विशाखापत्तनम: मोबाइल फोन पर जबरन दिशा ऐप डाउनलोड करने को लेकर हुई बहस के दौरान आंध्र प्रदेश पुलिस के कर्मचारियों ने भारतीय सेना के एक जवान के साथ सार्वजनिक रूप से मारपीट की. यह घटना मंगलवार को आंध्र प्रदेश के अनाकापल्ली जिले में हुई. जम्मू-कश्मीर के बारामूला में 52वीं राष्ट्रीय राइफल्स कैंप में कार्यरत सैयद अलीमुल्ला छुट्टी पर येलमंचिली मंडल के रेगुपालिनी गांव में अपने घर आया था.
मंगलवार को जब वह परवाड़ा में बस का इंतजार कर रहा था, तो एक महिला सहित चार पुलिस कर्मियों ने उनसे अपने मोबाइल फोन पर दिशा ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा. उन्होंने उसका मोबाइल फोन ले लिया और ऐप डाउनलोड करने लगे. जब एक कांस्टेबल ने अपने मोबाइल पर प्राप्त ओटीपी लिखा तो अलीमुल्ला ने उससे कहा कि ओटीपी के माध्यम से साइबर अपराध किए जा रहे हैं. उसने पुलिस कांस्टेबलों से अपना पहचान पत्र दिखाने के लिए कहा क्योंकि उनकी वर्दी पर नाम भी नहीं लिखा था.
इस पर आरोपियों ने कहा कि क्या वह पुलिस की वर्दी नहीं देख रहा है। उन्होंने उसे थाने आने के लिए कहा. जब उसने मना किया तो तीन पुलिसकर्मियों ने उसे खींच लिया. उनमें से एक ने उसका कॉलर पकड़ लिया. उन्होंने उसे जबरन ऑटोरिक्शा में बिठाने की कोशिश की. जब पीड़ित ने विरोध जारी रखा तो पुलिस कर्मियों ने उसका पहचान पत्र छीन लिया. बाद में सेना के जवान ने शिकायत दर्ज कराने के लिए अनाकापल्ली जिले के पुलिस अधीक्षक के.वी. मुरली कृष्णा से मुलाकात की.
एसपी ने जांच के आदेश दिए और घटना में शामिल चारों सिपाहियों को आर्म्ड रिजर्व में अटैच कर दिया. इस बीच, तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के महासचिव नारा लोकेश ने घटना की निंदा की है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया कि दिशा एक्ट में कोई निर्देश नहीं है. उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा लाए गए दिशा ऐप के नाम पर कुछ गलत हो रहा है.
टीडीपी नेता ने लिखा, 'पुरुषों के मोबाइल पर महिलाओं के लिए दिशा ऐप को जबरन डाउनलोड करना संदेह पैदा करता है. यह नृशंस है कि पुलिस ने इस पर सवाल उठाने वाले अनाकापल्ली जिले के रेगुपलेनी निवासी एक सैनिक सैयद अलीमुल्ला पर हमला किया. एक सैनिक जो देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान जोखिम में डालता है, आंध्र प्रदेश आने पर उसके पास कोई सुरक्षा नहीं है.'