ग्वालियर। भारत से पाकिस्तान जाने वाली अंजू का परिवार इस समय सदमे से गुजर रहा है. जिले की टेकनपुर में स्थित बोना गांव में पिता गया प्रसाद थॉमस सबसे ज्यादा संकट में पड़ गए हैं. पिछले एक सप्ताह से अंजू के पिता गया प्रसाद थॉमस देश भर की मीडिया के सामने आने से थक गए हैं. मीडिया को वे देखकर भड़क रहे है और आत्महत्या करने की धमकी दे रहे हैं. जब मीडिया उनके पास जा रही है तो उन्हें देखकर ही हाथ जोड़कर बोल रहे हैं कि कृपया कैमरा चालू मत करना, मैं बोल बोलकर थक चुका हूं. अगर नहीं मानोगे तो मैं आत्महत्या कर लूंगा.
अंजू की हरकतों के चलते दो वक्त की रोटी को मोहताज परिवार: अंजू के पिता गया प्रसाद थॉमस का कहना है कि "मेरा सिर्फ इतना कसूर है कि वह मेरी बेटी है. इसको लेकर मैं पिछले एक सप्ताह से अपनी बात रखते-रखते परेशान हो चुका हूं, थक गया हूं. अब हालात यह हो गए हैं कि मेरी रोजी-रोटी का भी संकट आ गया है. अंजू के पिता ने बताया कि उनकी रोजी-रोटी की जुगाड़ कपड़े सिलने से होती है. गांव में कुछ छोटे-मोटे कपड़े सिलने के लिए घर पर आते रहते हैं. इससे घर का गुजारा होता रहता है, लेकिन पिछले एक सप्ताह से जब अंजू का मामला सामने आया है. उसके बाद कोई भी घर पर नहीं आया है. इस कारण दो वक्त की रोटी के लिए भी मोहताज हो रहे हैं. हालात ये है कि घर पर आटा खत्म हो चुका है और बासी रोटियां खानी पड़ रही है."
बच्चों के बुरे कर्मों को झेलना पड़ रहा: इसके साथ ही अंजू के पिता ने अपना दुख दर्द बयां करते हुए कहा कि "कोई भी पिता यह नहीं चाहता है कि उसकी संताने बिगड़े... लेकिन यह बात सत्य है कि बेटों की बुरे कर्मों को पिता को झेलना पड़ता है और मैं लगातार पिछले कई दिनों से झेल रहा हूं. मैं पूरी तरह मानसिक संतुलन खो चुका हूं और मेरा परिवार पूरी तरह टूट चुका है. साथ ही जब से यह घटना सामने आई है उसके बाद कोई भी रिश्तेदार और कोई भी परिवार का सदस्य मेरा साथ नहीं दे रहा है और न ही उन्होंने अभी तक हाल चाल पूछने के लिए फोन किया है."
मीडिया में चल रही खबरों का पिता ने किया खंडन: इसके साथ ही मीडिया में चल रही खबरों को लेकर भी उन्होंने खंडन किया. उनका कहना है कि "गांव के सभी लोग मेरा समर्थन कर रहे हैं. साथ ही मेरी मदद भी कर रहे हैं. किसी भी गांव के व्यक्ति ने अभी तक मेरा कोई विरोध नहीं किया है. अंजू के पिता गया प्रसाद थॉमस ने बताया कि मीडिया में यह खबरें चल रही है कि ग्रामीण मेरा विरोध कर रहे हैं और गांव से बाहर निकालने की धमकी दे रहे हैं, लेकिन कोई भी गांव का व्यक्ति विरोध नहीं कर रहा है और पूरा गांव मेरा समर्थन कर रहा है और मेरी मदद कर रहा है."