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आंध्र प्रदेश सरकार को परिवहन विभाग ने लिखा, बकाया नहीं चुकाया तो नहीं मिल पाएंगी वीवीआईपी के लिए गाड़ियां - परिवहन विभाग बकाया

परिवहन विभाग ने कथित तौर पर राज्य सरकार को पत्र लिखकर पिछले तीन वर्षों में राज्य में वीवीआईपी के काफिले के लिए इस्तेमाल किए गए वाहनों से संबंधित 17.5 करोड़ रुपये के लंबित बिलों को मंजूरी देने की मांग की है. पत्र में, आरटीए अधिकारियों ने कहा कि अगर सरकार जल्द से जल्द लंबित बिलों का भुगतान करने में विफल रहती है तो वे वीवीआईपी के काफिले के लिए वाहनों की व्यवस्था नहीं कर पाएंगे.

आंध्र प्रदेश सरकार को परिवहन विभाग ने लिखा
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Published : May 13, 2022, 11:14 AM IST

विजयवाड़ा : परिवहन विभाग ने कथित तौर पर राज्य सरकार को पत्र लिखकर पिछले तीन वर्षों में राज्य में वीवीआईपी के काफिले के लिए इस्तेमाल किए गए वाहनों से संबंधित 17.5 करोड़ रुपये के लंबित बिलों को मंजूरी देने की मांग की है. पत्र में, आरटीए अधिकारियों ने कहा कि अगर सरकार जल्द से जल्द लंबित बिलों का भुगतान करने में विफल रहती है तो वे वीवीआईपी के काफिले के लिए वाहनों की व्यवस्था नहीं कर पाएंगे.

संपर्क करने पर, आरटीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वीवीआईपी के काफिले के लिए वाहनों की व्यवस्था के लिए प्रति वर्ष लगभग 4.5 करोड़ रुपये खर्च होते हैं. हाल ही में एक बैठक में, आरटीए अधिकारियों ने मामले को परिवहन मंत्री पी विश्वरूप के संज्ञान में लिया था. उन्होंने सरकार से मुख्यमंत्री के जिला दौरे की शुरुआत से पहले विशेष खाते से बजट आवंटित करने के अलावा, लंबित बिलों को जल्द से जल्द निपटाने का भी आग्रह किया. गौरतलब है कि पिछले महीने की 20 तारीख को आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी के काफिले के लिए लोगों से गाड़ी छीनने के आरोप में होम गार्ड और असिस्टेंट मोटर व्हिकल इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया था.

पढ़ें: Andhra Pradesh: करीब चार लाख करोड़ पहुंचा राज्य का कर्ज, श्रीलंका जैसे हो सकते हैं हालात

जानकारी के मुताबिक भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन के लिए तिरुमाला जा रहा एक परिवार होटल में खाना खा रहे थे. इस दौरान होम गार्ड का एक जवान उनके पास आया और कहा कि सीएम जगन मोहन रेड्डी को 22 अप्रैल को प्रकासम जिले के दौरे पर जाना है. गार्ड ने कहा कि सीएम के काफिले के लिए उन्हें ड्राइवर के साथ उनकी इनोवा कार चाहिए. परिवार ने विरोध भी किया लेकिन होम गार्ड ने किसी की नहीं मानी और ड्राइवर के साथ गाड़ी लेकर चला गया. परिवार को बस स्टैंड पर बैठकर रात गुजारनी पड़ी.

मामले ने तूल पकड़ा तो राज्य के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू ने जगन सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि अधिकारी को किसने ये अधिकार दिया कि वो तीर्थ यात्रा पर जा रहे आम लोगों से उनकी गाड़ी छीने? चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि क्या राज्य की अर्थव्यवस्था इतनी बिगड़ चुकी है कि हम वो अपने संसाधन से मुख्यमंत्री के काफिले के लिए कार का भी इंतजाम नहीं कर पा रहे हैं? उन्होंने कहा कि इस तरह लोगों से गाड़ी छीनकर सरकार लोगों को क्या संदेश देना चाह रही है? सीएम जगन मोहन रेड्डी ने इस मामले पर खेद जताते हुए जबरन गाड़ी लेने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया था. सीएम रेड्डी ने कहा था कि लोगों को परेशानी में डालने वाली किसी भी तरह की हरकत को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सीएम के आदेश के बाद आंध्र प्रदेश ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने होम गार्ड पी रुपल रेड्डी और असिस्टेंट मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर ए संध्या को सस्पेंड कर दिया था.

