चेन्नई : नीट परीक्षा में फेल होने के डर से तमिलनाडु में एक और छात्रा ने आत्महत्या कर ली. वेल्लोर जिले में रहने वाली व एमबीबीएस की पढ़ाई करने की इच्छुक 17 वर्षीय छात्रा ने बुधवार को आत्महत्या कर ली. पुलिस के मुताबिक छात्रा सौंदर्या (Soundharya) को डर था कि वह राष्ट्रीय अर्हता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) उत्तीर्ण नहीं कर पाएगी.
इसके साथ ही राज्य में गत चार दिन में नीट के तनाव से आत्महत्या करने वाले उम्मीदवारों की संख्या तीन हो गई है. 12 सितंबर को सबसे पहले धनुष नामक उम्मीदवार ने आत्महत्या की थी जिस दिन राष्ट्रीय स्तर की यह परीक्षा हुई थी. वहीं, अरियालुर जिले के छठमबाड़ी गांव की रहने वाली छात्रा ने सोमवार को कथित तौर पर फांसी लगा ली थी.
टोल फ्री नंबर 104 की शुरुआत
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और विभिन्न दलों के नेताओं ने मृतक छात्रा के परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और विद्यार्थी समुदाय से अपील की है कि वे ऐसे कदम नहीं उठाएं. इसके साथ ही सरकार ने चिकित्सा पाठ्यक्रम में प्रवेश को इच्छुक और नीट देने वाले विद्यार्थियों को परामर्श देने के लिए समर्पित टोल फ्री नंबर 104 की शुरुआत की है.
पुलिस ने बताया कि वेल्लोर जिले के कटापडी (Kattpadi) के नजदीक थलयारामपट्टू गांव की रहने वाली सौंदर्या रविवार को आयोजित नीट में शामिल हुई थी और उसे डर था कि वह परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाएगी.
कटापड़ी के पुलिस अधिकारी ने बताया कि लड़की ने सुबह करीब साढ़े नौ बजे कमरे में साड़ी का फंदा बना फांसी लगा ली. गवर्नमेंट गर्ल्स हाई स्कूल में पढ़ने वाली सौंदर्या ने बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में 600 में से 510 अंक हासिल किए थे.
उल्लेखनीय है कि नीट लागू होने के बाद से गत चार साल में सौंदर्या तमिलनाडु में 17वीं चिकित्सा पाठ्यक्रम की उम्मीदवार है जिसने आत्महत्या की है. स्टालिन ने कहा कि वह आत्महत्या की खबर सुनकर टूट गए हैं और केंद्र सरकार पर 'पत्थर दिल' होने का आरोप लगाया जो कथित तौर पर तमिलनाडु को नीट के दायरे से बाहर करने को तैयार नहीं है.
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