इंफाल: मणिपुर में आदिवासियों के आंदोलन के दौरान हिंसा भड़कने के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना और असम राइफल्स को तैनात किया गया है. सेना के एक प्रवक्ता ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. प्रवक्ता ने बताया कि अब तक 7,500 लोगों को सुरक्षाबलों ने हिंसा प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है. उन्होंने बताया कि और भी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है.
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#WATCH | Since 24 hours, some incidents of clashes & vandalism have been reported in some places. These incidents are a result of a prevailing misunderstanding b/w two sections of our society. The state govt is taking all steps to control the situation: Manipur CM N Biren Singh pic.twitter.com/YEwiN2ynJm
— ANI (@ANI) May 4, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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मणिपुर हिंसा के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से फोन पर बात की है. शाह ने एन बीरेन सिंह को हर संभव मदद का भरोसा दिया है. वहीं, मणिपुर हिंसा पर बॉक्सर और पूर्व राज्यसभा सांसद एमसी मैरी कॉम ने भी चिंता जताई है. उन्होंने कहा है कि मुझे मणिपुर की स्थिति के बारे में अच्छा नहीं लग रहा है. बीती रात से स्थिति बिगड़ी हुई है, मैं राज्य और केंद्र सरकार से स्थिति के लिए कदम उठाने और राज्य में शांति और सुरक्षा बनाए रखने की अपील करती हूं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस हिंसा में कुछ लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया है. यह स्थिति जल्द से जल्द सामान्य होनी चाहिए.
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#WATCH | Delhi: I am not feeling good about the situation In Manipur. Since last night the situation has deteriorated. I appeal State & Central Government to take steps for the situation & maintain peace & security in the state. It is unfortunate that some people lost their… pic.twitter.com/y1ht24WiSc
— ANI (@ANI) May 4, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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खड़गे ने की शांति बनाए रखने की अपील: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी मणिपुर हिंसा पर कहा है कि 'मणिपुर जल रहा है.' इसके साथ ही खड़गे ने सभी पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की है.
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Manipur is burning. BJP has created fissures among communities and destroyed the peace of a beautiful state.
— Mallikarjun Kharge (@kharge) May 4, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
BJP's politics of hate, division and its greed for power is responsible for this mess.
We appeal to people from all sides to exercise restraint and give peace a chance.
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— Mallikarjun Kharge (@kharge) May 4, 2023
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We appeal to people from all sides to exercise restraint and give peace a chance.Manipur is burning. BJP has created fissures among communities and destroyed the peace of a beautiful state.
— Mallikarjun Kharge (@kharge) May 4, 2023
BJP's politics of hate, division and its greed for power is responsible for this mess.
We appeal to people from all sides to exercise restraint and give peace a chance.
प्रवक्ता ने बताया कि रात में सेना और असम राइफल्स को बुलाया गया था और राज्य पुलिस के साथ बलों ने सुबह तक हिंसा पर नियंत्रण पा लिया. उन्होंने बताया, 'स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए फ्लैग मार्च किया जा रहा है.' राज्य की आबादी में 53 प्रतिशत हिस्सा रखने वाले गैर-आदिवासी मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के खिलाफ चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में 'ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर' (एटीएसयूएम) द्वारा बुलाए गए 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के दौरान बुधवार को हिंसा भड़क गई.
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Internet services suspended in Manipur for five days amid incidents of fighting amongst youths, volunteers of different communities as a rally was organised by All Tribals Students Union (ATSU) Manipur in protest against the demand for inclusion of Meitei/Meetei in the ST… pic.twitter.com/BVyD78JPhV
— ANI (@ANI) May 3, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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मार्च का आयोजन मणिपुर उच्च न्यायालय द्वारा पिछले महीने राज्य सरकार को मेइती समुदाय द्वारा एसटी दर्जे की मांग पर चार सप्ताह के भीतर केंद्र को एक सिफारिश भेजने के लिए कहने के बाद किया गया. पुलिस के अनुसार, चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में मार्च के दौरान हथियार लिए हुए लोगों की एक भीड़ ने कथित तौर पर मेइती समुदाय के लोगों पर हमला किया, जिसकी जवाबी कार्रवाई में मेइती समुदाय के लोगों ने भी हमले किए, जिसके कारण पूरे राज्य में हिंसा भड़क गई.
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उन्होंने बताया कि तोरबंग में तीन घंटे से अधिक समय तक हुई हिंसा में कई दुकानों और घरों में तोड़फोड़ के साथ ही आगजनी की गई. लोगों से शांति बनाए रखने का आग्रह करते हुए मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा, 'संपत्ति के नुकसान के अलावा कीमती जानें चली गई हैं, जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.' हालांकि, मौतों का विवरण तत्काल उपलब्ध नहीं है. सिंह ने कहा कि हिंसा समाज में 'गलतफहमी' का नतीजा है.
उन्होंने कहा, 'राज्य सरकार कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए सभी कदम उठा रही है और लोगों के जान-माल की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की मांग की गई है.' उन्होंने कहा, 'केंद्रीय और राज्य बलों को हिंसा में शामिल व्यक्तियों और समूहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.' पड़ोसी मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हुए सिंह को पत्र लिखा.
उन्होंने पत्र में लिखा है, 'मिजोरम के मुख्यमंत्री के रूप में एक स्थायी पड़ोसी जिसकी इतिहास और संस्कृति के मामले में मणिपुर के साथ बहुत कुछ समानता है, मुझे आपके राज्य के कुछ हिस्सों में भड़की हिंसा और वहां के मेइती समुदाय और आदिवासियों के बीच अंतर्निहित तनाव से बहुत पीड़ा हुई है.' सिंह ने कहा कि उन्होंने जोरमथंगा से फोन पर बात की और उन्हें मौजूदा स्थिति से अवगत कराया.
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एक अधिकारी ने बताया कि स्थिति को देखते हुए गैर-आदिवासी बहुल इंफाल पश्चिम, काकचिंग, थौबल, जिरिबाम और विष्णुपुर जिलों तथा आदिवासी बहुल चुराचांदपुर, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया. उन्होंने बताया कि पूरे राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं पांच दिन के लिए निलंबित कर दी गईं हैं. पुलिस ने बताया कि इंफाल घाटी के कई इलाकों में कुकी आदिवासियों के घरों में तोड़फोड़ की गई, जिससे उन्हें वहां से भागने पर मजबूर होना पड़ा.
पुलिस ने कहा कि इंफाल पश्चिम में कुकी बहुल लांगोल क्षेत्र के 500 से अधिक निवासी अपने घरों से भाग गए हैं और वर्तमान में लम्फेलपत में सीआरपीएफ शिविर में रह रहे हैं. उन्होंने बताया कि इंफाल घाटी में बीती रात कुछ पूजा स्थलों को भी आग के हवाले कर दिया गया. इस बीच, आदिवासी बहुल चुराचांदपुर जिले के करीब 1,000 मेइती क्वाक्ता और मोइरांग सहित बिष्णुपुर जिले के विभिन्न इलाकों में भाग गए. पुलिस ने बताया कि कांगपोकपी जिले के मोटबंग इलाके में बीस से अधिक घर भी जलकर खाक हो गए. तेंगनौपाल जिले में म्यामां सीमा के पास मोरेह से भी हिंसा की सूचना मिली.
(पीटीआई-भाषा)