विजयवाड़ा : परिवहन विभाग ने कथित तौर पर राज्य सरकार को पत्र लिखकर पिछले तीन वर्षों में राज्य में वीवीआईपी के काफिले के लिए इस्तेमाल किए गए वाहनों से संबंधित 17.5 करोड़ रुपये के लंबित बिलों को मंजूरी देने की मांग की है. पत्र में, आरटीए अधिकारियों ने कहा कि अगर सरकार जल्द से जल्द लंबित बिलों का भुगतान करने में विफल रहती है तो वे वीवीआईपी के काफिले के लिए वाहनों की व्यवस्था नहीं कर पाएंगे.

संपर्क करने पर, आरटीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वीवीआईपी के काफिले के लिए वाहनों की व्यवस्था के लिए प्रति वर्ष लगभग 4.5 करोड़ रुपये खर्च होते हैं. हाल ही में एक बैठक में, आरटीए अधिकारियों ने मामले को परिवहन मंत्री पी विश्वरूप के संज्ञान में लिया था. उन्होंने सरकार से मुख्यमंत्री के जिला दौरे की शुरुआत से पहले विशेष खाते से बजट आवंटित करने के अलावा, लंबित बिलों को जल्द से जल्द निपटाने का भी आग्रह किया. गौरतलब है कि पिछले महीने की 20 तारीख को आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी के काफिले के लिए लोगों से गाड़ी छीनने के आरोप में होम गार्ड और असिस्टेंट मोटर व्हिकल इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया था.

पढ़ें: Andhra Pradesh: करीब चार लाख करोड़ पहुंचा राज्य का कर्ज, श्रीलंका जैसे हो सकते हैं हालात

जानकारी के मुताबिक भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन के लिए तिरुमाला जा रहा एक परिवार होटल में खाना खा रहे थे. इस दौरान होम गार्ड का एक जवान उनके पास आया और कहा कि सीएम जगन मोहन रेड्डी को 22 अप्रैल को प्रकासम जिले के दौरे पर जाना है. गार्ड ने कहा कि सीएम के काफिले के लिए उन्हें ड्राइवर के साथ उनकी इनोवा कार चाहिए. परिवार ने विरोध भी किया लेकिन होम गार्ड ने किसी की नहीं मानी और ड्राइवर के साथ गाड़ी लेकर चला गया. परिवार को बस स्टैंड पर बैठकर रात गुजारनी पड़ी.

मामले ने तूल पकड़ा तो राज्य के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू ने जगन सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि अधिकारी को किसने ये अधिकार दिया कि वो तीर्थ यात्रा पर जा रहे आम लोगों से उनकी गाड़ी छीने? चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि क्या राज्य की अर्थव्यवस्था इतनी बिगड़ चुकी है कि हम वो अपने संसाधन से मुख्यमंत्री के काफिले के लिए कार का भी इंतजाम नहीं कर पा रहे हैं? उन्होंने कहा कि इस तरह लोगों से गाड़ी छीनकर सरकार लोगों को क्या संदेश देना चाह रही है? सीएम जगन मोहन रेड्डी ने इस मामले पर खेद जताते हुए जबरन गाड़ी लेने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया था. सीएम रेड्डी ने कहा था कि लोगों को परेशानी में डालने वाली किसी भी तरह की हरकत को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सीएम के आदेश के बाद आंध्र प्रदेश ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने होम गार्ड पी रुपल रेड्डी और असिस्टेंट मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर ए संध्या को सस्पेंड कर दिया था.

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