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इसरो जासूसी मामले में सीबीआई के खिलाफ दलीलें पूरी, 27 अगस्त को फैसला

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Published : Aug 16, 2021, 6:30 PM IST

भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत इसरो जासूसी मामले की जांच करने वाले सीबीआई अधिकारियों के खिलाफ मामला उठाने की याचिका पर बहस पूरी हो गई है. फैसला 27 अगस्त को सुनाया जाएगा.

Arguments
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तिरुवनंतपुरम : इसरो जासूसी मामले में सीबीआई के खिलाफ दलीलें पूरी हो चुकी हैं. साजिश मामले के पहले आरोपी एस विजयन ने सीबीआई के पूर्व अधिकारियों के खिलाफ याचिका दायर की है. तिरुवनंतपुरम में सीबीआई की विशेष अदालत ने याचिका पर सुनवाई की.

याचिका में मुख्य आरोप यह है कि नंबी नारायणन ने इसरो घोटाले में छेड़छाड़ करने के लिए सीबीआई जांच अधिकारियों को रिश्वत के तौर पर जमीनें सौंपी थी. विजयन ने अदालत में यह आरोप लगाते हुए दस्तावेज भी पेश किए कि नंबी नारायणन ने सीबीआई के पूर्व उपाधीक्षक हरि की बहन को जमीन सौंपी थी.

1994 में जब मामला सीबीआई को सौंपा गया था, तब पूर्व डीएसपी हरि वाल्सन ने नंबी नारायणन और एक अन्य अधिकारी शशिकुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अवैध रूप से संपत्ति हासिल करने का मामला दर्ज किया था. विजयन ने अदालत में तर्क दिया कि सीबीआई ने मामले को भी बट्टे खाते में डाल दिया था.

सीबीआई ने जवाब दिया कि आरोपी ऐसी याचिका के साथ अदालत का दरवाजा कैसे खटखटा सकता है और याचिका आपराधिक कानून के तहत मौजूद नहीं है. सीबीआई न्यायाधीश सानिल कुमार ने कहा कि मामले में फैसला 27 अगस्त को दिया जाएगा.

यह भी पढ़ें-Pegasus issue : केंद्र के हलफनामे पर SC में कहा-सीमित जानकारी दी गई

सीबीआई के पूर्व अधिकारी डीआईजी राजेंद्रनाथ कौल, डीएसपी हरि वाल्सन और तिरुवनंतपुरम सीबीआई इकाई के वर्तमान एसपी मामले में विरोधी पक्ष हैं.

तिरुवनंतपुरम : इसरो जासूसी मामले में सीबीआई के खिलाफ दलीलें पूरी हो चुकी हैं. साजिश मामले के पहले आरोपी एस विजयन ने सीबीआई के पूर्व अधिकारियों के खिलाफ याचिका दायर की है. तिरुवनंतपुरम में सीबीआई की विशेष अदालत ने याचिका पर सुनवाई की.

याचिका में मुख्य आरोप यह है कि नंबी नारायणन ने इसरो घोटाले में छेड़छाड़ करने के लिए सीबीआई जांच अधिकारियों को रिश्वत के तौर पर जमीनें सौंपी थी. विजयन ने अदालत में यह आरोप लगाते हुए दस्तावेज भी पेश किए कि नंबी नारायणन ने सीबीआई के पूर्व उपाधीक्षक हरि की बहन को जमीन सौंपी थी.

1994 में जब मामला सीबीआई को सौंपा गया था, तब पूर्व डीएसपी हरि वाल्सन ने नंबी नारायणन और एक अन्य अधिकारी शशिकुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अवैध रूप से संपत्ति हासिल करने का मामला दर्ज किया था. विजयन ने अदालत में तर्क दिया कि सीबीआई ने मामले को भी बट्टे खाते में डाल दिया था.

सीबीआई ने जवाब दिया कि आरोपी ऐसी याचिका के साथ अदालत का दरवाजा कैसे खटखटा सकता है और याचिका आपराधिक कानून के तहत मौजूद नहीं है. सीबीआई न्यायाधीश सानिल कुमार ने कहा कि मामले में फैसला 27 अगस्त को दिया जाएगा.

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सीबीआई के पूर्व अधिकारी डीआईजी राजेंद्रनाथ कौल, डीएसपी हरि वाल्सन और तिरुवनंतपुरम सीबीआई इकाई के वर्तमान एसपी मामले में विरोधी पक्ष हैं.

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