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ओडिशा के चिल्का में वार्षिक पक्षी गणना शुरू

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Published : Jan 4, 2023, 11:59 AM IST

एशिया में खारे पानी के सबसे बड़े झील चिल्का में वार्षिक पक्षी गणना शुरू हो गई है. पिछले साल साल सबसे ज्यादा 11.42 लाख से ज्यादा प्रवासी पक्षियों का आगमन हुआ है. चिल्का प्रवासी पक्षियों के लिए सबसे सुरक्षित जगह माना जाता है.

chilka wildlife division
प्रतिकात्मक तस्वीर

खोरधा (ओडिशा) : चिल्का झील में वार्षिक पक्षी गणना बुधवार सुबह शुरू हुई. पुरी, खोरधा और गंजाम जिलों में फैले चिल्का लैगून में प्रवासी और घरेलू पक्षियों की गिनती में 100 से अधिक कर्मचारियों वाली कम से कम 21 टीमों को तैनात किया गया है. वार्षिक गणना हर साल की जाती है और सुबह 6 बजे शुरू होती है और दोपहर 12 बजे तक जारी रहेगी. हालांकि टांगी जोन में 8, बालूगांव में 6, सतपाड़ा में 4, रंभा में 2 और चिल्का में 1 टीम तैनात है. हर साल मतगणना के लिए जीपीएस, दूरबीन का इस्तेमाल किया जाता है.

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बर्ड काउंटिंग टीम में वन्यजीव विभाग के कर्मचारी, वन विभाग के कर्मचारी, OUAT के छात्र और वाइल्ड ओडिशा और वाइल्डीज नामक सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता शामिल हैं. साल 2022 में ओडिशा की चिल्का झील में 11.42 लाख से अधिक पक्षियों का आगमन हुआ था. इसमें पक्षियों की 190 प्रजातियां हैं. चिल्का विकास प्राधिकरण (सीडीए) की रिपोर्ट में कहा गया था कि मंगलवार को हुई पक्षियों की गणना से पता चला था कि इस साल 11.42 लाख से ज्यादा परिंदे आए थे.

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सीडीए के मुख्य कार्याधिकारी सुशांत नंदा ने बताया था कि 2018-19 में 160 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने से आने वाले पक्षियों की संख्या बढ़ी है. उन्होंने कहा कि पक्षियों की संख्या से आर्द्र भूमि के पारिस्थितिक तंत्र की स्थिति का पता चलता है. नंदा ने कहा कि पिछले साल 184 प्रजाति के पक्षियों का आगमन हुआ था, जबकि 2021 में 190 प्रजाति के परिंदों का आगमन हुआ है. चिल्का झील में इस बार सबसे ज्यादा पक्षी आए हैं. चिल्का झील एशिया में खारे पानी की सबसे बड़ी झील है. इस बार आए 190 प्रजाति के पक्षियों में 111 अलग-अलग देशों से आए प्रवासी परिंदे हैं, जबकि 79 भारतीय प्रजाति के पक्षी हैं.

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खोरधा (ओडिशा) : चिल्का झील में वार्षिक पक्षी गणना बुधवार सुबह शुरू हुई. पुरी, खोरधा और गंजाम जिलों में फैले चिल्का लैगून में प्रवासी और घरेलू पक्षियों की गिनती में 100 से अधिक कर्मचारियों वाली कम से कम 21 टीमों को तैनात किया गया है. वार्षिक गणना हर साल की जाती है और सुबह 6 बजे शुरू होती है और दोपहर 12 बजे तक जारी रहेगी. हालांकि टांगी जोन में 8, बालूगांव में 6, सतपाड़ा में 4, रंभा में 2 और चिल्का में 1 टीम तैनात है. हर साल मतगणना के लिए जीपीएस, दूरबीन का इस्तेमाल किया जाता है.

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बर्ड काउंटिंग टीम में वन्यजीव विभाग के कर्मचारी, वन विभाग के कर्मचारी, OUAT के छात्र और वाइल्ड ओडिशा और वाइल्डीज नामक सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता शामिल हैं. साल 2022 में ओडिशा की चिल्का झील में 11.42 लाख से अधिक पक्षियों का आगमन हुआ था. इसमें पक्षियों की 190 प्रजातियां हैं. चिल्का विकास प्राधिकरण (सीडीए) की रिपोर्ट में कहा गया था कि मंगलवार को हुई पक्षियों की गणना से पता चला था कि इस साल 11.42 लाख से ज्यादा परिंदे आए थे.

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सीडीए के मुख्य कार्याधिकारी सुशांत नंदा ने बताया था कि 2018-19 में 160 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने से आने वाले पक्षियों की संख्या बढ़ी है. उन्होंने कहा कि पक्षियों की संख्या से आर्द्र भूमि के पारिस्थितिक तंत्र की स्थिति का पता चलता है. नंदा ने कहा कि पिछले साल 184 प्रजाति के पक्षियों का आगमन हुआ था, जबकि 2021 में 190 प्रजाति के परिंदों का आगमन हुआ है. चिल्का झील में इस बार सबसे ज्यादा पक्षी आए हैं. चिल्का झील एशिया में खारे पानी की सबसे बड़ी झील है. इस बार आए 190 प्रजाति के पक्षियों में 111 अलग-अलग देशों से आए प्रवासी परिंदे हैं, जबकि 79 भारतीय प्रजाति के पक्षी हैं.

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