पुलिस को बताया है कि 2004 में वह पाकिस्तान से पहले बांग्लादेश पहुंचा था और वहां से पश्चिम बंगाल के रास्ते भारत में दाखिल हुआ था. वह सीधे अजमेर शरीफ गया, जहां पर उसकी मुलाकात बिहार के कुछ लोगों से हुई थी. इसलिए वह कुछ समय बाद वहां से बिहार चला गया था. बिहार में रहने के दौरान उसने एक गांव में शरण ली और वहां के सरपंच से अच्छी दोस्ती कर ली. सरपंच को जब उस पर विश्वास होने लगा तो उसने उसे अपने गांव का निवासी बताते हुए उसका पहचान पत्र बनवा दिया था.

पढ़ें : अशरफ से पूछताछ करेंगे पुलिस कमिश्नर, जम्मू धमाकों में भी मिली भूमिका

पुलिस को शक है कि जम्मू-कश्मीर में हुए कई आतंकी हमलों में भी उसकी भूमिका हो सकती है. इसे लेकर लगातार पूछताछ चल रही है. सूत्रों का कहना है कि उससे पूछताछ करने के लिए आज एनआईए सहित कई अन्य सुरक्षा एजेंसी स्पेशल सेल के दफ्तर आएंगी. बीते एक दशक के दौरान देशभर में हुए अलग-अलग धमाकों को लेकर उससे जानकारी जुटाने की कोशिश की जाएगी. अभी तक की जांच में पुलिस को पता चला है कि वह न केवल आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था, बल्कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी भी कर रहा था.

Last Updated : Oct 13, 2021, 1:51 PM IST
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