पिथौरागढ़ : उच्च हिमालयी इलाकों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए सेना ने मोर्चा संभाल लिया है. सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से गुंजी में फंसे 30 लोगों को गुरुवार को रेस्क्यू किया गया. रेस्क्यू किए गए लोगों में 15 पर्यटक देश के विभिन्न राज्यों से हैं. उधर, दारमा में भी सेना के हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया. वहीं, आदि कैलाश गए सैलानी की मौत हो गई है.
भारतीय सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से 11 हजार फीट की ऊंचाई पर फंसे 30 लोगों को सुरक्षित नैनी-सैनी एयरपोर्ट पहुंचाया गया. इनमें विभिन्न राज्यों से आए 15 सैलानी हैं. ये सभी सैलानी ऊँ पर्वत, पार्वती ताल और आदि कैलाश के दर्शनों के लिए गए थे, लेकिन भारी बारिश और बर्फबारी के कारण 4 दिनों से गुंजी में ही फंसे रहे. जिन्हें अब सकुशल रेस्क्यू कर लिया गया है.
यह भी पढ़ें- ETV BHARAT से बोले गृह मंत्री अमित शाह- आपदा से निपटने को जल्द बनेगा रिसर्च एवं अपग्रेडेशन इंस्टीट्यूट
दारमा घाटी से 19 लोगों का रेस्क्यू
पिथौरागढ़ की दारमा घाटी में फंसे लोगों को भी सेना के हेलीकॉप्टर की मदद रेस्क्यू कर लिया गया है. हेलीकॉप्टर के जरिए दारमा के दांतू में फंसे 19 लोगों को धारचूला पहुंचाया गया. धारचूला लाए गए लोगों में 15 टूरिस्ट हैं. ये सभी 17 अक्टूबर से दांतू में फंसे थे. दारमा घाटी में भी भारी बारिश और बर्फबारी के कारण सभी रास्ते बंद हो चुके हैं. सैलानियों ने आर्मी का आभार भी जताया है.
आदि कैलाश गए सैलानी की मौत
आदि कैलाश के दर्शन करने गए महाराष्ट्र के पर्यटक गोविंद सिंह की ज्योलिंगकोंग में भारी बर्फबारी में दबने मौत हो गई है. पर्यटक की डेड बॉडी फिलहाल नहीं मिली है. मौसम साफ होने पर शव को खोजने के लिए प्रशासन की ओर से ज्योलिंगकोंग क्षेत्र में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जाएगा.